सड़कों पर मौत बन घूम रही बी.आर.टी.एस. बसें

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 09:32 AM (IST)

अमृतसर(रमन): बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बी.आर.टी.एस.) प्रोजैक्ट का 15 दिसम्बर 2016 को शुभारंभ हुआ था, जिसे आज 3 वर्ष पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी भी यह अधूरा है। हालांकि बी.आर.टी.एस. बसों के लिए निर्धारित सड़क बनी है, जिसमें इनका आवागमन होता है। पिछले समय बी.आर.टी.एस. रोड पर आने वाले कई वाहनों के ट्रैफिक पुलिस ने चालान काटे थे, लेकिन जब हर रोज मौत का सामान बनी ये बसें सड़कों और चौराहों पर बिना सिग्नल लाइट देखे क्रॉसिंग करती हैं तो कई बार बड़े हादसे हुए है और कई होने से बचे हैं और चौराहों में खड़ी पुलिस मूकदर्शक बनी होती है। इन बसों के लिए अलग से सिग्रल लाइट लगी है, जब पब्लिक लाइट बंद होती है तो वह लाइट केवल बस की क्रॉसिंग के लिए जलती है पर बस चालक ट्रैफिक नियमों को ताक पर रख सरेआम नियमों की धच्चियां उड़ाते हैं, जिससे हर रोज हादसे होते हैं या कई बार बच जाते हैं। इन बसों ड्राइवरों को शहर में कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी नियमों का पाठ नहीं पढ़ा रहा है।

इन रूटों पर चलती हैं बसें
बी.आर.टी.एस. रूट अंतर्राज्यीय बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, शिक्षण संस्थाएं, शॉपिंग वाली जगहें, वेरका, न्यू अमृतसर, छहर्टा, विजय नगर, मॉल रोड, किचलू चौक, रेलवे स्टेशन, वेरका टाऊन, भंडारी पुल से अंतर्राज्यीय बस स्टैंड और अटारी गेट तक कॉरीडोर शुरू किया गया है।  

सुखबीर सिंह बादल का था ड्रीम प्रोजैक्ट
पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने विधान सभा चुनावों को लेकर आनन-फानन में इस प्रोजैक्ट के पहले चरण का शुभारंभ कर दिया था। ये प्रोजैक्ट पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजैक्ट था। इसकी लागत लगभग 600 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, इसमें 93 बसों को चलाया गया है, लेकिन कई बस स्टॉप पर आज भी निर्माण कार्य जारी हैं। बीते तीन वषों में कई बार इस प्रोजैक्ट को ग्रहण लगा और इसका पहिया रुका। कई बार बसों में डीजल खत्म तो कई बार कर्मचारियों का वेतन न मिलना बड़ा कारण रहा, जिससे बी.आर.टी.एस. बसों का पहिया रुका व कई बार बड़े हादसे भी हुए। 

बी.आर.टी.एस. सड़क पर हो चुके हैं बड़े हादसे
शहर में बी.आर.टी.एस. बसों की तेज रफ्तार के कारण क्रिस्टल चौक पर कार क्षतिग्रस्त हो गई थी, वहीं रेलवे स्टेशन के बाहर भी कारों की बस से भिड़ंत हो गई थी, जिससे काफी नुक्सान हुआ था। वहीं बी.आर.टी.एस. सड़क पर बड़े हादसे हो चुके है। कुछ माह पहले तेज रफ्तार के चलते दो पहिया वाहनों से दुर्घटना हुई थी, जिसमें सिर धड़ से अलग हो गया था। उसके बाद प्रशासन ने बी.आर.टी.एस. रूटों पर टैंपरेरी तौर पर ड्रम लगाकर पेंट कर दिया था।

बस स्टॉप मूलभूत सुविधाओं से हैं वंचित 
शहर में बी.आर.टी.एस के 57 बस स्टॉप हैं जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इन पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बस स्टॉपों पर न बाथरूम, न पीने का पानी है, जिससे वहां मौजूद कर्मचारियों को घर से पानी व बाथरूम के लिए आसपास होटल, रैस्टोरैंट में जाना पड़ता है। बस में सवार यात्रियों को भी ऐसी ही  परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

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