हलका जैतो के विधायक का दावा: उम्मीदवार जोगिंदर सिंह पंजग्राईं का रिपोर्ट कार्ड

punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2016 - 04:24 PM (IST)

हलका जैतो 1912 में बनने के बाद पहली बार कांग्रेस के रिजर्व उम्मीदवार जोगिंदर सिंह पंजग्राईं भारी बहुत से जीतकर हलका जैतो के विधायक बने थे, मगर पंजाब में सत्ताधारी पार्टी शिरोमणि अकाली दल थी, जिस कारण विधायक मजबूर थे अपनी इच्छा अनुसार फंड का उपयोग नहीं कर सकते थे। इस कारण उन्होंने अपनी मजबूरी जाहिर की। फिर भी वह हर समय लोगों के दुख-सुख में शामिल होते हैं व जितनी भी अधिक से अधिक लोगों की सेवा कर सकते हैं, करते थे।

वायदे
1. वाटर ट्रीटमैंट प्लांट लगाना
2. शहर में कालेज खोलना
3. इंडस्ट्री लगाना
4. जैतो में नेहरू की यादगार बनाना
5. जैतो को नमूने का शहर बनाना
6. सीवरेज सिस्टम ठीक करना
7. शहीदों की याद हर वर्ष मनाना


कितने वफा हुए
1. शहर में कालेज खुल गया
2. जैतो की सड़कें तो बन गईं, मगर नमूने का नहीं बना
3. बाकी सभी वायदे अभी हवा में ही हैं।


दावों की हकीकत
पूरे साढे़ नौ वर्ष तक जैतो क्षेत्र की सड़कें टूटी रहीं। लोग लगातार दुख भोगते रहे। शहर का बहुत ही बुरा हाल बना रहा। अब करीब तीन चार महीनों से शहर की सडक़ों व गलियों की युद्घस्तर पर मुरम्मत का काम चल रहा है। कई सडक़ों पर सीवरेज की पाइपें भी बिछाई जा रही हैं। शायद यह सब कुछ वर्ष 2017 में विधान सभा चुनाव दौरान लोगों से वोट लेने के लिए तो नहीं हो रहा।


अकाली के उम्मीदवार सूबा सिंह बादल हलका इंचार्ज का दावा
गत काफी समय से प्रकाश सिंह भट्टी को हलका जैतो का इंचाई घोषित किया हुआ था। जैतो में उसने अपनी पोजिशन बना ली थी, मगर आखिर अकाली दल द्वारा टिकट गुरदेव सिंह बादल कृषि मंत्री पंजाब के पुत्र सूबा सिंह बादल को अलॉट कर दी गई है। सूबा सिंह बादल का भी लोगों में काफी रसूख है व वह काफी नरम व्यक्ति होने कारण बहुत ही लोग उनके साथ जुड़े हुए हैं। प्रत्येक के दुख सुख के साथी हैं। उनका कहना है कि अकाली भाजपा सरकार द्वारा जैतो की लगभग सभी सडक़ें बना दी गई हैं व सीवरेज की पाइपें बिछा दी गई हैं।


लोहे के बाजार में जैतो का नाम दूसरे स्थान पर था, मगर राजनीतिक पार्टियों की दखलांदाजी कारण जैतो में कच्चे माल की आमद बंद किए जाने कारण जैतो में लगी सभी ही लोहे की मिलों को मालिक गोबिंदगढ़ में उखाडक़र ले गए। इस कारण जैतो का व्यापार फेल हो गया। फिर नरमे की मिलें लग गईं। नरमे की फसल घट जाने कारण ज्यादा नरमे की मिलें भी यहां ज्यादा देर तक टिक नहीं सकीं। अब व्यापार के पक्ष से जैतो मंडी बिल्कुल खत्म है। सरकार द्वारा भी जैतो को आंखों परोख किया हुआ।
-छज्जू राम बांसल, प्रधान व्यापार मंडल जैतो


जैतो का सीवरेज सिस्टम फेल होने कारण व पानी की निकासी का सही प्रबंध न होने कारण जैतो की सभी सडक़ों पर बहुत सारा पानी जमा हो जाता है। लोगों द्वारा धरने व जाम भी लगाए जाने उपरांत प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। जैतो के लोगों को एक प्लेटफार्म पर इकट्ïठे होकर संघर्ष करने के लिए आह्वान किया गया है।
-राकेश कुमार घोचा प्रधान, मार्कीट सुधार कमेटी जैतो

जैतो में दलित समाज की सरकार व प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई न होने कारण दलित समाज के लोग बेहद परेशान हैं। दलितों को बनता हक नहीं मिल रहा। रेलवे लाइन पार दलित बस्तियां होने कारण इन बस्तियों को पूरी तरह आंखों-परोखे किया हुआ है। सीवरेज की पाइपें डालने व सडक़ों नालियों की मुरम्मत करवाने के लिए सरकार के दावे खोखले ही रहे। ओवर ब्रिज न होने कारण व रेलवे फाटक अक्सर ही बंद रहना, यहां की प्रगति न होने का सब से बड़ा कारण है।
-डाल चंद पवार, दलित नेता जैतो।


स्ट्रीट लाइटें, ट्रैफिक, पार्किंग व नाजायज कब्जयों की मुश्किलों का भी जैतो वासियों को सामना करना पड़ रहा है। सफाई का बहुत ही बुरा हाल है। रामलीला ग्राऊंड में हमेशा गंदगी का बड़ा ढेर लगा रहता है। किसी की कोई सुनवाई नहीं। आवारा पशु आपस में भिड़ते रहते हैं व दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। सरकार गौटैक्स ले रही है, मगर गऊओं को संभालने की जिम्मेदारी नहीं समझ रही।
- लवलीन कोचर, समाज सेवी जैतो

किसानों की जिंस का समय सिर भुगतान न किए जाने कारण किसान, आढ़तीय, मजदूर बेहद परेशान हैं। 48 घंटों में जिंस की अदायगी करवाई जाने के वायदे सब झूठे सिद्घ हुए। किसानों की जिंस की अदायगी महीना-महीना नहीं होती। किसान कर्जे के नीचे दबा हुआ है। खुदकशियां कर रहा है। बढिय़ा खाद्यें, बीज न मिलने कारण उनकी फसल का उत्पादन बढिय़ा नहीं होता।
-सतपाल बांसल, प्रधान आढ़तीय एसो. जैतो

रेलवे प्लेटफार्म बराबर न होने कारण रेल यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्लेटफार्म पर लाइटों का भी ठीक प्रबंध न होने कारण अंधेरा छाया रहता है। प्लेटफार्म पर कोई भी कंटीन नहीं है। एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए कोई पुल नहीं है, जिस कारण लोगों को सामान उठाकर लाइनें पार करनी पड़ती हैं। यात्री बहुत परेशान हैं। रेलवे विभाग का जैतो रेलवे स्टेशन की ओर कोई भी ध्यान नहीं है।
-मुकेश गोयल, प्रधान अग्रवाल सभा जैतो।

 


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