प्रशासन की सख्ती से ‘पटाखा गेम इज ओवर’

punjabkesari.in Monday, Oct 16, 2017 - 02:55 PM (IST)

लुधियाना(बहल): दीपावली से पूर्व पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों से पटाखा कारोबारियों के लाइसैंस रद्द होने से कारोबारियों में बेहद मायूसी का आलम छा गया है। जिला प्रशासन द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए शनिवार को दाना मंडी की पटाखा होलसेल मार्कीट बंद करवाने का असर आज रविवार के दिन भी छाया रहा। दीपावली पर्व में मात्र 3 दिन शेष हैं और अब सोमवार शाम को जिलाधीश द्वारा 5 बजे मात्र 20 प्रतिशत लाइसैंस जारी होने हैं। सभी कारोबारी नजरें गढ़ाए हुए हैं कि देखें किस की लॉटरी निकलती है। आज रविवार की छुट्टी के दिन भी डी.सी. कार्यालय की एम.ए. ब्रांच खुली थी और कुछ पटाखा व्यापारियों द्वारा आज लाइसैंस के लिए अर्जियां देने का समाचार है। 

हाईकोर्ट अपने फैसले पर करे पु्र्नविचार
शिवसेना के टकसाली नेता संदीप थापर गोरा ने कहा कि दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा और महान पर्व है। पटाखे बजाने की पुरानी परम्परा चली आ रही है, जिस पर रोक लगाकर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। माननीय हाईकोर्ट अपने आदेशों पर पु्र्नविचार करके लोगों को पटाखों की पाबंदी से राहत दे।

 संडे के दिन अंडर द टेबल बिके पटाखे
होलसेल पटाखा मंडी के कारोबारी करोड़ों रुपए का स्टॉक सेल पर पाबंदी के कारण बिक्री होने से दिनभर परेशान दिखे, क्योंकि आमतौर पर हर साल दीपावली से पूर्व शनिवार और रविवार को आधे पटाखों की सेल हो जाती है। लुधियाना के मॉडल टाऊन एक्सटैंशन, दुगरी, हंबड़ा रोड, चंडीगढ़ रोड स्थित वर्धमान मार्कीट और पक्खोवाल स्थित रिटेल पटाखा मार्कीटें भी आज लगभग सुनसान रहीं। सूत्रों के मुताबिक माछीवाड़ा, साहनेवाल, कोहाड़ा स्थित पटाखे के गोदामों से बड़े उद्योगपतियों, अधिकारियों और पॉलीटीशियंस द्वारा पटाखों की गुपचुप परचेज किए जाने की खबर है।

प्रशासन की सख्ती से पटाखा ग्राहकों में खौफ 
पटाखा होलसेल मार्कीट के प्रधान प्रदीप गुप्ता ने कहा कि प्रशासन के सख्त रवैये से ग्राहकों और रिटेल पटाखा विक्रेताओं में खौफ का आलम है। आज दिनभर 5 प्रतिशत कारोबार भी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि वह पिछले 40 वर्षों से पटाखा कारोबार कर रहे हैं लेकिन ऐसी धक्केशाही जिंदगी में नहीं देखी गई। चेयरमैन अशोक थापर ने कहा कि पटियाला में मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह का शहर होने के कारण पटाखे सरेआम बिके हैं लेकिन यहां पटाखा लाइसैंस कैंसिल करके व्यापारियों से धक्केशाही की गई है। यह सरासर अन्याय है। 


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