एम.टी.पी. ने 20 बिल्डिंगों पर की कार्रवाई, शटरिंग उखाड़ी, सामान किया जब्त

punjabkesari.in Wednesday, Jun 27, 2018 - 03:14 PM (IST)

अमृतसर (रमन): नगर निगम मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू एवं कमिश्नर सोनाली गिरि के दिशा निर्देशों पर एम.टी.पी. विभाग ने अंदरूनी शहर के अंदर 20 बिल्डिंगों पर कार्रवाई की। मंगलवार को ए.टी.पी. परमिंदरजीत सिंह व इंस्पैक्टर परमजीत सिंह ने 20 बिल्डिंगों पर कार्रवाई की। इस दौरान उन्होंने कुछ समय पहले सील की हुई बिल्डिंगों में काम कर रहे 100 से अधिक मजदूरों को काम करते हुए बाहर निकाला। उन्होंने अवैध निर्माण पर दस्तक देकर जहां उनकी शटरिंग उखाड़ फैंकी वहीं उनका सामान जब्त कर लिया। निगम प्रशासन द्वारा शहर में जोन स्तर पर ए.टी.पी. को विधानसभा इलाके बांट दिए गए व निर्देश दिए कि अगर कोई भी अवैध निर्माण हुआ तो ए.टी.पी. जिम्मेदार होंगे।

 

अंदरूनी शहर में अवैध होटलों एवं निर्माणों को लेकर काफी लम्बे समय से शिकायतें रहती थी कि विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं कि जा रही है व इसको लेकर निगम हाऊस की बैठक में भी काफी मुद्दा छाया रहा है। मंगलवार को हुई कार्रवाई से लैंड माफिया के पैरों तले से जमीन खिसक गई। विभाग की टीम ने केंद्रीय हलका के घी मंडी गेट, शेरां वाला गेट व अंदरूनी इलाके में हो रहे अवैध निर्माण वाली इमारतों में दस्तक दी। अधिकारियों के पहुंचते ही इमारतों के मालिक वहां पहुंच गए और अधिकारियो के साथ कुछ लोग उलझ पड़े, लेकिन अधिकारियों ने किसी कि एक न सुनी और अपनी कार्रवाई जारी रखी। विभागीय अधिकारियों ने साफ किया कि वह अवैध निर्माण किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे। आज वह मात्र सामान उठाकर वार्निग दे रहे हैं। अगली बार अवैध निर्माण देखा गया तो जे.सी.बी. से गिराकर ही वापस लौटेंगे।


प्रशासन ने लगाए अपने विश्वासपात्र 
निगम प्रशासन द्वारा अंदरूनी शहर में चल रहे अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने के लिए अपने विश्वासपात्र ए.टी.पी. परमिंदरजीत सिंह एवं इंस्पैक्टर परमजीत सिंह, नवदीप एवं मलकीयत सिंह को लगा दिया गया है। केन्द्रीय हल्के में तकरीबन 500 से अधिक अवैध निर्माण चल रहे हैं और मेयर कमिश्नर द्वारा सख्त निर्देश हैं कि न तो कोई अवैध निर्माण हो और न ही जब्त किया गया सामान वापस किया जाए। मंगलवार की कार्रवाई के दौरान शहर में नेताओं को आफत पड़ गई जिससे अधिकारियों ने किसी की एक न सुनी व कहा कि जब्त किया सामान वापस 
नहीं किया जाएगा। 

swetha