सविल अस्पताल में खुलेगी अति आधुनिक आई.डी.एस.पी. लैब

punjabkesari.in Thursday, Jun 28, 2018 - 09:10 AM (IST)

अमृतसर (दजलीत): स्वास्थ्य विभाग ने सिविल अस्पताल में ही इंटीग्रेटिड डिजीज सॢवलांस प्रोग्राम (आई.डी.एस.पी.) लैब स्थापित करने को हरी झंडी दे दी है। अस्पताल में बकायदा मशीनरी भी पहुंच चुकी है। खास बात यह है कि आई.डी.एस.पी. लैब के कार्यान्वित होने के बाद सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को निजी लैबोरेटरी अथवा सरकारी मैडीकल कालेज स्थित एन्फ्लुएंजा लैब तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। आई.डी.एस.पी. लैब में ब्लड के कल्चर टैस्ट, डेंगू, चिकनगुनिया, सिफलोसिस, टायफाइड, हैजा, पीलिया, एच.आई.वी., यूरिन कल्चर, हैपेटाइटिस-सी व बी, टी.बी. व खून से संबंधित हर प्रकार के टैस्ट किए जा सकते हैं। 

 

सबसे महत्वपूर्ण यह कि आई.डी.एस.पी. लैब में इन सभी बीमारियों से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा भी सहेजा जाएगा, जिससे इन बीमारियों के बढने व घटते स्तर की जानकारी मिलती रहेगी। वैसे भी शहर की निजी लैबोटरी में इन टैस्टों की भारी-भरकम राशि ली जाती है। वहीं कई मरीजों के सैंपल सरकारी मैडीकल कालेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब में  भेजे जाते हैं, लेकिन वहां से रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन का वक्त लगता है। ऐसे में मरीजों का ट्रीटमैंट शुरू करने में भी विलंब होता है।

 

वहीं सकारात्मक पहलू है कि सरकार ने आई.डी.एस.पी. लैब में होने वाले सभी टैस्ट तकरीबन नि:शुल्क रखे हैं लेकिन नकारात्मक पहलू यह है कि इस लैब को चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक स्टाफ की तैनाती नहीं की है। सिविल अस्पताल प्रशासन अभी तक इस बात से अनभिज्ञ है कि आई.डी.एस.पी. लैब को कैसे चलाया जाएगा। अस्पताल में पूर्व में 2 लैब चल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यहां 6 लैब टैक्नीशियन के पद स्वीकृत किए हैं लेकिन वर्तमान में यहां केवल 3 टैक्नीशियन स्थायी रूप से काम कर रहे हैं। 2 अन्य टैक्नीशियंस को डैपुटेशन पर लगाया गया है। मई महीने का आंकड़ा देखें तो उपरोक्त दोनों लैबोरेटरियों में 75,000 टैस्ट हुए हैं। अंदाजा लगा सकते हैं कि 3 लैब टैक्नीशियन कितनी विषम परिस्थिति में काम कर रहे हैं। लैब में कार्यरत स्टाफ को छुट्टी के दिन भी बुलाया जा रहा है। ऐसे हालात में आई.डी.एस.पी. लैब को संचालित करना स्वास्थ्य विभाग के लिए 
टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

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