स्टाम्प ड्यूटी हेरा-फेरी में माल विभाग नंबर वन

punjabkesari.in Thursday, Nov 21, 2019 - 10:11 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): जमीन जायदाद की रजिस्ट्रियां करते समय स्टाम्प ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस कम लगाने व हेराफेरी करने के मामले में माल विभाग नंबर वन पर चल रहा है। इसका सबसे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों की तरफ से अमृतसर जिले की रिकवरी संबंधी तैयार की गई रिपोर्ट में अकेले माल विभाग की ही 43 करोड़ रुपए की रिकवरी निकल आई है जिसकी वसूली करने के लिए डी.सी. ने समूह सब-रजिस्ट्रार, तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को आदेश जारी कर दिए हैं। 

इसके लिए बकायदा जिला माल अफसर मुकेश शर्मा की तरफ से सभी अधिकारियों के साथ पत्र व्यवहार किया जा रहा है और मौखिक तौर पर भी रिकवरी करने के लिए कहा जा रहा है। जानकारी के अनुसार माल विभाग की यह रिकवरी रजिस्ट्री करते समय स्टाम्प पेपर कम लगाने, रजिस्ट्री करते समय रजिस्ट्रेशन फीस कम वसूलने या फिर कमर्शियल जमीन के स्थान पर संबंधित जमीन की रिहाइशी जमीन पर रजिस्ट्री करने के कारण निकली है। 

हालांकि ऑनलाइन सिस्टम शुरू होने के बाद स्टाम्प ड्यूटी में हेरा-फेरी होने की संभावना काफी कम हो गई है क्योंकि ऑनलाइन रजिस्ट्री अप्वाइंटमैंट में कम्प्यूटर सरकार की तरफ से तय की गई कलैक्टर रेट व रजिस्ट्री की कीमत के अनुसार की स्टाम्प ड्यूटी उठाता है। ऑनलाइन सिस्टम में स्टाम्प ड्यूटी या फिर रजिस्ट्रेशन फीस में हेरा-फेरी संभव नहीं है लेकिन ऑनलाइन सिस्टम से पहले मैनुअली रजिस्ट्री होती थी और उस समय माल विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारी अपनी जेबें भरने के लिए कम स्टाम्प ड्यूटी पर भी जमीन की रजिस्ट्री कर देते थे। इसके लिए मोटी रिश्वत भी वसूल की जाती रही है। फिलहाल इस 43 करोड़ रुपए की सरकारी रिकवरी ने माल विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

कई महीने बाद जारी होते हैं स्टाम्प ड्यूटी बढ़ौतरी के  नोटिफिकेशन

माल विभाग में सरकारी कार्यप्रणाली का आलम यह है कि कई बार एफ.सी.आर. (फाइनांस कमिश्नर रैवेन्यू) दफ्तर की तरफ से जब स्टाम्प ड्यूटी या फिर रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ौतरी की जाती है तो इसका नोटिफिकेशन कई-कई महीने बाद जारी किया जाता है। कई बार यह नोटिफिकेशन जून के महीने में जारी किया जाता है जबकि फीस की बढ़ौतरी अप्रैल महीने में कर दी गई होती है। इन 3 महीनों की अवधि के दौरान सैंकड़ों रजिस्ट्रियां हो चुकी होती हैं और वह पुरानी फीस पर की गई होती हैं। इस प्रकार के मामलों में भी स्टाम्प ड्यूटी की रिकवरी खड़ी हो जाती है।

रिकवरी के लिए वसीका नवीसों तक सीमित हैं अधिकारी

माल विभाग की इस रिकवरी को वसूल करने के लिए विभागीय अधिकारी गंभीरता से काम नहीं कर रहे हैं। आलम यह है कि रिकवरी करने के अधिकारी सिर्फ वसीका नवीसों तक सीमित हैं और वसीका नवीसों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। वसीका नवीसों को कहा जा रहा है कि जिस रजिस्ट्री में स्टाम्प ड्यूटी कम है उसकी रिकवरी वसीका नवीस ही रजिस्ट्री करवाने वाले से करे। विभागीय अधिकारी रिकवरी करने के लिए खुद रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों के साथ सीधा सम्पर्क नहीं कर रहे हैं। सरकारी काम को लापरवाही से किया जा रहा है।

सिर्फ 10 करोड़ की कमी से रुका है मिनी सचिवालय का काम

सरकार के पास फंड की भारी कमी है इसका बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि अमृतसर जिले का मिनी सचिवालय सिर्फ 10 करोड़ की कमी के कारण रुका है जबकि माल विभाग 43 करोड़ रुपए की रिकवरी नहीं कर रहा है। मिनी सचिवालय को बनाने का काम पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के समय में शुरु किया गया था लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बावजूद मिनी सचिवालय का निर्माण पूरा नहीं हो सका है यदि माल विभाग 43 करोड़ की रिकवरी कर लेता है इस राशि को मिनी सचिवालय के निर्माण व अन्य सरकारी प्रोजैक्टों में खर्च किया जा सकता है।

इन्कम टैक्स विभाग भी ट्रेस कर चुका है 144 करोड़ की कैश ट्रांजैक्शन

रजिस्ट्री करते समय कुछ अधिकारियों की तरफ से इतनी बड़ी लापरवाही या साठगांठ का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि इन्कम टैक्स विभाग के इंटैलिजैंस विंग की तरफ से रजिस्ट्री दफ्तर में सर्वे करके 144 करोड़ रुपए की कैश ट्रांजैक्शन को ट्रेस कर लिया। इन्कम टैक्स एक्ट 269 (एस.एस.) के तहत 20 हजार से ज्यादा के लेन-देन चैक या ड्राफ्ट के जरिए हो सकता है लेकिन 2017-18 के दौरान रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों ने 746 रजिस्ट्रियों में 83 करोड़ की कैश ट्रांजैक्शन पकड़ी और एक अन्य केस में 465 रजिस्ट्रियों में 61 करोड़ की कैश ट्रांजैक्शन को ट्रेस कर लिया। जबकि माल विभाग की तरफ से दावा किया जाता रहा है कि रजिस्ट्री करते समय बकायदा चैक या ड्राफ्ट का नंबर रजिस्ट्री में लिखा जाता है ऐसे में 144 करोड़ की कैश ट्रांजैक्शन कैसे हो गई यह भी एक बड़ा सवाल है। इन्कम टैक्स विभाग भी एक्ट के अनुसार रजिस्ट्री में कैश ट्रांजैक्शन करने वालों पर सौ प्रतिशत जुर्माना वसूल करने की तैयारी करके बैठा है।


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