चोरी हुईं ‘अस्थियां’ की 9 माह बाद भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं

punjabkesari.in Thursday, Apr 19, 2018 - 05:28 PM (IST)

अमृतसर (स.ह., नवदीप) : आज तक आपने चोरियों की अनगिनत खबरें पढ़ी होंगी, लेकिन यह खबर कुछ हट कर है। मामला पूर्व नायब तहसीलदार की ‘अस्थियां’ चोरी होने का है।  वहीं पुलिस 9 महीने बाद भी अस्थियां चोरी करने की एफ.आई.आर. नहीं दर्ज की है। एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के लिए मृतक नायब तहसीलदार की विधवा पुलिस व प्रशासन के चक्कर काट रही है। जानकारी के अनुसार तरनतारन जिले के भिखीविंड कस्बे में तैनात नायब तहसीलदार इन्द्रजीत सिंह की 3 अगस्त 2017 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।

 

उस समय वो अपने रिश्तेदार के घर (अटारी) रह रहा था। मौत की खबर नायब तहसीलदार के जालंधर में रह रहे परिवार को 24 घंटे बाद दूसरों से मिली। जब परिवार के लोग श्मशानघाट पहुंचे तो शव को जलाने की तैयारी की जा रही थी। मृतक की पत्नी ने पुलिस से शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए कहा। पोस्टमार्टम के बाद शव का संस्कार हुआ।  संस्कार वाली रात श्मशानघाट से अस्थियां चोरी हो गई। अस्थियां चोरी होने की शिकायत थाना घरिंडा में 4 अगस्त 2017 को दे दी गई थी, लेकिन आज तक अस्थियां चोरी होने की एफ.आई. आर दर्ज नहीं हो सकी है। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा 
पूर्व नायब तहसीलदार इन्द्रप्रीत सिंह (53)की मौत स्वाभाविक थी या नहीं इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में होगा। फिलहाल अभी रिपोर्ट थाने तक नहीं पहुंची है। इन्द्रप्रीत सिंह के परिवार में पत्नी वरिंदर कौर (46), बेटी हरनीत कौर (26), बेटा त्रिलोक सिंह (23) व  बेटा जसजीत सिंह (16) है। इन्द्रप्रीत सिंह के पिता उत्तम सिंह व मां इकबाल कौर की मौत हो चुकी है। इन्द्रप्रीत सिंह का अमृतसर में दशमेश नगर (कोट मित्त सिंह) में घर हैष वर्तमान में  परिवार जालंधर के अर्बन इस्टेटमें रह रहा है। 

मुझे ‘इंसाफ’ दिला दो या ‘मौत’ 
इस संबंधी  शिकायतकर्ता वरिंद्र कौर ने कहा कि उसके पति नायाब तहसीलदार थे, डी.एस.पी. स्तर का रैक था उनका। उनकी मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जहां अभी तक नहीं मिली है, वहीं करीब 10 महीने हो चले हैं अस्थियां चोरी करने की रिपोर्ट पुलिस नहीं दर्ज कर रही है। अब तक 37 शिकायतें लिख चुकी हूं। अमृतसर के डी.सी. कमलदीप सिंह संघा, अमृतसर देहाती के एस.एस.पी. परमपाल सिंह के साथ-साथ बार्डर रेंज के आई.जी., डी.आई.जी., डी.जी.पी. पंजाब व मुख्यमंत्री तक पत्र लिख चुकी हूं लेकिन आज तक अस्थियां चोरी होने की जांच भी शुरू नहीं हो सकी है। मुझे इंसाफ दिला दो या मौत। 
 

swetha