हवा में मौत बनकर उड़ रही ड्रैगन डोर

punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2019 - 08:51 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): हवा में प्रदूषण का स्तर अभी सामान्य भी नहीं हुआ कि अब एक और समस्या हवा में सरेआम उड़ रही है। जिला प्रशासन व पुलिस की सख्ती के बावजूद ड्रैगन डोर (चाइना डोर) हवा में मौत बनकर उडऩी शुरू हो गई है और लोगों की जिंदगियां लील रही हैं। हर वर्ष ड्रैगन डोर की समस्या सामने आती है और हर वर्ष प्रशासन की तरफ से इस डोर को बंद करवाने के दावे भी किए जाते हैं लेकिन यह दावे असलियत में खोखले ही नजर आते हैं।

ड्रैगन डोर का निर्माण व बिक्री बंद किए जाने के बावजूद पतंग उड़ाने वाले बच्चे व बड़े इसका धड़ल्ले से प्रयोग करते नजर आ रहे हैं और दोपहियां वाहन चलाने वाले राहगीरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पिछले कई वर्षों से प्रशासन की तरफ से इस डोर की बिक्री व प्रयोग बंद किया जा चुका है लेकिन फिर भी न तो चाइना डोर बेचने वाले बाज आ रहे हैं और न ही इसका प्रयोग करने वाले बाज आ रहे हैं जबकि आए दिन कोई न कोई व्यक्ति इस डोर के चपेट में आकर घायल हो रहा है जबकि पिछले वर्षों के  दौरान तो कई लोग इस डोर की चपेट में आकर मौत का शिकार भी बन चुके हैं। प्रशासन चाहकर भी इस डोर का प्रयोग रोकने में नाकाम साबित नजर आ रहा है। डोर विक्रेताओं की दुकानों पर चाइना डोर की तलाश में छापेमारी भी की जाती रही है लेकिन कोई सफलता नहीं मिलती है। 

प्रशासन की तरफ से स्कूलों व कॉलेजों में भी बच्चों को इस डोर का प्रयोग बंद करने के लिए जागरुक किया जा रहा है लेकिन छत पर जाकर देखा जाए तो पता चलता है कि खुद बच्चों के अभिभावक भी चाइना डोर से पतंग उड़ा रहे होते हैं। वहीं ड्रैगन डोर बेचे जाने से परंपरागत डोर निर्माता भी परेशान हैं।  बिक्री बंद, फिर भी धड़ल्ले से हो रहा प्रयोगचाइना डोर के निर्माण की बात करें तो पता चलता है कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चाइना डोर के घातक परिणामों को देखने के बाद पूरे देश में इस डोर के निर्माण पर बैन लगा दिया है।

एन.जी.टी. ने सभी राज्यों के सी.एम. के जरिए डिप्टी कमिश्नरों के जरिए इस डोर का निर्माण करने व इसकी बिक्री करने के अलावा इसका प्रयोग करने पर भी बैन लगा दिया है लेकिन छत पर चढ़कर देखा जाए तो पता चलता है कि ज्यादातर लोग आज भी इस चाइना डोर का प्रयोग कर रहे हैं। आखिरकार इसकी आमद कहां से हो रही है? चाइना डोर की भारत में आमद की बात करें तो लगभग 10 वर्ष पहले गैरकानूनी ढंग से चाइना से कुछ व्यापारियों ने डोर का आयात किया और इस चाइना डोर ने परंपरागत डोर के कारोबार को 1-2 वर्ष में ही तबाह करके रख दिया। हालात यह बन गए कि सैंकड़ों की संख्या में पिन्ने वाली डोर का निर्माण करने वाले कारीगर बेरोजगार हो गए क्योंकि चाइना डोर के सामने पिन्ने वाली डोर या बरेली की डोर 1 मिनट भी नहीं टिक पाती है।

ड्रैगन डोर ने बदला पैंतरा, गट्टू पर लिखा पतंग उड़ाने के लिए नहीं

एन.जी.टी. ने चाइना डोर के निर्माण पर बैन लगा दिया लेकिन इसका निर्माण करने वाले भी इतने शातिर हैं कि उन्होंने अब इस डोर की बिक्री करने के लिए अपना पैतरा ही बदल लिया है। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अब चाइना डोर के गट्टू पर लिखा गया है कि यह पतंग उड़ाने के लिए नहीं है जबकि इससे पहले चाइना डोर के गट्टू पर बकायदा पतंग उड़ाते हुए बच्चे की फोटो लगी होती थी लेकिन पैतरेबाजी ने सरकार को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। गट्टू पर लिखकर कि इसका प्रयोग पतंग उड़ाने के लिए नहीं है डोर निर्माता सीधी कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं हालांकि इस डोर का निर्माण चोरी छिपे हो रहा है।

