अजनाला नगर पंचायत प्रधान सहित 7 पर केस, 1 काबू

punjabkesari.in Saturday, Nov 16, 2019 - 02:48 PM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): सरकारी दुकानों को कम रेट पर किराए पर देने और नियमों के विरुद्ध अपने चहेतों को को दुकानें अलाट करने के आरोप में विजिलैंस ब्यूरो ने अजनाला नगर पंचायत प्रधान जोरावर सिंह व अन्य 7 लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इस मामले में सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा था, जिस पर विजिलैंस के इंस्पैक्टर शमशेर सिंह ने जांच कार्रवाई की है। 

उन्होंने बताया कि दर्ज एफ.आई.आर. में नगर पंचायत अजनाला के प्रधान जोरावर सिंह, जूनियर असिस्टेंट ऑफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नगर पंचायत राजेश कुमार, सतिंदर सिंह, जसवंत सिंह, गुरमिंदर सिंह, अवतार सिंह और जसवीर सिंह के नाम शामिल हैं। इनमें गुरविंदर सिंह पुत्र जसवंत सिंह निवासी पखा तारा सिंह अजनाला को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य लोगों की तलाश में छापामारी बराबर जारी है। वहीं विजिलैंस के एस.एस.पी. परमपाल सिंह ने बताया कि इस मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक अजनाला में वर्ष 11.9.2015 को 25 दुकानों की फतेहगढ़ चूडिय़ां रोड, बाईपास डेरा बाबा नानक, अजनाला में खाली पड़े स्थान पर दुकानों की खुली बोली के बारे में समाचार पत्रों द्वारा जानकारी दी गई थी, लेकिन निर्धारित तिथि पर बोली न करवा तारीखें बढ़ाई जाती रहीं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी भी नहीं कराई गई। इसी बीच प्रधान और अन्य कमेटी के सदस्यों ने 25 के स्थान पर 48 नई दुकान बनाने का प्रस्ताव पारित कर लिया। आरोप में आगे कहा जा रहा है कि इन दुकानों के आकार 175 वर्ग फीट और आगे 5 फुट का बरामदा बना हुआ था। इनका निर्धारित किराया 1510 रुपए प्रतिमाह था पर इनसे बहुत छोटे आकार के प्राइवेट लोगों की दुकानें जिनका किराया 2500 से 3 हजार रुपए तक था।

इसमें शर्त के मुताबिक प्राप्तकर्ता व्यक्ति को 20 हजार रुपए तुरंत देने के उपरांत 50 हजार रुपए की किस्त 1 सप्ताह के बीच जमा करवाने तय की गई थी, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने इस 50 हजार रुपए की किस्त को जमा नहीं करवाया, जबकि नियम के अनुसार पैसे जमा न करवाने वाले व्यक्ति की बोली रद्द कर दी जाती पर किसी की भी अलाटमेंट रद्द नहीं की गई। यहीं बस नहीं जांच में पाया गया कि शर्त के मुताबिक यदि कोई दुकानों का लाभ लेने वाला व्यक्ति प्रबंधकों का रिश्तेदार पाया गया तो भी यह कानून के विरुद्ध माना जाएगा और वह सजा का हकदार होगा इसके लिए हल्फिया बयान भी दिए गए, लेकिन किसी ने भी इन शर्तों को नहीं माना और शर्तों के विरुद्ध अलॉटमेंट की गई। जांच के दौरान पाया गया कि इस अलॉटमेंट के लिए नियम के मुताबिक अलॉटमेंट करने वाली उच्चस्तरीय टीम जिसमें सुपरिंटैंडैंट डायरैक्टर लोकल बॉडी अर्बन नायब तहसीलदार अजनाला व अन्य अधिकारियों की जानकारी में भी नहीं लाया गया था।

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