सेफ ड्राइव-सेफ रोड कम्पेन देश भर में शुरू

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2017 - 11:42 AM (IST)

जालंधर(रविंदर शर्मा) देश भर में हर साल किसी भी त्रास्दी में इतने लोग नहीं मरते जितने कि सड़क हादसों में मरते हैं। भारत सरकार के नए आंकड़ों के मुताबिक देश में हर 4 मिनट बाद सड़क हादसे में एक मौत हो रही है। एक साल के भीतर सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर डेढ़ लाख तक पहुंच गई है। ये आंकड़े बेहद खौफनाक हैं। सबसे डराने वाली बात यह है कि हादसों के पीछे सबसे बड़ा कारण लापरवाही व तेज रफतार है, जिस कारण मरने वाले 60 प्रतिशत लोगों में सिर्फ 15 से 34 साल के युवा हैं। यही नहीं 15 साल से कम उम्र के 20 बज्जे देश भर में एक दिन में मारे जा रहे हैं। हाईवे मिनिस्ट्री ने इन खौफनाक आंकड़ों के बाद देश भर में सेफ ड्राइव-सेफ रोड कैम्पेन की शुरूआत की है।

इन खौफनाक हादसों से लडऩे के लिए पूरे 9 महीने देश भर के आई.आई.टी. समेत 500 कालेज काम करेंगे ताकि भारत की सड़कें सेफ हो सकें। रोड ट्रांसपोर्ट व हाईवे मिनिस्ट्री व राज्य ट्रैफिक पुलिस के साथ ये स्टूडैंट इंडियन रोड सेफटी कैम्पेन के साथ आगे बढ़ेंगे, जिनका मकसद 2020 तक सड़क हादसों को काम करना और इनसे होने वाली मौतों के ग्राफ को कम से कम आधा करना होगा। ये स्टूडैंट्स एजूकेशन व इंजीनियरिंग के माध्यम से अपने आइडिया पर प्रोडक्ट व प्लान तैयार करेंगे। आई.आई.टी. दिल्ली के एल्मूनी और कैम्पेन के फाऊंडर अमर श्रीवास्तव का कहना है कि इन 9 महीनों में करीब 500 कालेज इस कैम्पेन से जुड़ेंगे। 50 शहरों में यह इवेंट होंगे। 100 से ज्यादा टैक्रिकल इनोवेशन इस कैम्पेन का हिस्सा होंगे। इस चैलेंज के तहत स्टूडैंट्स पांच प्वाइंट फोकस करेंगे, जिनमें कानून, अवेयरनैस, टैक्रोलॉजी व इनोवेशन, इमरजैंसी केयर व मैडीकल रिसर्च शामिल होंगे। 

प्रोडक्ट्स से लेकर एप पर होगा काम
हर साल देश में 5 लाख से ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। इन ब्लैक स्पॉट की पहचान करना और उन्हें ठीक करना, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग पर और बेहतर काम करना और जागरूकता पर स्टूडैंट्स फोकस करेंगे। खासतौर पर स्टूडैंट्स को टैक्रोलॉजी प्रोजैक्ट्स पर काम करना होगा ताकि हादसों को कम किया जा सके। सीट बैल्ट, डिटैकशन डिवाइस, सेफ हैलमेट डिजाइन, ऑटोमेटेड सी.पी.आर. ट्रेनर, एल्कोहल डिटैकशन के लिए ब्रेथ एनलाइजर, भारत के लिए खास रोड डिजाइन, ड्राइवर ट्रेनिंग सिमूलेटर्स, ब्लाइंड लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट सेफटी पर प्रोडक्ट, एप, वैबसाइट डिवैल्पमैंट वर्क या फिर रिसर्च वर्क स्टूडैंट्स के प्रोजैक्ट में शामिल होंगे। स्टूडैंट्स को अवेयरनैस कम्पेन में स्कूलों में जाकर, वर्कशॉप करते, पब्लिक के बीच जाकर क्रिएटिव तरीके से संदेश देने होंगे। ऑनलाइन और आफ लाइन दोनों एक्टिविटी होंगी। स्टूडैंट्स को पहले क्वार्टर में सर्र्वे कर दिक्कतों का पता कर एक्शन प्लान तैयार करना होगा। दूसरे क्वार्टर में स्टूडैंट्स को 5 मिनट का वीडियो बनाकर देना होगा जो उनकी रिसर्च व प्रोडक्ट की पूरी जानकारी दे। तीसरे क्वार्टर में प्रोडक्ट्स का फाइनल वर्जन जमा करना होगा। 

प्रोडक्ट्स को मार्कीट में लाने के लिए इंडस्ट्री की लेंगे मदद
इन प्रोड्क्ट व एप का डैमो आई.आई.टी. दिल्ली के टेक फेयर में भी दिया जाएगा। चुने हुए प्रोडक्ट को मार्कीट में लाने के लिए इंडस्ट्री की मदद ली जाएगी। आई.आई.टी. के अलावा एम्स की फैकल्टी के अलावा रोड सेफटी और कानून इस कम्पेन के एक्सपर्ट हैं। इस चैलेंज की विनर टीम को 7.5 लाख रुपए ,रनरअप को 5 लाख रुपए और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 2.5 लाख रुपए का इनाम मिलेगा। क्वार्टर लैवल (हर 3 महीने) पर पहला प्राइज 50,000 रुपए, दूसरा 35,000 व तीसरा 15,000 रुपए है। स्टूडैंट्स को नामी कंपनियों और इंस्टीच्यूट्स में इंटरनशिप का मौका मिलेगा और टॉप कालेज के स्टूडैंट्स को कई फैलोशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया जाएगा। 


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