रेलवे क्रासिंग पर फाटक खुलते ही यात्री बस ने स्विफ्ट गाड़ी को ठोका

punjabkesari.in Saturday, May 12, 2018 - 01:05 PM (IST)

पठानकोट (शारदा): पठानकोट-चम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग पर ए.बी. कॉलेज के समीप स्थित नैरोगेज रेलवे फाटक पर आर.ओ.बी. अब तक न बनने का खमियाजा आम जनता के साथ दूरस्थ स्थान पर जाने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को लंबे जाम के रूप में फंसने से भुगतना पड़ रहा है। हालांकि चक्की पुल से मामून चौक तक फोरलेन मार्ग बन चुका है। बावजूद इसके उपरोक्त फाटक पर मार्ग की स्थिति आज भी वर्षों पुरानी बनी हुई है। ऐसे में जब नैरोगेज रेलगाड़ी वहां से गुजरती है तो इस दौरान रेलवे फाटक बंद होने पर दोनों दिशाओं में जाम लग जाता है।

 

फाटक खुलते ही लोग व वाहन चालक एक-दूसरे से पहले आगे निकलने की होड़ में लग जाते हैं जिससे हादसा घटने का खतरा हर समय बना रहता है। इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब दोपहर डेढ़ बजे के करीब नैरोगेज रेलगाड़ी पठानकोट स्टेशन से हिमाचल प्रदेश की ओर जाने के लिए गुजरी तो फाटक खुलने के बाद स्विफ्ट गाड़ी (नं.पी.बी.65ए.एम./5674) ने जैसे ही एक के बाद एक लगे अन्य वाहनों से आगे गुजरने का प्रयास किया तो उसके ठीक पीछे लगी हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की बस (नं.एच.पी.38बी/3377) ने आगे बढ़ते हुए स्विफ्ट गाड़ी को पीछे से ठोक दिया। हादसा घटित होने के बाद भी जब बस चालक ने अपनी गलती नहीं मानी तो इस पर आगे चल रही स्विफ्ट गाड़ी के चालक से उसकी तीखी नोक-झोंक हो गई। बस चालक द्वारा अपनी गलती न मानने पर खफा होकर स्विफ्ट गाड़ी चालक ने बस को वहीं बीच सड़क रोक दिया। इससे दोनों ओर फिर से वाहनों की कतारें लगने पर जाम की स्थिति बनी रही। 

 

मामला सुलझता न देखकर हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारी वहां पहुंचे व दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया परन्तु स्विफ्ट गाड़ी सवार युवक टस से मस न हुए तथा उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद दोनों पक्षों की बातों को सुना। अंतत दोनों पक्षों में सुलह की स्थिति बनने पर दोनों दिशाओं में जाम खुल सका तथा इसमें फंसे हुए वाहन गंतव्य की ओर रवाना हो सके। वहीं आए दिन ऐसी घटनाएं घटने संबंधी स्थानीय निवासी नीरज जंबाल ने बताया कि रेलवे क्रासिंग की समस्या सर्वविदित है तथा न ही यहां से स्थान अब तक चौड़ा किया जा सका तथा न ही कोई आर.ओ.बी. बन सका। इसके चलते हाईवे पर आए दिन जाम व हादसे घटित होते हैं। विभाग को पहल के आधार पर इस समस्या का हल करना चाहिए। 

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