कहीं सिरदर्दी न बन जाएं निगम द्वारा लगाए गए छोटे डस्टबिन

punjabkesari.in Wednesday, Jan 25, 2017 - 08:44 AM (IST)

जालंधर(खुराना): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को स्वच्छ भारत अभियान का नारा महीनों पहले दिया था परंतु ज्यादातर सरकारी विभाग और नागरिक इस अभियान को गंभीरता से नहीं ले रहे। इसका उदाहरण शहर में नगर निगम द्वारा लगाए गए छोटे डस्टबिन के आसपास की हालत देखने से मिल जाता है जहां लोगों ने डस्टबिन की बजाए बाहर ही कूड़े के ढेर लगाने शुरू कर दिए हैं। ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने आज सोढल क्षेत्र में ऐसे दृश्य देखे। गौरतलब है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत केन्द्र सरकार एक सर्वेक्षण करवाने जा रही है जिसमें ऊंचा रैंक प्राप्त करने के लिए नगर निगम ने पिछले दिनों शहर में 500 छोटे डस्टबिन रखवाए थे। डस्टबिन की हालत देखकर कई बार लगता है कि कहीं ये सिरदर्दी न बन जाएं क्योंकि नगर निगम के लिए इन डस्टबिन को रोज खाली करना आसान कार्य नहीं होगा।

श्री राम चौक पर लगेगा ऊंचा राष्ट्र ध्वज
नगर निगम द्वारा श्री राम चौक पर जो ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगाया जा रहा है उसका उद्घाटन 26 जनवरी को किया जा सकता है। ध्वज लगाने की सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। इससे पहले प्रताप बाग तथा अमृतसर बाईपास पर ऐसे ध्वज लगाए जा चुके हैं।


BSF चौक पर लगेगी ट्रैफिक लाइट 
नगर निगम ने हाल ही में 50 लाख रुपए खर्च करके बी.एस.एफ. चौक का सौंदर्यीकरण किया है परन्तु वहां ट्रैफिक की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। पहले निगम ने वहां पैदल सड़क पार करने वाले लोगों के लिए जैब्रा क्रासिंग बनाने का विचार बनाया था और उसके लिए डिवाइडर को भी तोड़ दिया गया था परन्तु अब वहां ट्रैफिक लाइट लगाए जाने की योजना है जिस पर जल्दी काम शुरू कर दिया जाएगा।


अफसरों की गाडिय़ों पर नहीं लगे GPRS सिस्टम
पिछले दिनों नगर निगम ने बी.एस.एन.एल. के साथ एक अनुबंध किया था जिसके तहत नगर निगम की सभी गाडिय़ों पर जी.पी.आर.एस. सिस्टम लगाए जाने थे ताकि उन गाडिय़ों की लोकेशन और तेल की खपत के बारे में पता चल सके। इसका एक मकसद सरकारी गाडिय़ों से होती तेल की चोरी को रोकना भी था। इस प्रोजैक्ट के तहत निगम की ज्यादातर गाडिय़ों पर जी.पी.आर.एस. सिस्टम फिट हो चुके हैं परंतु निगम के 8 अधिकारी ऐसे हैं जिनकी गाडिय़ों पर अभी यह सिस्टम नहीं लगा है इसलिए इन गाडिय़ों की लोकेशन या तेल की खपत बारे सही पता नहीं लग पाएगा। जिन गाडिय़ों में यह सिस्टम नहीं लगा है उनमें कमिश्रर, मेयर, दोनों एस.ई., एस.टी.पी., एम.टी.पी. तथा  एक्सियन शामिल हैं। मांग की जा रही है कि निगम की सभी गाडिय़ों पर जी.पी.आर.एस. सिस्टम लगाया जाए ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे।
 


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