नगर निगम चुनाव 2017: कांग्रेस का तीनों निगमों पर कब्जा

punjabkesari.in Monday, Dec 18, 2017 - 09:04 AM (IST)

जालन्धर(धवन): पंजाब में आज 3 महानगरों जालन्धर, अमृतसर व पटियाला में हुए कार्पोरेशन चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिलने पर तीनों शहरों में कांग्रेस के मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है। 


पंजाब के लोगों ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की लीडरशिप पर अपनी मोहर लगा दी है। तीनों शहरों में मेयरों का चयन अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह करेंगे। इससे पहले भी 2002 से 2007 की पहली पारी के दौरान कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने मेयरों का चयन किया था। पटियाला में महारानी परनीत कौर की सहमति से मेयर बनेगा। जालन्धर के कुल 80 वार्डों में से  कांग्रेस ने 66, शिअद-भाजपा गठबंधन ने 12 (भाजपा के 8 व अकाली दल के 4) तथा 2 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। इसी तरह अमृतसर के कुल 85 वार्डों में से कांग्रेस ने 71, अकाली-भाजपा गठबंधन ने 11 (अकाली दल के 6 व भाजपा के 5) तथा 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। पटियाला के कुल 60 वार्डों में से अब तक घोषित 53 वार्डों में सभी पर कांग्रेस को जीत मिली। 


इससे पहले फरवरी महीने में हुए राज्य विधानसभा के आम चुनावों में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने 117 में से रिकार्ड 77 सीटें जीती थी तथा अकाली-भाजपा गठबंधन को तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया था। दूसरे स्थान पर रहने वाली आम आदमी पार्टी की भी कार्पोरेशन चुनाव में अब शिअद-भाजपा गठबंधन के साथ-साथ भारी सियासी दुर्गति हुई है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार राज्य में पिछले  9-10 महीने से काबिज है। लोगों ने शहरों के विकास को प्रमुखता देते हुए सत्ताधारी कांग्रेस पर ही भरोसा व्यक्त किया है। 


कांग्रेस को मिली भारी सफलता के पीछे प्रमुख कारण यह भी है कि सरकार ने जहां एक तरफ शहरों व देहाती क्षेत्रों में नशों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान छेड़ते हुए नशों के प्रचार पर रोक लगाई वहीं पर दूसरी ओर मतदाताओं ने कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार पर भी भरोसा जताया है। शहरी मतदाताओं में भाजपा के प्रति नाराजगी का कारण केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा पहले नोटबंदी तथा फिर जी.एस.टी. को लागू करना भी है। गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी शहरी व देहाती मतदाताओं ने नोटबंदी व जी.एस.टी. के कारण कांग्रेस को भारी विजय दी थी तथा कांग्रेस के उम्मीदवार सुनील जाखड़ रिकार्ड 1.90 लाख मतों के अंतर से विजयी हुए थे। मतदाताओं को यह भी पता है कि अगर शहरों का विकास करवाना है तो उन्हें राज्य में कांग्रेस सरकार के हाथ मजबूत करने होगे। 

शिअद-भाजपा धरनों में उलझे रहे, ‘आप’ रही गायब
कार्पोरेशन चुनाव को लेकर शिअद-भाजपा या आम आदमी पार्टी की लीडरशिप ने अपनी दिलचस्पी भी नहीं दिखाई। अकाली मात्र हाईवे पर धरना लगाने तक सीमित रहे। धरना लगाकर उन्होंने लोगों को और अपने विरुद्ध कर लिया। शहरों में प्रचार के लिए अकाली दल या भाजपा के विधायकों ने भी सक्रियता से भाग नहीं लिया जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक सक्रिय होकर अपने-अपने विधानसभा हलकों में डटे रहे। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी को कार्पोरेशन चुनाव के लिए पूरे उम्मीदवार ही नहीं मिले। तीनों शहरों में आम आदमी पार्टी का कोई भी वरिष्ठ नेता प्रचार के लिए नहीं आया।  यही हाल अकाली दल व भाजपा का रहा जिनके स्टेट लीडरशिप ने भी प्रचार से दूरी बनाए रखी। शायद विपक्ष को कार्पोरेशन चुनाव में अपनी हार का पहले ही अंदाजा हो गया था इसलिए उन्होंने कार्पोरेशन चुनाव को गंभीरता से नहीं लिया।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेसी विधायकों को सख्त मेहनत के दिए थे निर्देश
कांग्रेसी विधायकों को मुख्यमंत्री ने चुनाव से पूर्व भी चंडीगढ़ बुलाकर स्पष्ट कह दिया था कि उन्हें उनके विधानसभा हलकों में जीत चाहिए। विधायकों पर भी दबाव था कि अगर वह काम नहीं करेंगे तो अगले विधानसभा चुनाव में वह अपनी टिकट पर पुन: दावा नहीं कर सकेंगे।  दूसरी ओर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ पार्टी की सियासी गतिविधियों को चलाते रहे। कांग्रेसी विधायकों ने अपने हलकों में बढ़त लेने को अपनी प्रतिष्ठा से भी जोड़ लिया था। उन्हें यह भी पता था कि 2019 में लोकसभा चुनाव भी आ रहे हैं। इन्हें जीतने के लिए कार्पोरेशन चुनावों को जीतना जरूरी था। 

जालंधर- 2002 में किसकों कितना बहुमत 
कांग्रेस   भाजपा  अकाली दल  आजाद 
31          6        3           15

जालंधर  2007 में किसको कितना बहुमत 
कांग्रेस   भाजपा  अकाली दल  बसपा  आजाद 
23          22       13         1       1

जालंधर 2012 में किसको कितना बहुमत 
कांग्रेस   भाजपा  अकाली दल  आजाद   पी.पी.पी.
22         19       11           7         1

जालंधर 2017 में किसको कितना बहुमत 
कांग्रेस   अकाली दल+भाजपा  आजाद   पैंडिग
66          5+7-12             1        1

अमृतसर 2017 में किसको कितना बहुमत
कांग्रेस   अकाली दल+भाजपा   आजाद   
71         6+5-11               3

पटियाला 2017 में किसको कितना बहुमत
कांग्रेस   अकाली दल+भाजपा   आजाद   
53

7 पटियाला सीट पर रिजल्र्ट पैंडिग 


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