पंजाबियों को दीमक की तरह चाट रहे हैं फेक ट्रैवल एजैंट

punjabkesari.in Sunday, Nov 10, 2019 - 03:31 PM (IST)

अमृतसर(संजीव): पंजाब में फैला फेक ट्रैवल एजैंटों का मकड़जाल राज्य की अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह चाट रहा है। आज विदेश जाने के लिए युवा पीढ़ी कुछ भी करने को तैयार है। इसी का फायदा उठा बाजार में बैठे फर्जी ट्रैवल एजैंट करोड़ों रुपए इकट्ठा कर रहे हैं। तेजी से बढ़ रही इमीग्रेशन इंडस्ट्री ने कई घरों को तबाह कर दिया है। अपनी औलाद की जिद्द के आगे मजबूर हो रहे परिजन जहां अपना सब कुछ लुटा बैठते हैं, वहीं इन फर्जी एजैंटों के हत्थे चढ़ने वाले ये परिवार सालों तक अपना पैसा वापिस पाने के लिए या एजैंटों के दफ्तरों या पुलिस थानों के चक्कर काटते रहते हैं और अगर बात नहीं बनती तो कोर्ट-कचहरियों का मुंह देखना पड़ता है। वहीं विदेश भेजने का नाम पर लाखों ठगे जा रहे हैं और फर्जी लाइसैंस व फर्जी नंबरों पर विदेश भेजने की डीलिंग होती है। 

पंजाब केसरी ने जब ऐसे एजैंटों की जांच की तो कई हैरानीजनक पहलू सामने आए। इनमें बहुत से परिवार वैध-अवैध ढंग से विदेश पहुंचने की चाहत लेकर ट्रैवल एजैंटों के पास पहुंचते हैं। बस यहीं से शुरू होता है एजैंटों का मकड़जाल और वे इन परिवारों के जज्बातों से खेलने लगते हैं। पहले ये उनको विदेश पहुंचाने का सुनहरा सपना दिखाते हैं। फिर यह कहकर लाखों ऐंठ लेते हैं कि आपकी फाइल काफी स्ट्रांग हैं, वीजा के लिए लगाकर देखते हैं। अगर वीजा आ गया तो आपकी किस्मत और अगर नहीं आया तो आधे पैसे लौटा देंगे, कह उनसे 3 से 5 लाख रुपए ऐंठ लिए जाते हैं और जब वीजा फाइल रिजैक्ट हो जाती है तो लोग पैसे वापस लेने की आस में महीनों ट्रैवल एजैंटों के चक्कर लगाने लगते हैं। कई महीनों बाद जब कुछ हाथ नहीं लगता तो कानून के पास पहुंचते हैं। वहां भी पुलिस जांच का हवाला देकर कई महीने निकाल देती है। इसी तरह कानूनी प्रक्रिया में फंसा परिवार कई बार खुद पर जुल्म कर बैठता है। बहुत से केसों में ये भी देखा गया है कि वर्क वीजा का कहकर ट्रैवल एजैंट टूरिस्ट वीजा पर भेज देते हैं, जिस कारण व्यक्ति को वापिस लौटना पड़ता है। 

ये ठोस कदम उठाने की जरूरत

  • राज्य में अवैध रूप से चल रहे इमीग्रेशन के अड्डों की मॉनीटरिंग के लिए एजैंसी का गठन करे सरकार। 
  • रोजगार विभाग में अलग से युवा पीढ़ी के लिए विदेशी रोजगार सैल बनाए जो पूरी जानकारी दे। 
  • स्किल्ड वर्करों के लिए सरकार ऐसा प्लेसमैंट सैल बनाए जहां से विदेश जाने वाले हर जानकारी ले सकें। 
  • रजिस्टर्ड ट्रैवल एजैंटों की लिस्ट बना रोजगार विभाग के विदेशी सैल में रखी जाए, ताकि विदेश जाने वाला उन्हीं से सम्पर्क करे।  
  • ठगी का शिकार लोगों के लिए अलग से सैल बने जो समय सीमा में जांच कर पर्चा दर्ज करे।
  • ब्लैक लिस्टेड ट्रैवल एजैंटों पर कड़ी नजर रखे सरकार, ताकि ये दूसरी जगह भाग कर कार्यालय न खोल सकें।
  • आधार व पैन कार्ड से लिंक हों सभी ट्रैवल एजैंसियां।
  • लाइसैंस जारी होने से पहले बैंक गारंटी दें ट्रैवल एजैंट, ताकि फरार होने पर पीड़ितों का पैसा सुरक्षित रहे। 


सुप्रीम कोर्ट की हिदायत, फिर भी सख्ती नहीं
सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के बावजूद पंजाब में कोई ऐसी ठोस नीति नहीं बनाई जा सकी, जिससे राज्य में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने वाले ट्रैवल एजैंटों को कानूनी दायरे में लाकर शिकंजा कसा जा सके। बेशक हर शहर में पुलिस का अलग से इमीग्रेश्न विंग बना है, जो ट्रैवल एजैंटों पर नजर रखता है। समय-समय पर इनके लाइसैंस जांचने का दावा भी किया जाता है। फिर भी हर माह ये एजैंट लोगों से करोड़ों रुपए ठगे रहे हैं, जिसके लिए पुलिस की लापरवाही जिम्मेदार है और कई बार इस धंधे में हो रहे भ्रष्टाचार के कारण भी पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करना चाहती। 

इमीग्रेशन व ट्रैवल एजैंसी पर पुलिस की है नजर : एस.एस.पी. देहाती 
एस.एस.पी. देहाती विक्रमजीत दुग्गल का कहना है कि देहाती क्षेत्रों में इमीग्रेशन व ट्रैवल एजैंसी का काम करने वालों पर पुलिस नजर रखे हुए है। उनके लाइसैंसों की वैरीफिकेशन संबंधित थाना इंचार्ज करते हैं और ठगी की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। 

जल्द बनेगा एजैंटों का पूरा ब्योरा 
डी.सी.पी. लॉ एंड आर्डर जगमोहन सिंह का कहना है कि पुलिस लगातार ट्रैवल एजैंटों की कार्य कुशलता को रिव्यू करती है। समय-समय पर इनके लाइसैंस चैक किए जाते हैं। अगर कोई फेक ट्रैवल एजैंट का मामला सामने आता है तो कार्रवाई की जाती है। वहीं जिला पुलिस जल्द ट्रैवल एजैंटों का पूरा ब्योरा तैयार करने जा रही है, जिससे जाली एजैंटों पर शिकंजा कसा जाएगा।

Edited By

Sunita sarangal