बारूद के ढेर पर है अन्नगढ़ का क्षेत्र,चौकी से चंद कदमों पर चल रही अवैध पटाखा फैक्टरी

punjabkesari.in Thursday, May 31, 2018 - 11:12 AM (IST)

अमृतसर (संजीव) : चौकी से चंद कदमों पर ही चल रही जसबीर की अवैध पटाखा फैक्टरी में क्या पुलिस आज हुए धमाकों के इंतजार में थी। यह सवाल जहां पुलिस की कार्यकुशलता पर सवालियां निशान खड़ा कर रहा है, वहीं थाना गेट हकीमां व चौकी अन्नगढ़ में चल रहे भ्रष्टाचार के भी संकेत दे रहा है।

कई वर्षों से अन्नगढ़ क्षेत्र में अवैध पटाखों को लेकर कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं और कई लोग इसमें अपनी जाने तक गवा चुके हैं। मगर हर बार की तरह पुलिस ब्लास्ट के बाद मौके पर पहुंचती है और पूरे क्षेत्र में चल रहे अवैध पटाखों की फैक्टरियों व बिक रही अवैध शराब पर शिकंजा कसने का दावा करती है। चंद दिनों में लोग दुर्घटनाओं को भूलने लगते है और पुलिस के दावे हवा हो जाते है। 

अवैध पटाखों पर लगना था एक्सप्लोसिव एक्ट  
विडम्बना यह रही कि घर से रोजी रोटी कमाने वाला विक्की फैक्टरी मालिक जसबीर सिंह की अवैध पटाखा फैक्टरी का शिकार हुआ और अपनी जान गवा बैठा। मगर पुलिस ने इस पूरे मामले को एक दुर्घटना का रूप देकर जसबीर सिंह के विरुद्ध भारतीय दंडावली की धारा 304-ए के अधीन केस दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ दिया है, लेकिन इस मामले में आरोपी द्वारा बिना लाइसैंस के बनाए जा रहे अवैध पटाखों में एक्सप्लोसिव एक्ट लगना चाहिए था। पुलिस की यह कार्रवाई एक तरफ भ्रष्टाचार के संकेत दे रही है और दूसरी और यह भी लग रहा है कि पुलिस पूरे अन्नगढ़ क्षेत्र में चल रही अवैध पटाखों की फैक्टरियों पर पाबंदी लगाने के लिए संजीदा नहीं है। 

दीवाली के दिनों में होती है कार्रवाई
अन्नगढ़ क्षेत्र में चल रहे पटाखों के अवैध कारोबार पर वर्ष में एक बार दीवाली के दिनों में कार्रवाई होती है, जिसमें पुलिस चंद हवाइयां, अनार व अन्य पटाखे पकड़ कर अपनी ड्यूटी निभाने का दावा करती है। मगर आज की तारीख में अमृतसर के मानचित्र पर दिखाई देने वाला उक्त अन्नगढ़ क्षेत्र दो ही चीजों से जाना जाता है। एक अवैध पटाखे और दूसरा अवैध शराब। किसी भी समय इस क्षेत्र में जाकर अवैध शराब व पटाखों के कारोबार को पकड़ा जा सकता है। मगर पुलिस इसमें भी नाकाम है। कई बार इस क्षेत्र में पटाखा फैक्टरी फटने की वारदाते हो चुकी है जिसमें जिला पुलिस को कई मुसिबतों का सामना भी करना पड़ा मगर आज स्थिति आज भी ज्यो की त्यो है। न तो यहां पटाखें बनाने वालों के पास कोई सरकार लाइसैंस है और न ही निपुन कारीगर है। 

छुट्टियां बिताने आई थी वीना
जसबीर सिंह व उसकी पत्नी दोनो ही दिव्यांग है और उनके दो बच्चे है।   पूरा परिवार किसी काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था और जसबीर की भांजी वीना जो बटाला से छुट्टियां काटने के लिए मामा के घर पर आई थी, वह कारगीर के साथ घर में मौजूद थी। जब तक जसबीर सिंह अपने परिवार के साथ वापस लौटता तो घर में धमाका हो चुका था और एक तरफ विक्की की मौत हो चुकी थी और दूसरी तरफ उसकी भांजी बुरी तरह से झुलस चुकी थी।  

सुरक्षा के नहीं हैं इंतजाम
पटाखे बनाने वालों के पास न तो जरूरत के अनुसार जगह है और न ही इन फैक्टरियों में सुरक्षा के उच्चित प्रबंध किए गए हैं। तंग गलियों में चल रही अवैध पटाखा फैक्टरियां अगर आग की चपेट में आ जाए तो इस बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां दमकल विभाग की गाडिय़ां कड़ी मुश्कत के बाद भी नहीं पहुंच पाएंगी। इन सभी अनियमताओं के बावजूद कई दशकों से इस क्षेत्र में अवैध पटाखे बनने बंद नहीं हुई और न ही कभी पुलिस सख्त कार्रवाई की है। 

swetha