अमृतसर नगर निगम बनने लगा डिजीटल,अब हाईटैक तरीकों से होगा भुगतान

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 09:03 AM (IST)

अमृतसर (बड़ैच): नगर निगम के विभागों को आनलाइन करके निगम की आमदन बढ़ाने का स्वप्न सजाया जा रहा है। जिसको ध्यान में रखते कमरा नंबर 107 में अब हाईटैक तरीके से आनलाइन बिलों व टैक्सों के भुगतान व रिकार्ड के रख-रखाव कार्यों की शुरूआत की गई। जिसमें सीवरेज और वाटर सप्लाई, प्रापर्टी टैक्स, ट्रेड लाइसैंस नक्शा अप्लाई, बिल्डिंग फीस आदि के काम आनलाइन करने के लिए सरकारी कार्यालों में प्राइवेट समान सजाते हुए प्राइवेट स्टाफ तैनात कर दिया गया।

आई-कान सॉफ्टवेयर टैक्नोलॉजी कंपनी को ठेके के काम देने उपरांत कामों की शुरुआत का शुभारमभ मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू द्वारा किया गया। उन्होंने कमिश्नर सोनाली गिरि, डिप्टी मेयर यूनुस कुमार सहित कंपनी और निगम अधिकारी मौजूद थे। मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने कहा कि पिछले लम्बे समय से सी.एफ.सी.सैंटर का इंतजार था शहरवासियों की सुविधाओं पर विभागों के रिकार्ड की सांभ-संभाल के लिए ऑन लाइन सेवाएं शुरू कर दी गई हैं। इस तरह कंपनी के साथ की लिखित मुताबिक करीब 35 प्रतिशत रिकव्री में विस्तार होगा। 

कमिश्नर सोनाली गिरि ने कहा कि पहले जहां बिल नहीं पहुंचे थे या कोई मुश्किले थीं उनसे छुटकारा मिलेगा। कंपनी को 41 लाख रुपए में वाॢषक काम दिया गया है। जिसमें उनकी तरफ से कम्प्यूटर, ए.सी सहित पूरा स्टाफ तैनात किया गया है। इसके अलावा वेतन भी जारी करने, सॢवस बुकों का रिकार्ड, अवैध कब्जों की लिस्ट बिना मंजूरी के बन रही इमारतें आदि के कार्यों को कम्प्यूटराइज किया जा रहा है। 

घर बैठे जमा करवाए जाएंगे बिल
नगर निगम में बिल, टैक्सों की रिकव्री के लिए ग्राऊंड के कमरा नंबर 107 में 7 काऊंटर लगाए जा रहे हैं। डाटा अपलोड करने उपरांत शहरवासी निगम दफ्तरों में चक्र लगाने के अलावा घरों में बैठे ही निगम की साइड लॉगइन कर बिल और टैक्स भर सकेंगे। मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने कहा कि अगले 3 माह में शहरवासियों के लिए यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी।

कंपनी 26 निगम और कौंसिलोंमें कर रही है कार्य  
आइ-कान सॉफ्टवेयर कंपनी के प्रोजैक्ट मैनेजर गगन वधवा ने बताया कि उनकी कंपनी पंजाब के 26 नगर निगमों और नगर कौंसिलों में सेवाएं दे रही है। कंपनी के सरोवर में लोगों को वेब ङ्क्षलक दिया जायेगा। जिसके साथ वह घर बैठे बिठाए ही बिलों टैक्सों का भुगतान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मेप माई इंडिया के पहले हो चुके सर्वेक्षण के साथ यह भी देखा जाएगा कि कितने लोगों ने सीवरेज पानी, प्रापर्टी टैक्क भुगतान किया है।
 
 

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