प्रोफैसर अपहरण केस:जिससे तोड़ा था रिश्ता,उसी से पैसे लेकर नहीं लौटी सुखप्रीत

punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2017 - 04:11 PM (IST)

अमृतसर: समय बीतने के साथ-साथ गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की असिस्टैंट प्रो. सुखप्रीत कौर के अपहरण का मामला पेचीदा होता जा रहा है।  वहीं इस मामले में  कई नए खुलासे हो रहे हैं। सुखप्रीत के मोगा के बाघापुराना में रहते माता-पिता ने जतिन्द्र सिंह गैरी  को लेकर अहम जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि  गैरी का रिश्ता उनकी बेटी के लिए 2014 में आया था। करीब 3 माह पहले परिवार ने फैसला किया था कि वह इस रिश्ते की बात को आगे नहीं बढाएंगे। इसलिए उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया था। इस पर उनकी बेटी ने उससे बातचीत करनी बंद कर दी थी।

 सुखप्रीत से गैरी ने बिजनेस के नाम काफी पैसा उधार लिया था। वह 11 सितम्बर को जी.एन.डी.यू. के होस्टल रूम में एक नोट छोड़कर गई थी,जिसमें लिखा था कि  वह बार-बार  गैरी से अपने पैसे वापस मांग रही थी।  वह उसे पैसे वापस देने के लिए आ रहा है। इसके तहत उससे मिलने के लिए गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की मार्किट में बने सब-वे में जा रही है। अगर उसे कुछ भी होता है तो इसका जिम्मेदार जतिंदर सिंह विर्क होगा।

वहीं अपहरण के बाद आरोपी ने शुक्रवार को सुखप्रीत के पिता सीरत तथा भाई सुखदीप सिंह को मैसेज कर 30 लाख फिरौती की मांग की थी।इस पर उन्होंने सुखप्रीत के बैंक खाते में 38 हजार रुपए जमा करवाए,जबकि उसमें पहले ही 53 हजार रुपए थे। आरोपी ने दिल्ली तथा पंजाब के विभन्न खातों से उक्त रकम निकलवा ली। उसके भाई ने बताया कि जब शादी की बात चली थी तो गैरी ने अपनी झूठी शान-शौकत दिखाते हुए अपने आपको अमीर खानदान का बताया था।


इस दौरान उसने लाल बत्ती कार को दिखाते कहा था कि उसके परिवार का पंजाब में अच्छा खासा रौब है।  उसके परिवार का अास्ट्रेलिया में बिजनैस है। उसके पिता पंजाब के गर्वनर के साथ काम करते हैं। पर असल में उसके पिता गर्वनर के ड्राइवर के तौर पर  कार्य करते थे। वहीं आस्ट्रेलिया से लौटी गैरी के मां ने उन्हें बताया था कि उसका बेटा कोई बिजनैस और नौकरी नहीं करता। वह सिर्फ झूठ बोल रहा है।इसके चलते उन्होंने शादी से इंकार कर दिया था। 
 
उल्लेखनीय है कि आरोपी लगातार सुखप्रीत कौर की लोकेशन को बदल रहे हैं।  दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बने टोल प्लाजा पर रविवार की रात आरोपी जतिन्द्र सिंह गैरी की होंडा सिटी कार को स्पॉट किया गया। इसके उपरांत अमृतसर पुलिस की स्पैशल टीमों ने जयपुर के विभिन्न होटलों में दबिश तो दी, मगर कोई भी पुख्ता सुराग नहीं मिल सके। उल्लेखनीय है कि  अमृतसर से सुखप्रीत कौर को जिस गाड़ी में बैठाया गया था, वह दिल्ली-जयपुर हाईवे की ओर गई थी। जब हाईवे के टोल प्लाजा की सी.सी.टी.वी. फुटेज को निकाला गया तो उसमें आरोपी जतिन्द्र सिंह गैरी की होंडा सिटी कार स्पॉट हुई थी।  

 


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