कर्फ्यू के दौरान औद्योगिक संस्थानों के मालिकों ने फेरी आंखें, नहीं दिया मार्च माह का वेतन

punjabkesari.in Saturday, Apr 25, 2020 - 03:09 PM (IST)

अमृतसर, दलजीत शर्मा:  कर्फ्यू के दौरान शहर में औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले मजदूरों को अधिकतम संस्थान मालिक मार्च महीने का पूरा वेतन नहीं दे रहे हैं मालिक मजदूरों को स्पष्ट कह रहे हैं कि उनके पास पैसे नहीं है वह कहां से दे मालिकों की इस कार्रवाई के कारण मजदूरों को दो वक्त की रोटी खाने के लाले पड़े हुए हैं। इस बात का खुलासा उत्तर प्रदेश कल्याण मंच के प्रवक्ता रामभवन गोस्वामी ने किया है। गोस्वामी ने बताया कि मजदूर वर्ग में अपने मालिकों से विनती की है कि उनको 21 मार्च तक किए हुए कार्य का वेतन नहीं दिया गया है। कुछ संस्थानों ने जहां पर वर्करों ने  21 मार्च तक ₹10000 का काम किया था उनको एक या दो हजार देकर ये कहा गया कि अब हमारे पास पैसा नहीं है हम कहां से दें, और कुछ संस्थानों ने जब से लाॅकडाउन हुआ है कुछ भी नहीं दिया है। गोस्वामी ने बताया कि मंच को  मजदूरों ने यह भी कहा कि एक या दो हजार में हम यहां पर अपना पेट पाले या गांव में बच्चों को भेजें, उनका कहना है जिन्हे संस्थानों के लिए हमने रात दिन मेहनत करके संस्थान के तरक्की में अपना खून पसीना बहाया लेकिन वह संस्थान आज दैविक आपदा में हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। रामभवन गोस्वामी ने बताया कि वह जल्द ही डीसी  को लेटर लिखकर और सभी को पूर्ण वेतन दीये जाने की मांग करेंगे। गोस्वामी के अनुसार शहर के प्रमुख उद्योगपतियों ने प्रशासन से मांग की है कि ईएसआई, संस्थान मजदूरों के वेतन का भुगतान करें जबकि जमीनी हकीकत या है कि 90% संस्थान ऐसे हैं जोकि अपने वर्करों की ईएसआई काटते ही नहीं है । अगर सरकार उद्योगपतियों की मांगों पर खरी उतरती  है तो वह 90 % वर्कर कहां जाएंगे जो, संस्थान में रजिस्टर्ड ही नहीं है। इसलिए सरकार को दोनों पहलुओं पर विचार करना चाहिए।


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Riya bawa

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