इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर तरसेम लाल
punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2017 - 09:20 AM (IST)
लुधियाना (राम): एक ही देश में पुरुष व महिला के हकों के लिए अलग-अलग कानून है। जब किसी महिला को घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ता है तो कानून व अन्य लोग उसके पक्ष में आकर खड़े हो जाते हैं, लेकिन जब एक पुरुष घरेलू हिंसा व कथित धक्केशाही का शिकार होता है तो देश का वही कानून पीड़ित पुरुष के खिलाफ जा खड़ा होता है, जिसका ताजा प्रमाण मेरे साथ पिछले लगभग 4 वर्षों से हो रही कथित धक्केशाही को देख कर मिलता है।
यह कहना है तरसेम लाल निवासी लुधियाना का, जो एक व्यक्ति की कथित जालसाजी का शिकार हो चुका है। जिसने उसकी पत्नी व बच्चों को उससे दूर कर रखा है। यहां तक कि उसे अपने ही घर में दाखिल होने की इजाजत नहीं है। तरसेम लाल ने एक हल्फिया बयान के द्वारा बताया कि वर्ष 2013 से एक व्यक्ति ने उसकी पत्नी से कथित अवैध संबंध बना रखे हैं। जिसने उसके बच्चों को भी भरमा रखा है।
जो उसकी सम्पत्ति को हड़प जाना चाहता है। जिसकी वजह से उसका पूरा परिवार उससे दूर हो चुका है। तरसेम लाल ने बताया कि थाना पुलिस भी उसकी कोई सुनवाई नहीं करती। वह हर जगह गिड़गिड़ा चुका है, लेकिन कोई भी उसकी बात सुन कर उसका साथ नहीं दे रहा। तरसेम लाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री, जिला पुलिस प्रमुख व मानवाधिकार कमीशन से उसे इंसाफ दिलाने की मांग की है।