...अब फिल्में दिखाकर रेलवे कमाएगा राजस्व

punjabkesari.in Friday, Mar 24, 2017 - 07:21 AM (IST)

लुधियाना(स.ह.): ट्रेन में यात्रियों के मनोरंजन के लिए रेल प्रशासन उन्हें उनके मनपसंद गीत, संगीत तथा उनके मनपसंद धारावाहिक, फिल्में, बच्चों के कार्टून चैनल, गेम, ई-पेपर सहित कई अन्य ऑनलाइन, ऑफलाइन सुविधाएं उपलब्ध करवाने जा रहा है जिसका यात्रियों को शुल्क अदा करना होगा। रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे के परंपरागत स्रोतों के अलावा गैर-परंपरागत स्रोतों (आऊटसोॄसग) से राजस्व जुटाने के लिए एग्जीक्यूटिव डायरैक्टर आर.पी. ठाकुर के नेतृत्व में एक निदेशालय (डायरैक्टोरेट) गठित किया था।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भी इस संबंधी नीति बनाकर इस दिशा में कार्य शुरू कर लागू करने के लिए रेलवे मुख्यालय के उच्चाधिकारियों को आदेश दिए थे। इस नीति के तहत रेलवे परिसरों, प्लेटफार्मों पर बैंकों को ए.टी.एम. लगाने के लिए किराए पर स्थान प्रदान करवाना, रेलवे स्टेशनों, ट्रेनों व शहरों के अन्य भीतरी प्रमुख क्षेत्रों में पड़ते रेलवे के स्थानों को होॄडग व अन्य साधनों से विज्ञापनों के लिए स्थान किराए पर देना, वाई-फाई इंटरनैट सुविधा देना रेडियो, वीडियो सामग्री मुहैया करवाना था। 

अगले माह से यात्री उठा पाएंगे मनपसंद गीतों, फिल्मों, धारावाहिकों का आनंद
सूत्रों के अनुसार रेल प्रशासन इस सुविधा को सफलतापूर्वक चलाने के लिए रेलवे ट्रेनों के डिब्बों को लाखों रुपए खर्च कर आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है जबकि ऑफलाइन सुविधा प्रदान करने में 50 हजार से भी कम रुपए लागत आने की सूचना है। यात्रियों को अप्रैल से इस सुविधा का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। लेकिन इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए यात्रियोंं को कितना शुल्क देना पड़ेगा इस बात का अभी पता नहीं चल पाया है।

सुविधा शुरू करने के लिए निजी कम्पनियों से मांगे टैंडर रेलवे प्रशासन द्वारा इस सुविधा को शुरू करने के लिए निजी कम्पनियों से टैंडर मांगें हैं और इस कार्य को हासिल करने वाली कम्पनियों से रेलवे 10 वर्ष का अनुबंध करने की प्लानिंग कर रहा है। इस योजना को शुरू करने के लिए पूरे देश में इंटरनैट सुविधा प्रदान करने वाली बड़ी-बड़ी देशी-विदेशी इंटरनैट प्रोवाइडर कम्पनियों में टैंडर जारी होने को लेकर काफी उत्सुकता पाई जा रही है। 

 


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