खौफ का पर्याय बन रहा पतंगों का सीजन!

punjabkesari.in Sunday, Dec 17, 2017 - 03:03 PM (IST)

बटाला (सैंडी, साहिल): जहां पहले शरद ऋतु आने पर डोर और पतंगों को लेकर लोगों में खुशी का माहौल होता था, वहीं जब से चाइना डोर ने मार्कीट में कदम रखा है, उसके जानलेवा हादसों से लोग काफी डर गए हैं और पतंगों का सीजन खौफ का पर्याय बनता जा रहा है। डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर ने सख्त आदेश देते हुए चाइना डोर की ब्रिकी, प्रयोग और स्टोर करने पर रोक लगाई हुई है पर प्रशासन की लापरवाही के कारण इसकी बिक्री शहरों और गांवों में धड़ल्ले से हो रही है और इसने मासूम बच्चों और राहगीरों को घायल करना शुरू कर दिया है।

दिल्ली व आसपास के राज्यों में होता है निर्माण
हालांकि इस समय चाइना डोर को आयात नहीं किया जा रहा है और अब यह सिंथैटिक डोर का रूप धार चुकी है। इसका निर्माण दिल्ली और आसपास के राज्यों में किया जा रहा है पर इसके कातिलाना परिणाम सबके सामने आ रहे है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस डोर की बिक्री चुनिंदा लोग ही कर रहे हैं जिन्होंने अपने घरों में या फिर गुप्त ठिकानों पर इसे छिपाकर रखा है। 

सौदा कहीं व डिलीवरी होती है और कहीं
सूत्र बताते हैं कि इस डोर की बिक्री करने वाले अपनी दुकान पर डोर का सौदा करते हैं पर डिलीवरी किसी दूसरे स्थान से दी जाती हैं। सूत्रों के अनुसार जिला गुरदासपुर और बटाला में कई ऐसे व्यापारी हैं जो चाइना डोर की बिक्री कर रहे हैं। यह बात इसलिए भी सच दिखाई देती है क्योंकि पिछले वर्ष पुलिस ने कुछ व्यक्तियों से उक्त डोर बरामद की है इसलिए पुलिस प्रशासन को चाइना डोर बेचने वालों के खिलाफ अब से ही कार्रवाई शुरू कर देनी चाहिए जो न सिर्फ मनुष्यों बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी घातक है।

प्रशासन पर ही कीचड़ उछालना नहीं है काफी
 चाइना डोर सिर्फ प्रत्यक्ष रूप से ही इंसानों का नुक्सान नहीं करती बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी यह काफी नुक्सानदायक साबित हो रही है। यह डोर जब पतंग कटने के बाद बिजली की तारों पर गिरती है तो इसमें करंट आ जाता है और फिर इसे छूने वाले किसी भी व्यक्ति की जान जा सकती है। इस अहम और संजीदा मामले में हमें सिर्फ प्रशासन पर ही कीचड़ नहीं उछालना चाहिए बल्कि लोगों का फर्ज भी बनता है कि वे अपने बच्चों को समझाएं कि जानलेवा चाइना डोर का प्रयोग न करें।

रिवायती डोर के कारोबारियों को हो रहा नुक्सान
चाइना डोर के प्रचलन से रिवायती डोर का कारोबार करने वालों को नुक्सान झेलना पड़ रहा है। पिछले कुछ समय के दौरान कई लोगों पर केस दर्ज होने के बाद उक्त डोर की बिक्री में कमी तो जरूर आई है पर अभी भी जानलेवा डोर की बिक्री पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन को अन्य सख्त कदम उठाने चाहिएं।


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