अवैध अनाथ आश्रम से 17 बच्चे छुड़ाए

punjabkesari.in Wednesday, Jun 19, 2019 - 12:52 PM (IST)

अमृतसर(संजीव): मोहकमपुरा में शहीद भाई फौजा सिंह ट्रस्ट के नाम पर अवैध रूप से चलाए जा रहे अनाथ आश्रम को आज जिला एवं पुलिस प्रशासन, चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी, चाइल्ड हैल्प लाइन द्वारा किए गए एक ज्वाइंट आप्रेशन के दौरान वहां रह रहे 17 बच्चों को छुड़ाया गया। आश्रम को 15 दिनों में रजिस्ट्रेशन न करवाए जाने की सूरत में उसे स्थाई तौर पर सील करने के भी निर्देश दिए। आप्रेशन के दौरान चाइल्ड प्रोटैक्शन अधिकारी द्वारा अनाथ आश्रम का पूरा रिकार्ड कब्जे में लेकर उसे सील कर दिया गया और आश्रम की संचालिका को मापदंडों के अनुसार काम करने के लिए कहा गया। 

यहां यह बतानेयोग्य है कि तीन दिन पहले अनाथ आश्रम में रह रही दो नाबालिग बच्चियों ने आश्रम की क्लर्क के पति नरेन्द्र सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिसमें थाना मोहकमपुरा की पुलिस ने बच्चियों की स्टेटमैंट के आधार पर नरेन्द्र सिंह के विरुद्ध अपराधिक मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था और आज पुलिस ने दोनों बच्चियों की मैडीकल जांच करवा दी। आश्रम की बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण का समाचार प्रकाशित होने के बाद जिला एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह से हिल गया और आज  चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी व चाइल्ड हैल्प लाइन ने अनाथ आश्रम में जाकर रह रहे बच्चों से पूछताछ के साथ-साथ आश्रम का भी जायजा लिया। जिसमें बहुत से खामियां पाई गईं और यह साफ हुआ कि बच्चों की सुरक्षा की और ध्यान नहीं दिया जा रहा था। 

रजिस्ट्रेशन का रिकार्ड नहीं हुआ था मेनटेन

बच्चों को अनाथ आश्रम में रखने से पहले किसी तरह की कोई रजिस्ट्रेशन का रिकार्ड मेनटेन नहीं हुआ था। आश्रम में पड़े रजिस्टर के अनुसार 47 बच्चे वहां रह रहे थे जबकि आज उनमें से केवल 18 बच्चे ही मौजूद थे। आश्रम की केयर टेकर राजबीर कौर का कहना था कि कुछ बच्चों को उनके माता-पिता छुट्टियों के कारण अपने घर ले गए हैं और चार बच्चे श्री हरिमंदिर साहिब में रह रही अनाथ आश्रम की संचालिक के पास गए हुए थे। 

बबलप्रीत का कोई रिकार्ड नहीं है आश्रम के पास 

शहीद भाई फौजा सिंह ट्रस्ट के नाम पर चलाए जा रहे अनाथ आश्रम में कुछ माह पहले 13 वर्षीय बबलप्रीत की मौत हो गई थी। जिसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया था। यह जानकारी आश्रम में रह रहे बच्चों में से एक ने दी। बबलप्रीत के दिल में छेद था, जिस कारण उसकी मौत हो गई थी। मगर विडम्बना यह है कि बबलप्रीत का कोई भी रिकार्ड आश्रम में मौजूद नहीं है। वह कहां से आई थी, कहां उसका 
उपचार चल रहा था, कैसे उसकी मौत हुई, किसने उसका अंतिम संस्कार किया यह कुछ ऐसे सवाल है जो पुलिस के लिए जांच का विषय।

15 दिन में आश्रम को रजिस्टर करवाने के दिए निर्देश

चाइल्ड प्रोटैक्शन अधिकारी द्वारा अवैध रूप से चलाए जा रहे बच्चों के इस अनाथ आश्रम को उनके विभाग में 15 दिन में रजिस्टर करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अमृतसर में बच्चों को पाल रहे 7 सैंटर ही उनके पास रजिस्टर है। ऐसे आश्रमों को शुरू करने से पहले जूवीनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के अधीन उसे रजिस्टर करवाना होता है। जिसमें विभाग द्वारा बताए गए सभी मापदंडों के आधार पर बच्चों की सुरक्षा से लेकर उनके पालन-पोषण का पूरा ब्योरा बना होता है। 

बच्चों को कहां भेजा जाए यह चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी करेगी फैसला

आज अनाथ आश्रम से रैस्कयू किए गए 17 बच्चों को चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी अपने साथ ले गई। अब कमेटी उन बच्चों के रहने का फैसला करेगी कि उन्हें पूरी सुविधाओं  के साथ कहां रखा जाए। इस बीच अगर 15 दिनों में शहीद भाई फौजा सिंह ट्रस्ट  द्वारा खुद को जूविनाइन जस्टिस एक्ट के अधीन रजिस्टर करवा लिया जाता है तो यह सभी बच्चे वापस उसी आश्रम में आकर रहेंगे और ऐसा न होने की सूरत में इन बच्चों के रहन-सहन का पूरा प्रबंध चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी द्वारा किया जाएगा।

3 बच्चियां मां-बाप के नाम तक को नहीं जानती

अनाथ आश्रम में रह रही 4 से 6 वर्ष की आयु की 3 बच्चियां में नवनीत कौर, सुमनदीप कौर व आशीष कौर तो अपने मां-बाप के नाम तक नहीं जानती थीं और आज वह अनाथ आश्रम के इस कुप्रबंधों का शिकार हो रही थी। यह तीनों बच्चियां आश्रम में रह रहे बड़े बच्चों की देख-रेख में ही पल रही है। 

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