यौन शोषण के आरोपों से नाबालिगा के पलटने के बावजूद भी सजा से नहीं बच पाया आरोपी

punjabkesari.in Friday, Dec 15, 2017 - 11:46 AM (IST)

अमृतसर (महेन्द्र): करीब 16 वर्षीय नाबालिगा को बहला-फुसला कर उसे अपने साथ भगा ले जाने तथा उसका यौन शोषण करने के मामले में पीड़ित नाबालिगा के अदालत में अपने बयान से पलट जाने के बावजूद आरोपी युवक सजा से नहीं बच पाया। स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज एस.एस. धालीवाल की अदालत ने आरोपी को भा.दं.सं. की धारा-363 व 366 में 4-4 वर्ष की कैद और कुल 15 हजार रुपए जुर्माना किए जाने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि अदा न करने पर उसे एक महीने की अतिरिक्त कैद काटनी होगी। 

मामले की बैकग्रांऊड
 इटावा (यू.पी.) से आकर स्थानीय भद्रकाली क्षेत्र में रह रहे एक व्यक्ति ने 4-4-2017 को स्थानीय थाना गेट हकीमां में शिकायत कर अपने बयान दर्ज करवाए थे कि उसकी करीब 16 वर्षीय नाबालिग लड़की जो 9वीं कक्षा में पढ़ती है, 2-4-2017 को रोजाना की तरह सुबह 8-9 बजे घर से स्कूल गई थी पर वापिस घर नहीं लौटी थी। तलाश करने के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया था।

बाद में उन्हें पता चला कि यू.पी. के जिला कन्नौज से स्थानीय भद्रकाली क्षेत्र में रहने वाला आरोपी विकास उर्फ वीका पुत्र कल्लू उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसला कर तथा शादी का झांसा देकर अपने साथ कहीं भगा ले गया है। इस शिकायत पर थाना गेट हकीमां की पुलिस ने 4-4-2017 को आरोपी के खिलाफ भा.दं.सं. की धारा 363/366 के तहत मुकद्दमां नंबर 59/2017 दर्ज किया था। 

16वें दिन महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया था आरोपी को
इस मामले में स्थानीय पुलिस ने स्थानीय अदालत से आरोपी के खिलाफ 14-4-2017 को गिरफ्तारी वारंट हासिल किए थे, जिसके आधार पर पुलिस पार्टी ने एक गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी को 18-4-2017 को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से नाबालिगा को बरामद करने का दावा किया था, जिसके पश्चात पुलिस ने आरोपी को महाराष्ट्र में माननीय न्यायाधीश मटके की अदालत में पेशकर उसके खिलाफ 65 घंटों का ट्रांजिट रिमांड हासिल किया था।

अमृतसर पहुंच कर जहां आरोपी को 21-4-2017 को स्थानीय अदालत में पेश किया था, वहीं नाबालिगा का मैडीकल करवा कर सी.आर.पी.सी. की धारा-164 के तहत जे.एम.आई.सी. सम्मुखी की अदालत में उसके बयान दर्ज करवाए थे, जिसमें यौन-शोषण पीड़िता का कहना था कि 2-4-2016 को स्कूल जाते समय वह रास्ते में मंदिर में माथा टेक कर बाहर आई तो आरोपी उसे बहला-फुसला कर अपने साथ शादी करने का झांसा देकर उसे बस के जरिए जालंधर तथा जालंधर से ट्रेन के जरिए महाराष्ट्र अपनी बहन के घर ले गया था जहां एक मंदिर में दोनों ने एक साथ रहने की कसम भी खाई थी। उसके पश्चात आरोपी ने उसके साथ यौन संबंध बनाए थे। अदालत में बयान दर्ज करवाने के पश्चात अदालत के निर्देशानुसार नाबालिगा को उसके मां-बाप के सुपुर्द कर दिया गया था। 

कानूनी बहस दौरान बयान से पलट गई थी नाबालिगा, लेकिन....
मामले की सुनवाई के दौरान कानूनी बहस में नाबालिगा अपने बयान से पलट गई थी। उसका यह कहना था कि आरोपी ने उसका यौन-शोषण नहीं किया था। उसने उसे निर्दोष बताना शुरू कर दिया था। यह देख प्रोसीक्यूशन स्तब्ध रह गया था। प्रोसीक्यूशन का कहना था कि पीड़िता चाहे यौन-शोषण के आरोप से इंकार कर रही है, लेकिन नाबालिगा को बहला-फुसला कर अपने साथ भगा ले जाने के आरोप तो साबित हो ही चुके हैं। पुलिस ने आरोपी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर उसके कब्जे में से नाबालिगा को बरामद किया था, इसलिए इस जुर्म से आरोपी सजा से नहीं बच सकता है। 


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