1984 सिख हत्याकांड के सभी दोषियों को मिले सख्त सजाः भाई लौंगोवाल

punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2020 - 05:07 PM (IST)

अमृतसर (दीपक): 1984 में दिल्ली सहित अन्य शहरों में किया गया सिख हत्याकांड अनमनुखी दुष्टा का शिखर था, जिससे सभी दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। यह प्रगटावा शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने 1984 सिख हत्याकांड के साथ सम्बन्धित जस्टिस एस. एन. ढींगरा के नेतृत्व वाली एस.आई.टी. की तरफ से अपनी जांच रिपोर्ट दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए किया है। शिरोमणि कमेटी के प्रधान ने कहा कि 1984 में अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर सिख यात्रियों को रेल गाड़ियों में से उतार कर हत्या की गई और हैरानी की बात है कि किसी ने भी न ही सिखों को बचाया और न ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। 

उन्होंने कहा कि जस्टिस ढींगरा कमेटी की तरफ से दी गई रिपोर्ट में साफ हो गया है कि 1 और 2 नवंबर 1984 को दिल्ली के पांच रेलवे स्टेशनों पर सिक्खों की नस्लकुशी की गई। इसमें यह भी साफ हुआ है कि पुलिस ने अपनी बनती जिम्मेवारी नहीं निभाई। न ही घटनावार और न ही अपराध वार एफ.आई.आर. दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त कई शिकायतों को एक एफ.आई.आर. में ही मिला दिया गया। भाई लौंगोवाल ने मांग की कि इन मामलों में सिख हत्याकांड के दोषियों को सलाखों के पीछे किया जाए। उन्होंने कहा कि 35 साल बाद अभी तक सिख इन्साफ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 

भाई लोंगोवाल ने माँग की कि इस जांच रिपोर्ट के आधार पर 1984 सिख हत्याकांड में सिखो को इन्साफ दिया जाए। भाई लौंगोवाल ने कहा कि देश की आजादी के संघर्ष में 85 प्रतिशत से अधिक कुर्बानी करने वाले सिखों के कातिलों को लम्बा अरसा बीतने के बाद भी सजा से दूर रखना देश के लोकतंत्र पर सवालीया निशान है। उन्होंने कहा कि सिख हत्याकांड का हर दोषी सख्त सजा का हकदार है इसमें अब और देरी नहीं होनी चाहिए।

Mohit