7 साल से जिंदगी को संजीवनी देने वाली 240 ‘डायल 108’ कागजों में ‘डैड’

punjabkesari.in Monday, May 21, 2018 - 05:31 PM (IST)

अमृतसर(स.ह., नवदीप): जिंदगी को ‘संजीवनी’ देने वाली ‘डायल 108’ खुद ‘कोमा’ में है। पंजाब को ‘डायल 108’ सर्विस के तहत अलग-अलग हिस्सों में बांट कर नेशनल रूरल हैल्थ सिस्टम (एन.आर.एच.एम.) के तत्वावधान में चल रही इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए पंजाब सरकार ने ‘जिगित्सा हैल्थ केयर लिमिटेड’ से अनुबंध किया है जिसके तहत ‘डायल 108’ पिछले 7 सालों से पंजाब के लोगों को इमरजेंसी सेवाएं निशुल्क प्रदान कर रही है।

अब ‘डायल 108’ सेवाएं खुद ‘कोमा’ में है। ‘डायल 108’ के पास पूरे पंजाब में कुल 240 एम्बुलैंस हैं जिनमें सभी ने 5 लाख से साढ़े 5 लाख किलोमीटर का सफर तय कर लिया है और कागजों में इनकी मियाद खत्म हो चुकी है लेकिन फिर भी राज्यवासियों को इमरजेंसी सेवाएं प्रदान कर रही है। वहीं 23 लाख की आबादी वाले अमृतसर जिले में सेवाएं दे रही 22 ‘डायल 108’ कंडम हालत में हैं।

हालांकि ‘जिगित्सा हैल्थ केयर लिमिटेड’ ने मौजूदा कैप्टन सरकार से 100 नई एंबुलेंस की डिमांड रखी है। उम्मीद है कि 15 अगस्त आजादी दिवस के पहले नई एंबुलेंस विभाग को मिल जाएंगी। ऐसे में इमरजेंसी सेवाओं को लेकर हांफ रही ‘डायल 108’ को पंजाब सरकार ने और बेहतर बनाने के लिए हामी भरी है। भले ही ‘डायल 108’ से पहले मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की फोटो हटा दी गई हो लेकिन अभी भी उनके फोटो ‘डायल 108’ के पुराने पोस्टरों में दिखती है। हालांकि सत्ता बदलने के बाद पूर्व सी.एम. के स्थान पर नए सी.एम. (कैप्टन अमरेन्द्र सिंह) की फोटो लगाने के लिए चंडीगढ़ से मनाही की गई थी, लेकिन ‘डायल 108’ में अभी भी ‘अटल स्वास्थ्य सेवा’ जारी है। 

‘108 अटल स्वास्थ्य सेवा’ अधीन दी जाती है स्पैशल ट्रेनिंग
सड़क दुर्घटना, हार्ट अटैक, सांप के काटने पर, कीड़े-मकौड़े के काटने पर, पशुओं के काटने पर, मधुमेह, दम घुटने पर, बेहोशी के दौरान मरीज को इमरजैंसी में क्या-क्या सुविधाएं दी जानी हैं, इसके बारे में डॉयल 108 के सभी एम्बुलैंस  के कर्मचारियों को स्पैशल ट्रेङ्क्षनग दी जाती है। 

3 दर्जन से अधिक बच्चों की हुई डिलीवरी
2011 से अब तक करीब 3 दर्जन से अधिक बच्चों की ‘डॉयल 108’ में डिलीवरी हुई है। हालांकि ‘डॉयल 108’ में कोई महिला स्टाफ नहीं होता। इमरजेंसी को लेकर मौके पर मौजूद स्टाफ ही उन्हें डिलीवरी किट व अन्य चीजें उपलब्ध करवाता है। ‘डॉयल 108’ के प्रोजेक्ट हैड साकेत मुखर्जी बताते हैं कि ‘डॉयल 108’ में 2011 से अब तक करीब 3 दर्जन से अधिक गर्भवती महिलाओं ने अस्पताल पहुंचने से बच्चों को जन्म दिया है।

अमूमन 10 में से 5 से 6 केस रोड एक्सीडैंट के
वैसे तो ‘डायल 108’ की डिमांड रोज ही रहती है, लेकिन सर्दियों में डिमांड ज्यादा बढ़ जाती है। मसलन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक लोग ‘डायल 108’ ज्यादा कॉल आती हैं। 24 घंटे 365 दिन ‘डायल 108’ सेवाएं देता है। अमृतसर स्थित कंट्रोल रूम से पूरे पंजाब को ‘डायल 108’ कवर करते हैं। करीब 1200 स्टाफ 240 ‘डॉयल 108’ के माध्यम से घर-घर लोगों को नि:शुल्क सेवाएं दे रहा है। खास बात यह है कि ‘डायल 108’ पर आने वाली राज्य से सबसे ज्यादा सूचनाएं नशे के चलते होने वाली रोड एक्सीडैंट की होती हैं। अमूमन 10 में से 5 से 6 केस रोड एक्सीडैंट से जुड़े होते हैं। ‘डायल 108’ के रोहित खत्री कहते हैं कि ‘डायल 108’ का पूरे पंजाब का संचालन अमृतसर कंट्रोल रूम से किया जाता है और रोजाना 2500 से 3 हजार कॉल आती हैं।

swetha