बॉर्डर रेंज की पुलिस के निशाने पर आधा दर्जन फरार गैंगस्टर

punjabkesari.in Tuesday, Oct 09, 2018 - 04:26 PM (IST)

अमृतसर (इन्द्रजीत): बॉर्डर रेंज पुलिस ने गैंगस्टरों के विरुद्ध कड़ा दमनचक्र चलाते हुए बड़ी संख्या में गैंगस्टरों को जेल पहुंचाया है जबकि वर्तमान समय में केवल 6 गैंगस्टर ही बाहर रह गए है। इन 4 को पी.ओ. करार दिया जा चुका है। ‘पंजाब केसरी’ से विशेष भेंट में अमृतसर बॉर्डर रेंज के इंस्पैक्टर जरनल ऑफ पुलिस एस.पी.एस. परमार ने बताया कि बॉर्डर रेंज के अंतर्गत कुल 12 गैंग में 47 गैंगस्टर हैं। इनमें 41 को जेल पहुंचाया जा चुका था जिनमें 16 जमानत ले चुके हैं और 25 अभी जेलों में बंद हैं, वहीं बाहर इस समय सिर्फ 6 गैंगस्टर हैं जिन्हें जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बॉर्डर रेंज में कुल 12 गैंग थे किन्तु वर्तमान स्थिति में अब सिर्फ 5 गैंग रह गए हैं।  

गुरप्रीत सिंह गोपी घनश्यामपुरिया 
गुरप्रीत सिंह गोपी निवासी घनश्यामपुर इस समय पुलिस से फरार है।  इस पर थाना झंडेर की पुलिस ने आम्र्ज एक्ट, मेहता की पुलिस ने हत्या का प्रयास, अजनाला की पुलिस ने शास्त्र अधिनियम हत्या का प्रयास और अपहरण की धाराओं में केस दर्ज किया है, वहीं इसी प्रकार मत्तेवाल ने हत्या का प्रयास, खिलचियां में हत्या का प्रयास शस्त्र अधिनियम, तरसिक्का में हत्या का प्रयास वहीं इस पर तरनतारन पुलिस ने वैबोवाल थाने में एक हत्या का मामला भी दर्ज किया हुआ है। यह गैंगस्टर पुलिस को 16 मामलों में वांटेड है। 

सिमरजीत सिंह सिमर 
यह कुख्यात गैंगस्टर कोटकपूरा में एक बड़ी वारदात में शामिल होने के साथ-साथ मजीठा पुलिस को 7 मामलों वांछित है, इसमें 2 हत्या का प्रयास, एक मामले में दंगा-फसाद, जैतो थाने में यह व्यक्ति एक हत्या के मामले में भी वांछित है। पुलिस की लम्बी लुका-छुपी के उपरांत इसे पी.ओ. घोषित कर दिया गया है लेकिन फिलहाल यह इन क्षेत्रों में न होकर पंजाब के किसी दूसरे क्षेत्र में बताया जा रहा है।

गुरपिन्द्र सिंह लाली 
अलग-अलग तरह के भेस बदलने में माहिर यह कुख्यात गैंगस्टर 10 मामलों में पुलिस को वांटेड है, इनमें मुख्य तौर पर रंगड़-नंगल क्षेत्र में एक हत्या की वारदात के उपरांत यह 2009 में गैंगस्टरों की लिस्ट में आया था। 2011-12 में 3 हत्या का प्रयास करने के उपरांत यह 3 वर्ष तक भूमिगत हो गया था। वर्ष 2015 में यह पुन: दंगा-फसाद के मामले में सामने आया और इस पर थाना रंगड़-नंगल में शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। 2016 में इसने 2 बड़े हत्या के प्रयास किए। इसी प्रकार गुरदासपुर में 2 वारदातें करने के उपरांत 2016 से यह भूमिगत है। 

सुखमीत सिंह सुक्ख उर्फ सोनी
वर्ष 2016 में नाभा जेल ब्रेक कांड में गैंगस्टरों की दुनिया में बड़ी पहचान बनाई थी। पटियाला थाने में इसके विरुद्ध धारा 307, 392, 223, 224, 120-बी, 148-49 व आम्र्ज एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया गया था। इसने 2017 में हत्या का प्रयास गुरदासपुर सिटी में किया। इससे पूर्व थाना कलांपुर के अंतर्गत आते सुखमीत सिंह सुक्ख 2012 में गैंगस्टर के रूप में सामने आया और एक ही वर्ष में 2 हत्या के प्रयास, एक हत्या व एक नशे के मामले में इसने अपनी पहचान बनाई थी। एक वर्ष से यह भी भूमिगत बताया जा रहा है और तब से इसकी कोई वारदात पुलिस के सामने नहीं आई। 

सुरप्रीत उर्फ हैरी चट्ठा
वर्तमान समय में सबसे खतरनाक बताया जा रहा सुरप्रीत सिंह उर्फ हैरी चट्ठा, जिसका अपने नाम से गैंग चलता है। जिला गुरदासपुर में इस पर 2 हत्या के मामले चल रहे हैं। इसके साथ ही 10 अन्य वारदातों से इसने अपनी पहचान गैंगस्टरों की दुनिया में बनाई थी। बटाला के थाना सदर में गोलियां चलाकर हत्या का प्रयास अमृतसर के थाना सदर क्षेत्र में गोलियां चलाने के साथ दंगा-फसाद के अलावा इस पर हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज है। अमृतसर कैंट में इसने दर्ज एफ.आर.आई. के मामले में बड़ी धोखाधड़ी भी की थी। अजनाला क्षेत्र में हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम में इस पर मामले दर्ज हैं। इस पर कुल 1 दर्जन के करीब मामले दर्ज हैं।

मिलखा सिंह
जग्गू भगवानपुरिया गैंग से संबंधित यह थाना घरिंडा का रहने वाला है और इसने वर्ष 2012 में 2 हत्या के प्रयास किए थे। इसके पश्चात अभी तक यह भूमिगत चल रहा है।

पठानकोट हुआ गैंगस्टर रहित
बॉर्डर रेंज पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बॉर्डर रेंज के 5 जिलों में अमृतसर देहाती में 3, तरनतारन में 3, बटाला में 4, गुरदासपुर में 2 और कुल 12 गैंग चल रहे हैं। वहीं बॉर्डर रेंज के जम्मू और हिमाचल प्रदेश के साथ लगते पठानकोट का बड़ा क्षेत्र गैंगस्टरों से रहित है। 

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