विश्व में सबसे अधिक जटिल है भारत का GST सिस्टम

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 10:41 AM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): भारत में टैक्सेशन प्रणाली का आधार जी.एस.टी. पूरे विश्व के 140 देशों में से सबसे अधिक जटिल बना हुआ है। जी.एस.टी. नियम में जहां पर टैक्स की धाराएं पूरे विश्व में अलग तरह की है वहीं इसके स्लेब वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। यहां तक कि विश्व बैंक ने भी भारत को कई बार चेताया है कि पूरे विश्व का सबसे जटिल कानून जी.एस.टी.मात्र भारत में ही है और भारत को इसका संज्ञान लेना चाहिए। वहीं व्यापारी वर्ग ने भारत के जी.एस.टी. सिस्टम पर कटाक्ष करते हुए इसे बड़े घरानों को लाभ दिलाने वाला कानून बताया है।

सबसे ऊंची दर भारत की
भारत के जी.एस.टी.में 28 की धारा विश्व में किसी देश के पास नहीं है। सिंगापुर में 7 प्रतिशत, न्यूजीलैंड में 15,फ्रांस में 20 और कनाडा में 14 प्रतिशत की धाराएं जी.एस.टी. में लागू है। वहीं मलेशिया में तो जी.एस.टी. का इतना विरोध हुआ कि 6 प्रतिशत की धारा के बावजूद सरकार गिर गई थी।

बेजोड़ हैं टैक्स स्लैब
जी.एस.टी. के टैक्स स्लैब पूरे विश्व के देशों में अलग तरह के हैं। वैश्विक स्तर पर किए गए आंकलन में पता चला है कि 49 देशों में जी.एस.टी. का स्लैब मात्र एक ही है जबकि 28 देशों में जी.एस.टी. के 2 ही स्लैब है, लेकिन भारत में जी.एस.टी.के 5 स्लैब बन चुके हैं।  पहले 4 स्लैब जिनमें 5 प्रतिशत 12, 18 और 28 लागू थे, जिनमें देशवासियों को पहले ही आपत्ति थी किंतु बाद में सोने पर भी 3 प्रतिशत का अलग स्लैब देकर 5 स्तरीय स्लैब बना दिया गया।

टैक्स के बड़े स्रोत अभी भी वैट में
भारत में जी.एस.टी. की इतनी ऊंची धाराओं के बावजूद आज भी शराब, तंबाकू, बिजली, पैट्रोल अभी तक अत्यधिक ऊंची और बेलगाम धाराओं के बीच वैट में एडिय़ां रगड़ रहे हैं। इनकी दरें इतनी हैं कि पूरा विश्व चौंक जाए। तंबाकू-सिगरेट पर सेस की दर 117 प्रतिशत और वैट की धाराएं 28 प्रतिशत शामिल हैं। क्रूड आयल से लेकर पैट्रोल तक विभिन्न प्रकार की धाराओं में देखा जाए तो 50 से 85 प्रतिशत टैक्स की धारा बनती है। वहीं शराब में 60 रुपए लीटर का वैश्विक मार्किट में बिकने वाला में इथाइल अल्कोहल 1 हजार रुपए प्रति 750 मिलीलीटर (बोतल)में बिक रहा है।

Anjna