आधी रात इलाज के लिए तड़पती रही गर्भवती

punjabkesari.in Monday, May 28, 2018 - 03:01 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत) : बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में रात को आने वाले मरीजों को एमरजैंसी में दाखिल करने के लिए परिजनों को डाक्टरों की मिन्नतें करनी पड़ती है। कई बार तो दर्द से तड़प रही गर्भवती की हालत पर डाक्टर तरस भी न खाकर उसके परिजनों को बुरा-भला कहते हैं।

एक ऐसा ही मामला गत रात्रि उस समय सामने आया जब दर्द से तड़प रही गर्भवती के परिजनों ने अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को फोन करके डाक्टरों द्वारा परेशान किए जाने संबंधी शिकायत लगाई। परिजनों की शिकायत के आधार पर आधी रात मौके पर मैडीकल सुपरिंटैंडैंट ने एमरजैंसी में तैनात स्टाफ को फटकार लगाते हुए मरीज को दाखिल करवाया।

जानकारी के अनुसार शनिवार की रात नारायणगढ़ निवासी अमनदीप कौर नामक महिला गुरुनानक देव अस्पताल स्थित बेबे नानकी मदर एंड चाइल्ड केयर वार्ड में पहुंची थी। वह 6 माह की गर्भवती है। रात को अचानक दर्द होने की वजह से इस वार्ड में लाया गया था। यहां पी.जी. डॉक्टरों ने उसे दाखिल करने से इंकार कर दिया। रात साढ़े 11 बजे उसके परिजन एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक डाक्टरों से मिन्नतें करते रहे, पर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।

अमनदीप के पिता निशान सिंह ने बताया कि उन्होंने आर.टी.आई. एक्टिविस्ट राजिंदर शर्मा राज को रात पौने 12 बजे फोन कर इस बात की जानकारी दी। राजू उसी वक्त अस्पताल पहुंचे और पी.जी. डाक्टर से कहा कि वह महिला का उपचार क्यों नहीं करते। इस पर डाक्टर ने उनकी बात सुनकर भी अनसुनी कर दी। ऐसे में राजू तथा परिजनों ने अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. सुरिदर पाल को फोन कर जानकारी दी। डा. सुरिंदर पाल सिंह 15 मिनट में अस्पताल पहुंचे और पी.जी. डाक्टर को फटकार लगाई। डा. सुरिंदर पाल सिंह के हस्तक्षेप के बाद अमनदीप कौर को दाखिल कर लिया गया।

पहले भी हुई ऐसी घटना
राजिंदर शर्मा ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब गायनी वार्ड में महिलाओं को डाक्टरों की अनदेखी का शिकार होना पड़ा हो। पिछले वर्ष एक गर्भवती महिला भी इसी तरह आधी रात को गायनी वार्ड में पहुंची थी। डाक्टरों ने दाखिल नहीं किया और परिणामस्वरूप उसकी डिलीवरी वार्ड की चौखट पर ही हो गई।  

जो डाक्टर मरीजों को परेशान करेंगे, उन पर होगी कार्रवाई
मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. सुरिंद्र पाल सिंह ने कहा कि डाक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों को किसी प्रकार भी परेशान न किया जाए। जो डाक्टर मरीजों को परेशान करेगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

swetha