चाइना डोर से पतंग उड़ाने वाले बच्चे कर सकते हैं अहम खुलासे
चाइना डोर की बिक्री करने वाले बड़ी सतर्कता के साथ चोरी छिपे इस डोर की बिक्री कर रहे हैं लेकिन इस डोर से पतंग उड़ाने वाले बच्चे सरेआम पतंग उड़ाते नजर आते हैं। पुलिस चाहे तो अपने-अपने थानों के इलाकों में छतों पर चाइना डोर से पतंग उड़ाने वाले बच्चों को पकड़ सकती है और उनसे चाइना डोर की बिक्री करने वालों के नाम का खुलासा हो सकता है। वैसे भी चाइना डोर की बिक्री के साथ-साथ इस डोर का प्रयोग करने पर भी बैन लगा हुआ है।

कुछ हलवाई, करियाना दुकानदार, पकौड़े वाले बेच रहे चाइना डोर
चाइना डोर की बिक्री के मामले में पता चला है कि कुछ ऐसे लोग इस डोर की बिक्री कर रहे हैं जिनका पतंग व डोर के कारोबार से कोई दूर का भी नाता नहीं है। कुछ हलवाई, करियाना दुकानदार यहां तक कि पकौड़े वाले, समोसे वाले भी इस डोर की बिक्री करने में लगे हुए हैं और आम जनता की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लोगों को कई बार पकड़ा भी जा चुका है लेकिन बार-बार यह लोग इसी काम में संलिप्त हो जाते हैं। पंजाब पुलिस की कुछ काली भेड़ें भी चाइना डोर विक्रेताओं का साथ दे रही हैं और कहीं कहीं तो पुलिस वाले भी चाइना डोर की बिक्री करते नजर आ रहे हैं। ऐसे पुलिस कर्मचारी लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ तो कर ही रहे हैं, वहीं पुलिस को भी बदनाम कर रहे हैं। 

शुरुआती बिक्री के बाद परंपरागत डोर निर्माताओं ने कर ली तौबा
चाइना डोर की भारत में आमद के बाद शुरुआत में परंपरागत डोर विक्रेताओं ने भी इसकी बिक्री शुरू कर दी थी लेकिन समय-समय पर अमृतसर जिला प्रशासन की तरफ से पूर्व डी.सी.काहन सिंह पन्नू, डी.सी. रजत अग्रवाल, डी.सी. रवि भगत, डी.सी. वरुण रुजम व कमलदीप सिंह संघा ने पुलिस मदद के साथ फ्लाइंग स्कवॉयड बनाकर चाइना डोर विक्रेताओं पर सख्त एक्शन लिया और पुलिस ने भी धारा 188 के साथ-साथ 420 के पर्चे दर्ज करने शुरू कर दिए जिसके बाद परंपरागत डोर विक्रेताओं ने इस डोर की बिक्री करने से तौबा कर ली और खुद उन दुकानदारों के नाम पुलिस को बताए जो चोरी छिपे चाइना डोर बेच रहे थे। फिलहाल एक बार फिर से परंपरागत डोर निर्माताओं के मन में अवैध रूप से चाइना डोर की बिक्री करने वालों के खिलाफ रोष पाया जा रहा है।

प्रशासन करेगा सख्त कार्रवाई
एडिशनल डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल ने कहा है कि ड्रैगन डोर बेचने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस समय 550वें प्रकाशोत्सव में व्यस्त है। इसके बाद फ्लाइंग स्कवॉयड का गठन किया जाएगा। बच्चों को इस डोर के घातक परिणामों संबंधी जागरुक करने के लिए स्कूूलों में सैमीनार करवाए जा रहे हैं, समाज सेवी संस्थाओं की तरफ से लोगों को जागरुक किया जा रहा है। बच्चों के अभिभावकों से भी अपील की जा रही है कि वह अपने बच्चों को चाइना डोर का प्रयोग करने से रोकें। 

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