पंजाब के 15 सहायक कमिश्नर काम कर रहे ईटीओ के पदों पर

punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2020 - 08:11 PM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): पंजाब सरकार स्वयं अपने विभाग के अधिकारियों के अधिकारों के लिए भी गंभीर नहीं है क्योंकि पंजाब में एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग में 15 ऐसे सहायक कमिश्नर रैंक के अधिकारी हैं जो अपने निचले पद पर बतौर ईटीओ काम कर रहे हैं। इसकी मिसाल उस समय मिलती है जब पंजाब प्रदेश में 21 के करीब ऐेसे ई.टी.योस हैं जिनकी तरक्की 1 साल पूर्व हो चुकी है लेकिन 6 को छोड़कर 15 ऐसे अधिकारी हैं उन्हें पोस्टिंग ना मिलने के कारण वह उसी सीट पर काम कर रहे हैं। 

वहीं दूसरी ओर 4 ऐसे ए.ई.टी.सी है जिन्हें डी.ई.टी.सी (डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर) प्रमोट किया गया है लेकिन वह भी पहले पद पर काम करते लाइन में खड़े हैं। सरकारी उच्चाधिकारियों को इनकी भलि-भांति जानकारी है लेकिन कोई आवाज उठाने को तैयार नहीं। लेकिन अंदर खाते इसका  रोष पूरे विभाग के अधिकारियों को भी है क्योंकि तरक्की के बावजूद पोस्टिंग रुकने के कारण निचले अधिकारियों की भी लाइन लंबी होती जा रही है। 

जानकारी के मुताबिक पिछले साल से पंजाब भर में 21 एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग के ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें पंजाब सरकार ने तरक्की देकर ए.ई.टी.सी (अतिरिक्त एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर) बना दिया है लेकिन तरक्की देने के बावजूद उन्हें एई.टी.सी की पोस्ट नहीं दी। हालांकि पिछले समय में 6 ऐसे ई.टी.ओ हैं जो अपने बलबूते पर पोस्टिंग ले चुके हैं लेकिन जिनका हाथ नहीं बजा वह अभी तक लटके हुए हैं। इसके कारण यह अधिकारी पहली पोस्ट पर ही काम कर रहे है और अपना तरक्की के बावजूद पुराना पद ही बताने को मजबूर हुए हैं। इन्हें इंतजार है कि कब सरकार की निगाह आए और बदलियां हो तभी इनकी जब दूसरी जगह पोस्टिंग होगी तब इन्हें उपयुक्त रैंक मिलेगा। लेकिन सरकार न तो बदलियां कर रही है न उन्हें ऊंचा पद मिल रहा है।

 इस संबंध में कई उच्चाधिकारियों से कारण पूछने पर उन्होंने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यह काम विभाग के उच्च-अधिकारियों का नहीं बल्कि यह फैसला मुख्यमंत्री हाउस से संबंधित है क्योंकि मुख्यमंत्री के पास 1 दर्जन से अधिक विभाग हैं और समय की कमी होने के कारण इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। इससे विभाग की कार्य कुशलता में अंतर पड़ता है वहीं विभागीय अधिकारियों को मिली हुई तरक्की की न तो सुविधाएं मिलती है ना वेतन द्य उनके कार्यकाल के तरक्की का पीरियड बिना तरक्की के गुजर रहा है जो एक बिना कारण की सजा है।इससे भी बड़ी बात है कि इनमें लगभग सभी अधिकारी ऐसे हैं जो रिटायरिंग पीरियड के निकट बैठे हैं और उनकी आयु 55 से ऊपर है और कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। 

Vaneet