अस्पताल की एमरजैंसी में इलाज के लिए तड़पता रहा खून से लथपथ 5 वर्षीय मासूम

punjabkesari.in Wednesday, Feb 26, 2020 - 09:11 AM (IST)

अमृतसर(दलजीत): जिला स्तरीय अस्पताल की एमरजैंसी में गंभीर घायल 5 वर्ष का मासूम बच्चा इलाज के लिए डेढ़ घंटा तड़पता रहा। डाक्टरों ने दर्द से तड़प रहे बच्चे का इलाज करने की बजाय सुविधाओं की कमी होने का बहाना बनाते हुए उसे अन्य अस्पताल में रैफर कर दिया। घटनाक्रम के दौरान डाक्टरों के कठोर दिल को देखते हुए एमरजैंसी में मौजूद लोगों ने जहां सरकारी तंत्र को जमकर कोसा, वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए दोनों डाक्टरों की जवाब-तलबी कर ली है।

जानकारी के अनुसार सत्यम 5 वर्षीय निवासी बटाला रोड के आज सुबह अपने घर में खेल रहा था। सीढिय़ों से उतरते हुए उसका पांव फिसल गया तथा उसके सिर पर गहरी चोट लग गई। अभिभावकों ने खून से लथपथ बच्चे को सिविल अस्पताल की एमरजैंसी में लेकर आए तथा वहां पर उस समय मौके पर डा. रजनीत कौर मौजूद थीं। 

सत्यम के पिता राजू ने बताया कि डेढ़ घंटा उनका बच्चा इलाज के लिए तड़पता रहा। इलाज न मिलने के कारण वह रो-रोकर बेहाल हो गया। जब वह डा.रजनीत कौर से बच्चे के इलाज के लिए मिलने गए तो डाक्टर ने कहा कि यह काम उनका नहीं है वह सर्जन से सम्पर्क करते हैं पर काफी समय इंतजार करने के बाद डा. रजनीत ने स्पष्ट कह दिया कि उनके पास साधन नहीं है। बच्चे को अन्य अस्पताल में ले जाए। राजू ने बताया कि बच्चे की दयनीय हालत देखते हुए एमरजैंसी में मौजूद डाक्टरों की दिल तो नहीं पसीजा लेकिन फार्मेसी अधिकारी शाम सुंदर आगे आए तथा उन्होंने बच्चे को उठाकर उसके सिर पर पट्टी कर दी। राजू ने कहा कि कहने को तो यह जिला स्तरीय सिविल अस्पताल है तथा दूसरे अस्पतालों का आदर्श है, पर अफसोस की बात है कि यहां पर एमरजैंसी पर मरीजों को सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे डाक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है परन्तु इस डाक्टर ने तो खून से लथपथ बच्चे की दयनीय हालत पर भी दया नहीं आई। उन्होंने कहा कि बच्चे को अन्य अस्पताल में ले जाकर उसको टांगे लगवाए गए हैं, लेकिन समय पर इलाज न होने के कारण बच्चे का रक्त काफी बह गया है। इस संबंध में अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. चरणजीत सिंह को भी शिकायत कर दी है। 

डा. रजनीत कौर ने मेरे पास घायल बच्चे को नहीं भेजा : डा. अर्शदीप 

उधर दूसरी और डा. रजनीत कौर ने कहा कि बच्चा जब एमरजैंसी में आया तो उसकी हालत दयनीय थी। उन्होंने बच्चे को तुरंत सर्जन डा. अर्शदीप के पास भेज दिया। डा. अर्शदीप ने कहा कि डा. रजनीत कौर ने उनके पास घायल बच्चे को नहीं भेजा, बल्कि फोन पर ही बच्चे के गंभीर होने की जानकारी दी थी जिस पर उन्होंने उन्हें साधन न होने के कारण रैफर करने के लिए कहा था। 

दोनों डाक्टरों को नोटिस जारी : सीनियर मैडीकल अधिकारी   

सिविल अस्पताल के सीनियर मैडीकल अधिकारी डा. चरणजीत सिंह ने कहा कि  मामला काफी गंभीर है। दोनों डाक्टरों को नोटिस जारी कर दिए हैं। बुधवार को डा. रजनीत तथा डा. अर्शदीप को रिकार्ड सहित पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। मामले की जांच के उपरांत जो भी सच्चाई सामने आएगी उस अनुसार बनती कार्रवाई की जाएगी।


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