जागे मुख्यमंत्री! अब विधायकों से रखेंगे सम्पर्क

punjabkesari.in Tuesday, Jul 25, 2017 - 01:56 AM (IST)

जालंधर(रविंदर शर्मा): सुनवाई न होने से नाराज पार्टी विधायकों को संतुष्ट करने के लिए आखिरकार प्रदेश के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की गहरी नींद टूट गई है। पंजाब केसरी में  ‘कैप्टन की कार्यप्रणाली से नाराज कई कांग्रेसी विधायक अकाली दल के संपर्क में’ शीर्षक के तहत समाचार प्रकाशित होने के बाद मुख्यमंत्री ने अब पार्टी विधायकों से सम्पर्क कायम करने की योजना बनाई है। 

अब प्रत्येक बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह खुद पार्टी विधायकों से मुलाकात किया करेंगे और उनकी हर बात सुना करेंगे। मुख्यमंत्री को चेताने के लिए कई कांग्रेसी विधायकों ने पंजाब केसरी का धन्यवाद किया है। गौर हो कि सोमवार के अपने अंक में पंजाब केसरी ने छापा था कि कैप्टन सरकार की कार्यप्रणाली से निराश कई विधायक अकाली दल के संपर्क में हैं। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी इस बात की पुष्टि की थी। 

पंजाब केसरी ने लिखा था कि कांग्रेसी विधायकों की न तो सरकार में सुनवाई हो रही है और न ही ब्यूरोक्रेसी में। विधायकों का कहना था कि ब्यूरोक्रेसी इस सरकार में इस कदर हावी हो चुकी है कि विधायकों का वजूद ही खत्म होने लगा है। न तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ही किसी विधायक को मिल रहे हैं और न ही जिला स्तर पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में विधायकों की बात पर मोहर लग रही है। न किसी विधायक की सिफारिश पर कोई ट्रांसफर हो पा रही है और न ही विधायक अपने मनमर्जी का एस.एच.ओ. व डी.एस.पी. लगा पा रहे हैं। ऐसे में सभी पार्टी विधायक एक तरह से पंगु होकर रह गए हैं। विधायक अब अपने मन के दर्द को अकाली दल से शेयर भी करने लगे थे। 

पंजाब केसरी में खबर छपने के बाद मुख्यमंत्री आफिस तुरंत हरकत में आया। मुख्यमंत्री आफिस से जारी चिट्ठी में कहा गया कि अब प्रत्येक बुधवार को मुख्यमंत्री खुद विधायकों के साथ मीटिंग किया करेंगे और उनकी शिकायतों को सुना करेंगे। इसके अलावा सी.एम.ओ. आफिस के अधिकारी प्रत्येक मंगलवार व वीरवार को विधायकों के साथ मीटिंग किया करेंगे और उनकी बात को सुना करेंगे। इसके साथ ही कौंसिल ऑफ मिनिस्टर के साथ सोमवार व शुक्रवार को मीटिंग हुआ करेगी। 

इन आदेशों के साथ-साथ मुख्यमंत्री आफिस से साफ आदेश जारी किए गए हैं कि प्रत्येक विधायक की बात को गंभीरता से सुना जाए, उनके एरिया के वर्क परमिट देखे जाएं और उनके कामों की लिस्ट बनाई जाए। इसके लिए सी.एम.ओ.आफिस से चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी, चीफ सैक्रेटरी, डिप्टी चीफ सैक्रेटरी, स्पैशल प्रिंसीपल सैक्रेटरी की ड्यूटी लगाई गई है। मोहाली, पटियाला, संगरूर, बरनाला, लुधियाना के कामों का विधायकों के साथ को-आर्डीनेशन खुद प्रिंसीपल सैक्रेटरी टू सी.एम. करेंगे। एस.बी.एस. नगर, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट व जालंधर के कामों को स्पैशल प्रिंसीपल सैक्रेटरी टू सी.एम. देखेंगे, जबकि कपूरथला, फिरोजपुर, फाजिल्का, मुक्तसर, भटिंडा और अमृतसर के कामों को डिप्टी प्रिंसीपल सैक्रेटरी टू सी.एम. (ए) देखेंगे।

इसके साथ ही मोगा, रोपड़, मानसा व होशियारपुर के कामों को डिप्टी प्रिंसीपल सैक्रेटरी टू सी.एम. (एस) देखेंगे। सभी जिलों के साथ को-आर्डीनेट खुद चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी सुरेश कुमार करेंगे। इसके साथ ही विधायकों के साथ मुख्यमंत्री की मीटिंग दौरान प्रत्येक विभाग के आलाधिकारी भी मौके पर ही मौजूद रहेंगे, ताकि तुरंत कामों का निपटारा किया जा सके। सी.एम. आफिस से जारी इन आदेशों के बारे सभी प्रशासनिक सैक्रेटरी, सभी विभागों के आलाधिकारियों, सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों, सभी डिवीजनल कमिश्नरों, चीफ प्रिंसीपल सैक्रेटरी, चीफ सैक्रेटरी, डी.जी.पी., ओ.एस.डी. व अन्य अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। 


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