...बेटियां बेटों से कम नहीं, करें हिफाजत

punjabkesari.in Saturday, Mar 24, 2018 - 12:12 PM (IST)

अमृतसर(स.ह., नवदीप): एक तरफ हम कंजक पूजते हैं तो दूसरी तरफ बेटियों पर हो रहे अपराध से सिर शर्म से झुक जाता है। मंच से बेटियां बेटों से कम नहीं हैं, यह दावा किया जाता है, लेकिन बेटियों व बेटों में फर्क आज भी शिक्षा के अभाव के चलते कहीं-कहीं दिखता है। बेटियों की हिफाजत करें। पंजाब केसरी ने गुरु नगरी की ऐसी बेटियों को चुना, जो देश दुनियां में ऊंचा नाम कमा रही हैं, जिनकी फोटो देखते ही लोग कहते हैं कि यह हैं देश की कंजक। पेश है पंजाब केसरी की स्पैशल रिपोर्ट।

स्केटिंग से मिला राष्ट्रपति सम्मान

महक अभी 14 वर्षों की है। देश का सर्वोत्तम राष्ट्रपति सम्मान उसे मिल चुका है। स्केटिंग में लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड बनाने वाली महक विजय नगर में रहती है। कहती हैं कि मैं हर मोड़ पर विजय पाकर रहूंगी। मां अंजू गुप्ता टीचर तो पिता लवकेश गुप्ता भी बिजनेस से जुड़े हैं। 7 साल की उम्र में महक ने स्केटिंग में पूरी दुनियां का ध्यान तब खींचा, जब अमृतसर से अटारी सरहद तक बिना रूके महक  ने स्केटिंंग करके विश्व रिकार्ड 1 घंटे 20 मिनट में बिना रुके तय कर दी, जबकि उसे तीन घंटे 20 मिनट का समय दिया गया था। अंजना गुप्ता को गर्व है कि महक उसकी बेटी है। 2017 में महक ने जहां 24 घंटे स्केटिंग करके लि का बुक ऑफ वलर्ड रिकार्ड में दोबारा नाम दर्ज करवाया।  महक इस समय डी.ए.वी. पब्लिक  स्कूल में पढ़ती है। उसको 2012 में मौजूदा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति सम्मान से चिल्ड्रेन डे पर सम्मानित किया।  

7 साल की उम्र से कर रही श्री हरिमंदिर साहिब में शबद गायन 
खुशी को देखते ही पिता तजिंद्र सिंह खुशी से झूम उठते हैं। खुशी होली हार्ट प्रेजीडैंसी स्कूल में 10वीं की छात्रा है। दूसरी कक्षा में जब थी तब से श्री हरमंदिर साहिब में शब्द गायन करती है। श्री गुरु रामदास की नगरी के सुल्तानविंड रोड स्थित ईस्ट मोहन नगर की रहती है। बताती हैं कि मां गुरिंद्र कौर से ही सुर सीखा है। पिता बिजनेस से जुड़े हैं। बड़ी बहन गलोरिया कनाडा में प्राइवेट कंपनी में अच्छे पद पर है। बचपन से ही मां के साथ विरसा विहार जाया करती थी। दादा गुरचरण सिंह व स्कूल के गुरुओं का आशीर्वाद है कि इस्कॉन के तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर करवाई गई भजन प्रतियोगिता में मुझे पहला स्थान मिला। मेरी हसरत है कि मैं दीपिका पादुकोण के लिए गीत गाऊं, जिसमें रणबीर कपूर हीरो हो। 

राष्ट्रपति भवन व ‘न्यूयार्क आर्ट गैलरी’ में देखना चाहती है अपनी पेंटिंग 
गांधीयन इनीशिएटिव फॉर डिवेल्पमैंट ऑफ स्पोर्ट सर्विसेज (गिड्स) के तत्वाधान में नारी सशक्तिकरण पर इंटर नैशनल स्तरपर ऑन लाइन पेंटिंग प्रतियोगिता में अमृतसर की बेटी ने दुनिया के आर्ट को हराकर रंगों से पेटिंग प्रतियोगिता जीत ली है। हम बात कर रहे हैं अमृतसर हवाई अड्डा रोड स्थित मीराकोट में रहने वाली गुरलीन कौर की। गुरलीन कौर ने जिस तरह रंगों से आसमां पर ऊंची उड़ान भरी है, वो इतनी कम उम्र के लिए बड़ी बात है। गुरलीन कौर की चाहत है कि उसकी पेटिंग प्रदर्शनी न्यूयार्क आर्ट गैलरी में लगे।

3 साल की उम्र में ‘साइशा’ बनी बॉलीवुड स्टार 
साइशा उस उम्र में बॉलीवुड स्टार बन गई जिस उम्र में बच्चे खिलौने से खेलते हैं। साइशा के पिता दिनेश महाजन प्राइवेट कंपनी में ऊंचे ओहदे पर हैं। मां रेखा इवेंट आर्गेनाइजेशन के साथ-साथ डांस इन्स्टीच्यूट से जुड़ी हैं। साइशा ने 3 साल की उम्र में डांस में जब तालियां बटोरी तो बालीवुड की पारखी नजरों से वो बच न सकी। सौ से अधिक शो कर चुकी साइशा की पहली फिल्म दिलजीत के साथ वेलकम टू न्यूयार्क थी, बाद में आइशा ने अक्षय कुमार के साथ गोल्ड व धर्मेंद्र, ‘सन्नी दि योल’ व ‘बो दियोल’ के साथ ‘यमला-पगला-दीवाना’ करके बॉलीवुड में सिक्का जमाया। हॉलीवुड मूवी में वो देव पटेल के साथ दिखेगी। साइशा डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल में सेकेंड क्लास में पढ़ रही है। साइशा कहती हैं कि मैं एक दिन सुपरस्टार बनूंगी इस लिए अब एक्टिंग भी सीख रही हूं। 

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