जब SDM ने अध्यापकों से पूछा, क्यों खराब रहा रिजल्ट?

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2017 - 03:25 PM (IST)

लुधियाना(विक्की): पी.एस.ई.बी. 12वीं में खराब नतीजे देने वाले सरकारी स्कूलों का डी.सी. की टीमों ने दौरा शुरू कर दिया। डिवीजनल स्तर पर एस.डी.एम. पश्चिम दमनजीत सिंह की अध्यक्षता में गठित टीम ने आज विभिन्न 6 स्कूलों का दौरा करके कम परिणाम देने के कारण जाने। एस.डी.एम. के साथ सरकारी स्कूल बद्दोवाल के प्रिंसीपल कृष्ण दत्त, लैक्चरार राकेश भल्ला सहित 5 सदस्यीय कमेटी ने कमियों की रिपोर्ट जुटाई। टीम ने स्कूलों में चैकिंग के दौरान कम परिणाम आने का स्पष्टीकरण भी विषय अध्यापकों एवं प्रिंसीपलों से मांगे हैं। बता दें कि डी.सी. प्रदीप अग्रवाल ने पिछले दिनों लुधियाना के सरकारी स्कूलों के खराब परिणामों का कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त स्कूलों की एस.डी.एम. की अध्यक्षता में टीमें बनाकर चैकिंग करवाने का फैसला किया था।

पहले हैबोवाल खुर्द स्कूल में पहुंची टीम 
सुबह टीम सबसे पहले हैबोवाल खुर्द के सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल पहुंची, जहां पर एस.डी.एम. ने स्कूल के छात्रों का 12वीं का कम परिणाम आने के कारण जाने। इस स्कूल के गणित में 14 में से 4 विद्यार्थी ही पास हो पाए हैं। एस.डी.एम. ने उस समय नाराजगी जताई, जब बार-बार मांगे जाने के बावजूद स्कूल की ओर से प्री-बोर्ड का रिजल्ट उपलब्ध नहीं करवाया गया। इस पर एस.डी.एम. ने कहा कि वह इस संबंधी विभाग को लिखकर भेजेंगे तो इसके बाद कुछ ही मिनट में स्कूल ने प्री-बोर्ड का रिजल्ट उपलब्ध करवा दिया। 

इंटरनैट फ्री होने का भी पड़ा असर
स्कूल के कुछ अध्यापकों ने कहा कि जियो फ्री होना भी स्टूडैंट्स के खराब परिणाम का एक प्रमुख कारण रहा है, क्योंकि इंटरनैट फ्री होने के चलते बच्चे फोन नहीं छोड़ते और स्टडी की ओर उनका ध्यान कम रहता है। एस.डी.एम. ने बताया कि इसके बाद टीम ने हसनपुर और पमाल, संगोवाल और चक्कलां स्कूल में भी जांच की।

जब बच्चे के बैग से मिला मोबाइल 
स्कूल स्टाफ उस समय हक्का-बक्का रह गया, जब एस.डी.एम. की टीम द्वारा छात्रों के बैगों की चैकिंग के दौरान हैबोवाल खुर्द के स्कूल में एक स्टूडैंट्स के बैग से मोबाइल फोन मिला, जिसे टीम ने प्रिंसीपल के पास जमा करवा दिया। एस.डी.एम. ने कहा कि इस स्कूल में चैकिंग के दौरान कुछ कमियां मिली हैं, जिसके संबंधी में डी.सी. को रिपोर्ट में बताया जाएगा।

कक्षाओं का दौरा कर स्टूडैंट्स से की बात 
एस.डी.एम. दमनजीत ने स्कूल की विभिन्न कक्षाओं का दौरा करके विद्याॢथयों से बातचीत की। 11वीं की छात्राओं ने बताया कि कॉमर्स में अकाऊंट्स विषय का कोई अध्यापक न होने के चलते गणित टीचर ही कॉमर्स पढ़ा रहा है। इसके अलावा 11वीं आर्ट्स में भी अधिकारी ने विद्यार्थियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कुछ स्टूडैंट्स का हेयर स्टाइल देखकर स्टाफ को लताड़ लगाते हुए कहा कि स्कूल को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए। 

90 प्रतिशत से अधिक परिणाम वालों को मिलेगी शाबाशी
एक तरफ जहां डी.सी. की टीम ने खराब परिणाम वाले स्कूलों की चैकिंग शुरू कर दी है, वहीं डी.ई.ओ. सैकेंडरी डा. चरणजीत सिंह ने भी सरकारी स्कूलों के ऐसे अध्यापकों की लिस्ट मांग ली है, जिनके विषयों का परिणाम 20 प्रतिशत से कम आया है। हालांकि डी.ई.ओ. ने कलस्टर इंचार्जों को भेजे गए पत्र में ऐसे अध्यापकों के नाम भी मांगे हैं, जिनके विषयों के परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक आए हैं। डी.ई.ओ. की ओर से मांगी गई उक्त सूचना से कयास लगाया जा रहा है कि जहां विभाग ने कम परिणाम वाले अध्यापकों से जवाब-तलबी करने की प्रक्रिया शुरू की है, वहीं ऐसे अध्यापकों की पीठ थपथपाने का फैसला भी किया है, जिनके विषयों के परिणाम शानदार रहे हैं। डी.ई.ओ. ने समूह सरकारी सी.सै. एवं हाई स्कूलों को उक्त सूचना 30 मई तक भेजने के आदेश दिए हैं। हालांकि साथ ही स्कूलों को यह भी आदेश दिए गए हैं कि स्कूल यह सूचना कलस्टर स्कूलों को ही भेजें।


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