हरीके पत्तन में इस साल आए 94 किस्म के 92,025 सुंदर पक्षी

punjabkesari.in Tuesday, Jan 21, 2020 - 11:52 AM (IST)

तरनतारन(रमन): हरीके बर्ड सैंक्चुरी में ब्यास और सतलुज दरिया का संगम होता है और यह अमृतसर-बठिंडा नैशनल हाईवे पर तरनतारन और फिरोजपुर की हद पर 86 वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैली हुई है। नवम्बर के महीने में वैटलैंड में मेहमान बनकर आए रंग-बिरंगे अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों की गिनती के सर्वे में पता चला है कि करीब दो हजार किलोमीटर का सफर तय करके आने वाले 450 किस्म के पक्षियों में पानी पर निर्भर रहने वाले 94 किस्म के 92,025 पक्षी इस साल यहां पहुंचे। गौर हो कि पिछले साल हरीके पत्तन पहुंचने वाले पक्षियों की गिनती से इस बार इनकी संख्या कम है।

यह सर्वे 18 जनवरी से 19 जनवरी तक भारत के वल्र्ड वाइल्ड लाइफ फंड, चंडीगढ़ बर्ड क्लब, अमृतसर बर्ड क्लब, लुधियाना बर्ड क्लब, जालंधर बर्ड क्लब, जागृति स्मृति, नंगल और जंगलात विभाग की सांझी टीम के करीब 30 सदस्यों ने किया, जिन्होंने 86 वर्ग किलोमीटर में फैले हरीके वैटलैंड को 12 ब्लाकों में बांटकर पक्षियों की गिनती की। मालूम हो कि सर्दियों दौरान ज्यादातर साइबेरिया, आर्कटिक के अलावा और कई ठंडे देशों से ये पक्षी अंतर्राष्ट्रीय बर्ड सैंक्चुरी (वैटलैंड) हरीके पत्तन पहुंच जाते हैं। इनकी साल 2016 में गिनती 1 लाख 5 हजार, 2017 में 93 हजार, 2018 में 94,771, 2019 में 1,23,128 और 2020 के दौरान 92,025 गिनती रही है। इनकी आवभगत, देखभाल और सुरक्षा के लिए जंगलात विभाग और वल्र्ड वाइल्ड लाइफ फंड की टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं।

हरीके पत्तन बर्ड सैंक्चुरी में 
सर्वे दौरान इरशियन कूट 48,185, ग्रे लैग गीज 17,913 व बार हैड्स गीज की गिनती 6339 रही। इसके अलावा लिटल कोरमोरैंट, इरशियन विज्यून, ब्रह्मनी, शौवलर, पिंनटेल, कौमन टील, कोचर, बैडवैल, कामन कौट, रूडी शैलडक, कौमन शैलडक,कौमन पोच्ड, सैंड पाइपर, साइबेरियन गल्ज, स्पून बिल्ज, पेंटेड स्टौरक, कौमन टौचर्ड और कुछ अन्य प्रजातियों के पक्षियों को देखा गया है। इस संबंध में डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ. की प्रोजैक्ट अधिकारी गीतांजलि ने बताया कि पक्षियों का दिन-रात ध्यान रखा जा रहा है। 


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