अरबों का पटाखा बर्बादी की कगार पर

punjabkesari.in Tuesday, Nov 06, 2018 - 08:28 AM (IST)

अमृतसर (नीरज): दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में लगातार बढ़ते जा रहे वायु प्रदूषण के लिए पराली का जलना जिम्मेदार है या फिर दीवाली के दिन कुछ घंटे जलने वाले पटाखे। यह सच है कि मौजूदा हालात में अरबों रुपयों का पटाखा कारोबार बर्बादी की कगार पर खड़ा है। जिला पुलिस गली-मोहल्लों में अवैध रूप से बेचे जा रहे पटाखा विक्रेताओं पर तो कोई कार्रवाई नहीं कर रही लेकिन जंडियाला क्षेत्र के राजोवाल गांव में केन्द्र सरकार के लाइसैंसी पटाखा व्यापारियों के 11 गोदामों को पुलिस ने सील कर दिया है जिससे होलसेल पटाखा व्यापारियों में भारी रोष पाया जा रहा है। 

जिला प्रशासन की तरफ से ड्रा के जरिए 10 व्यापारियों को पटाखे बेचने की इजाजत दी गई है। पटाखा व्यापारी व होलसेल लाइसैंस होल्डर हरीश धवन ने बताया कि लाइसैंसी व्यापारी कानून के अनुसार काम कर रहे हैं फिर भी पुलिस की तरफ से इन व्यापारियों को किस कानून के तहत परेशान किया जा रहा है यह समझ में नहीं आ रहा है। ये वही होलसेल व्यापारी हैं जो पहले कभी जहाजगढ़ पटाखा मार्कीट में अपनी दुकानें सजाते थे लेकिन आज इन व्यापारियों को अपने गोदामों में पटाखे बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। 

शिवाकासी में भी 50 से 60 प्रतिशत कारखाने हुए बंद
देश में पटाखों का निर्माण करने व बिक्री करने वाली सबसे बड़ी मंडी शिवाकासी में भी पटाखों के कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। नोटबंदी व जी.एस.टी. लगने के बाद शिवाकासी के 50 से 60 प्रतिशत कारखाने बंद हो चुके हैं जिनका पुनर्वास होता नजर नहीं आ रहा है क्योंकि लगातार बढ़ते जा रहे प्रदूषण को देखते हुए अदालतों की तरफ से सख्त आदेश जारी किए जा रहे हैं। 

नीलामी में निकले खोखों की ब्लैक होने की भी चर्चा
जिला प्रशासन की तरफ से पूरी पारदर्शिता के साथ पटाखों के खोखों के लिए ड्रा निकाला गया, जिसमें हाईकोर्ट के आदेशानुसार वर्ष 2016 की तुलना में 20 प्रतिशत खोखे ही लगाए जा सकते हैं। यानी 10 खोखे लगाए जा सकते हैं। डी.सी. कमलदीप सिंह संघा व पुलिस कमिश्नर एस.एस.श्रीवास्तव की तरफ से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी में खोखों का ड्रा निकाला गया है लेकिन चर्चा है कि कुछ लोगों ने ड्रा में निकले खोखे आगे ब्लैक कर दिए हैं जिसकी जिला प्रशासन की तरफ से जांच शुरू कर दी गई है। 

swetha