पुलिस की नालायकियां : गैंगस्टरों की रखेल बनी अमृतसर की कानून व्यवस्था

punjabkesari.in Sunday, Sep 23, 2018 - 03:42 PM (IST)

अमृतसर (संजीव): अमृतसर की कानून व्यवस्था मानो पूरी तरह से गैंगस्टरों की रखेल बन चुकी है। पिछले करीब 1 वर्ष से शहर में हो रही अपराध की संगीन वारदातों को सुलझाने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम है। गैंगस्टर एक के बाद एक वारदात को सरअंजाम दे रहे हैं जबकि जिला पुलिस वही पुराना राग अलाप रही है। टीमें बना दी गई हैं, जल्द लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, कानूनी व्यवस्था तोडऩे वाले पर सख्त कार्रवाई होगी, वारदात के कुछ अहम सुराग मिले हैं। पुलिस के इन जुमलों से शहरवासियों को तसल्ली नहीं हो रही है और वे पुलिस से रिजल्ट की उम्मीद कर रहे हैं। 

क्या कारण है कि अक्तूबर 2017 से शहर में हुई बड़ी वारदातों को सुलझाया नहीं जा सका, क्या पुलिस नहीं चाहती कि वारदातों को अंजाम देने वाले गैंगस्टरों को पकड़ा जाए, क्या पुलिस का खुफिया तंत्र इस कदर कमजोर हो चुका है कि शहर में गैंगस्टरों की मौजूदगी के बारे में उसे भनक तक नहीं लगती। यह सारे सवाल पुलिस विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहे हैं। आज पुलिस को अपनी साख बचाने के लिए गुरु बाजार में हुई करोड़ों रुपए की लूट की वारदात को जल्द सुलझाने की जरूरत है, जिसमें वारदात को अंजाम देने वाले गैंगस्टर पुलिस के सामने आ चुके हैं तब भी पुलिस उनका सुराग निकालने में नाकाम है। समय रहते अगर पुलिस शहर में पूरी चौकसी बरतती और दहशत फैला रहे गैंगस्टरों को गिरफ्तार कर पाती तो गुरु बाजार चोरसती अटारी स्थित प्रेम कुमार एंड सन्ज में हुई करोड़ों रुपए की लूट को रोका जा सकता था।

कुख्यात गैंगस्टर शुभम की फरारी के बाद से शुरू हुईं वारदातें
कुख्यात गैंगस्टर शुभम सितम्बर 2017 में उस समय पुलिस कस्टडी से फरार हो गया जब उसे पेशी के लिए अदालत में लाया जा रहा था। वारदात रइया में हुई जहां शुभम के साथियों ने पुलिस पर फायरिंग की और उसे बस से भगा ले गए थे, जिसके बाद शुभम ने 30 अक्तूबर 2017 को अपने साथी सारज मिंटू के साथ मिल कर अमृतसर में हिन्दू नेता विपन शर्मा को मौत के घाट उतार कर पहली बड़ी वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद शुभम अपराध की दुनिया में आगे बढऩे लगा। हिन्दू नेता हत्याकांड में जिला पुलिस ने शुभम के साथी सारज मिंटू को गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने का दावा किया, जबकि सारज को काऊंटर इंटैलीजैंस जालंधर की पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। यह मामला आज भी पुलिस फाइल में शुभम की गिरफ्तारी न होने के कारण पैंङ्क्षडग है।

जनवरी 2018 में पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था करण मस्ती
अक्तूबर 2017 में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर निखिल उर्फ स्टाइलिश व करण मस्ती के कब्जे से 2 देसी कट्टे व गोलियां बरामद कर उन्हें जेल भेजा था, जबकि जनवरी 2018 में पेशी के लिए अदालत में लाया गया गैंगस्टर करण मस्ती पुलिस को चकमा दे हत्थकड़ी के साथ फरार हो गया था। अपने फरारी कांड के बाद करण मस्ती व शुभम ने आपस में मिल कर शहर में वारदातों को अंजाम दिया। करण मस्ती ने 10 मई 2018 को गुरु बाजार स्थित गली खड़क वाली में सुनार प्रताप मराठा की दुकान से 33 लाख का सोना लूट शहर में पहली बार अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई। आज 4 माह बीतने के बाद पुलिस करण मस्ती का कोई सुराग नहीं जुटा पाई, जबकि उसने 15 सितम्बर को गुरु बाजार में राज्य की सबसे बड़ी डकैती को अंजाम दे दिया। गुरु बाजार में लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों में सभी लुटेरे कैद हो गए। पुलिस को यह साफ हो गया कि वारदात को करण मस्ती, शुभम, अंग्रेज, अरुण व एक नए चेहरे ने सरअंजाम दिया, जिनके साथ कुछ और भी लुटेरे शामिल हैं जो बाजार की पूरी रैकी व वारदात के बाद लुटेरों को भागने में मदद करणे के लिए शामिल हैं। वारदात को 8 दिन बीत चुके हैं, लुटेरों के चेहरे पुलिस के सामने हैं मगर तब भी पुलिस इनका कोई सुराग नहीं जुटा पाई है। 

2 जून को कांग्रेसी पार्षद गुरदीप को उतारा था मौत के घाट
खुफिया रिपोर्ट यह साफ कर चुकी थी कि वार्ड नंबर 50 से कांग्रेसी पार्षद गुरदीप सिंह पहलवान की जान को खतरा है। बावजूद इसके पंजाब सरकार ने उसकी सुरक्षा के बारे में कोई संजीदगी नहीं दिखाई थी जिसका नतीजा यह हुआ कि गुरदीप पहलवान को गोलबाग स्थित अखाड़े के बाहर गोलियां मार मौत के घाट उतार दिया गया। इसके बाद जग्गू गैंग ने इसकी जिम्मेदारी उठा ली थी। इस वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी आज भी पुलिस पकड़ से दूर हैं। गुरदीप पहलवान हत्याकांड में थाना सिविल लाइन की पुलिस ने अंग्रेज, करण मस्ती, अरुण व रिंका के विरुद्ध केस दर्ज किया था। हत्याकांड में शामिल चारों आरोपियों में से पुलिस अभी तक एक को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई, जबकि गुरु बाजार में हुई डकैती में यह चारों आरोपी एक बार फिर इकट्ठे हुए और वारदात को अंजाम दिया। यहां यह बताने योग्य है कि सितम्बर 2017 को पुलिस कस्टडी से फरार हुए शुभम की समय रहते गिरफ्तारी हो जाती तो शहर में हो रही सभी वारदातों पर काबू पाया जा सकता था। 1 साल से फरार चल रहे शुभम व पिछले 9 माह से फरार हुआ गैंगस्टर करण मस्ती को पुलिस क्यों गिरफ्तार नहीं कर सकी, यह पुलिस के उच्च अधिकारियों के लिए एक गंभीर जांच का विषय है।

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