आई.सी.पी. अटारी पर अरबों का कारोबार खत्म, जे.सी.पी. पर परेड जारी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2020 - 02:45 PM (IST)

अमृतसर(नीरज): पुलवामा हमले के बाद केन्द्र सरकार की तरफ से पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म किए जाने का एक वर्ष पूरा हो गया है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर केन्द्र सरकार ने 22 फरवरी 2019 के दिन 200 प्रतिशत ड्यूटी लगाकर अप्रत्यक्ष रूप से आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाला अरबों रुपयों का कारोबार खत्म कर दिया लेकिन इसी आई.सी.पी. अटारी बार्डर की बगल में बनी जे.सी.पी. (ज्वाइंट चैक पोस्ट) अटारी बार्डर पर बी.एस.पी. व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली परेड आज भी जारी है।

 हालांकि इस परेड में बी.एस.पी. की तरफ से झंडा उतारने की रस्म को पूरा किया जाता है और यह परंपरा भी है लेकिन जिस प्रकार से इस झंडा उतारने की रस्म को पाकिस्तान रेंजर्स के समय के अनुसार एक जैसा किया जाता है और झंडा उतारने से पहले बी.एस.पी. के जवान पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों के साथ हाथ भी मिलाते हैं उससे आम जनता के साथ-साथ बुद्धजीवी वर्ग काफी नाराज नजर आ रहा है। पुलवामा हमले में सी.आर.पी.एफ. जवानों पर किए गए कायराना हमले से गुस्साए लोग इस बात से काफी नाराज नजर आते हैं कि केन्द्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ दोहरी नीति क्यों अपना रखी है यदि आई.सी.पी. का आयात-निर्यात बंद कर दिया गया है तो जे.सी.पी. की परेड को भी बंद किया जाना चाहिए। बी.एस.पी. को अपने इलाके में अपने तरीके से पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों को हाथ मिलाए बिना परेड करनी चाहिए हिन्दुस्तान के दुश्मनों के साथ कैसा व्यापार और कैसी परेड इस सोच के साथ काम करना चाहिए।

वहीं बी.एस.पी.व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली परेड जैश-ए-मोहम्मद व अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के निशाने पर भी है। कई बार रिट्रीट सैरेमनी स्थल पर हमला करने की धमकियां सुरक्षा एजैंसियों को मिल चुकी हैं और पाकिस्तानी इलाके में तो पाकिस्तान के रिट्रीट सैरेमनी एंट्री प्वाइंट पर फिदायीन हमला हो भी चुका है जिसमें पाकिस्तान के 62 लोग मारे गए थे गनीमत यह रही थी जिस समय फिदायीन हमला हुआ उस समय भारतीय टूरिस्ट गैलरी में परेड देखने आए लोग जा चुके थे फिलहाल मौजूदा हालात में सभी लोग यही चाहते हैं कि जब पाकिस्तान के साथ कारोबारी रिश्ते बंद कर दिए गए हैं तो परेड में भी बी.एस.पी. पाकिस्तान रेंजर्स के साथ किसी प्रकार का हाथ न मिलाए।

आयात-निर्यात बंद होने से उजड़ चुके हैं 20 हजार परिवार

पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात बंद होने से अटारी व अमृतसर क्षेत्र के लगभग 20 हजार परिवार पिछले एक वर्ष से बेरोजगार हो चुके हैं और उजड़ चुके हैं। इन परिवारों में आयातक, निर्यातक, पांच हजार के करीब कुली, हैल्पर, ट्रांसपोर्टर, ट्रांसपोर्ट लेबर, सी.एच.ए. व अन्य कर्मचारी शामिल हैं जिनकी रोजी-रोटी आई.सी.पी.अटारी पर होने वाले आयात-निर्यात से चलती थी। सीमावर्ती जिला होने के कारण इन हजारों परिवारों के पास आय का कोई अन्य साधन भी नहीं रहा है और ना ही किसी केन्द्र व राज्य सरकार के अधिकारी ने इन परिवारों की सुध ली है।

मालगाड़ी व समझौता एक्सप्रैस बंद, लेकिन दोस्ती बसें जारी

पुलवामा हमले के बाद जहां पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म किए गए तो वहीं अटारी वाघा बार्डर के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रैस व मालगाड़ी को भी बंद कर दिया गया, लेकिन दोस्ती बसों को बंद नहीं किया गया। इन दोस्ती बसों में दिल्ली-लाहौर व अमृतसर से ननकाना साहिब के बीच चलने वाली बसें शामिल हैं। दिल्ली-लाहौर के बीच चलने वाली बस को तो कई बार काले झंडे दिखाए जा चुके हैं और कुछ धार्मिक संगठनों ने रोकने का प्रयास भी किया है लेकिन इसके बावजूद दोस्ती बसों को बंद नहीं किया जा रहा है जबकि अमृतसर से ननकाना साहिब चलने वाली बस हमेशा खाली ही जाती है।

आयात-निर्यात बंद होने से बढ़ी हैरोइन की तस्करी

आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर आयात-निर्यात बंद होने के बाद अमृतसर बार्डर में हैरोइन की तस्करी भी काफी बढ़ चुकी है आलम यह है कि अब तक की सबसे बड़ी हैरोइन की खेप 532 किलो व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स भी आई.सी.पी. पर पकड़ी जा चुकी है। माहिरों की मानें तो जो लोग तस्करी का काम छोड़कर मेहनत मजदूरी करके आई.सी.पी. पर होने वाले आयात-निर्यात से अपना पेट पाल रहे थे वह फिर से हैरोइन तस्करी के खेल में शामिल हो चुके हैं। 

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