स्मार्ट सिटी मिशनः विवाद के डर से राजनीतिज्ञों को किया उद्घाटन से दूर

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 03:54 PM (IST)

लुधियाना(हितेश): स्मार्ट सिटी मिशन की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर प्रोजैक्टों की शुरूआत करने बारे नगर निगम प्रशासन द्वारा किए जा रहे दावों की एक-एक करके हवा निकल रही है, जिसके तहत पहले 4 और फिर 2 कामों की शुरूआत करने का ढिंढोरा पीटा गया। जबकि असलियत यह है कि रविवार को राहगिरी डे के तहत हो रहे समारोह को स्मार्ट सिटी की वर्षगांठ का नाम देकर आरती चौक में जो सिर्फ एक साईनेज लगाने का प्रोजैक्ट शुरू करने की बात कही जा रही है, उसमें भी ग्राऊंड पर काम शुरू होने की जगह कमिश्नर द्वारा नारियल ही फोड़ा जाएगा। हालांकि पिछले दिनों हुए विवादों के मद्देनजर राजनीतिज्ञों को पूरे इवैंट से दूर ही रखा जा रहा है।

आशू व मेयर में फिर फंस सकता था पेंच
 पिछले दिनों 2 प्रोजैक्टों की शुरूआत करने के नाम पर मेयर व विधायक भारत भूषण आशू के बीच जमकर रस्साकशी हुई थी। इसमें कूड़े की डोर-टू-डोर कलैक्शन का काम आशू की पार्षद पत्नी ममता के वार्ड नं. 49 से शुरू करने की बात आई तोमेयर ने एतराज जताया। हालांकि अफसरों ने यह कहकर मामला शांत किया कि बाकी जगह यूनियनों द्वारा विरोध किया जा रहा है और यहां आशू के समर्थन के चलते प्रोजैक्ट की शुरूआत हो सकती है। जिस समारोह का चीफ गैस्ट भी मेयर को बना लिया गया और शायद इसी कारण आशू उसमें शामिल नहीं हुए। अब स्मार्ट सिटी को लेकर जिस जगह समारोह हो रहा है, वो भी विधायक आशू के इलाके में आता है। जहां अगर उन्हें बुलाते हैं तो मेयर को भी न्यौता देना पड़ता। इन दोनों में पेंच फंसने के डर से प्रशासन ने कमिश्नर को आगे कर दिया है। 

बोर्ड ऑफ डायरैक्टर लगा चुके हैं विश्वास में न लेने का आरोप
नगर निगम द्वारा फंड की कमी कारण दशकों से लटक रहे प्रोजैक्टों को स्मार्ट सिटी मिशन का नाम देने बारे पंजाब केसरी में खुलासा होने के बाद मेयर सहित बोर्ड आफ डायरैक्टर के 2 अन्य मैंबर संजय गोयल व के.एन.एस. कंग द्वारा खुद को विश्वास में न लेने का आरोप लगाया जा चुका है। मैंबरों का कहना है कि लुधियाना में लोकल बॉडीज के एडीशनल चीफ सैक्रेटरी व केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के डायरैक्टर की स्मार्ट सिटी संबंधी हो रही मीटिंगों में भी मैंबरों को बुलाने की जरूरत नहीं समझी जा रही। 

मल्हार रोड पर पुरानी सड़क ही काम आने बारे हुई टैस्टिंग
फिरोजपुर रोड से हीरो बेकरी चौक तक मल्हार रोड के जिस हिस्से को स्मार्ट रोड के तौर पर डिवैल्प किया जाना है, उसका सर्वे करके 23 करोड़ की लागत वाली डी.पी.आर. बन चुकी है, जिसे मंजूरी के लिए स्टेट लैवल कमेटी के पास भेजे जाने पर एतराज किया गया कि क्या मौजूदा सड़क ही काम आ सकती है या नई बनानी पड़ेगी। जिस पर कोर कटिंग करके सड़क की टैस्टिंग की गई और यह सर्टीफिकेट दिया गया है कि मौजूदा सड़क का हिस्सा ही री-कारपेटिंग करके काम आ जाएगा। इसके आधार पर डी.पी.आर. दोबारा सरकार के पास भेजी जा रही।


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