जालंधर में ट्रैवल एजैंटों पर कार्रवाई का असर,बिना लाइसैंस वाले एजैंट हुए अंडरग्राऊंड

punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 09:24 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): जालंधर प्रशासन और पुलिस की तरफ से पंजाब प्रिवैंशन ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत डी.सी. दफ्तर से लाइसैंस न लेने वाले ट्रैवल एजैंट्स व कंसल्टैंट्स के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के बाद अमृतसर में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। 

जानकारी के अनुसार जालंधर में कार्रवाई की सूचना मिलने के बाद अमृतसर जिले में भी बिना लाइसैंस व बिना रजिस्ट्रेशन काम करने वाले ट्रैवल एजैंट्स व कंसल्टैंट अंडरग्राऊंड हो गए हैं। उनको शक है कि अमृतसर जिला प्रशासन की तरफ से भी जालंधर पुलिस की भांति सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

इतना ही नहीं प्रिवैंशन ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत लाइसैंस जारी करने वाली अथॉरिटी ए.डी.सी. (ज)के दफ्तर में पिछले 2 दिनों से लाइसैंस लेने वालों व लाइसैंस का आवेदन देने वालों की होड़ लग गई है और भारी संख्या में ट्रैवल एजैंट्स व कंसल्टैंट्स लाइसैंस लेने संबंधी जरूरी दस्तावेजों की जानकारी  हासिल कर रहे हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से लाइसैंस लेकर काम करने वाले ट्रैवल एजैंट्स व कंसल्टैंट खुश हैं क्योंकि उनको महसूस हो रहा है कि उन्होंने डी.सी. दफ्तर से लाइसैंस लेकर कोई गलत काम नहीं किया है और वह कानूनी कार्रवाई से बच गए हैं।

लाइसैंस लेने के बाद ही अपना दफ्तर खोल सकते हैं

पंजाब प्रिवैंशन ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट की बात करें तो अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के पास लाइसैंस है सिर्फ वही लोग अपना दफ्तर खोल सकते हैं और काम कर सकते हैं। इसके अलावा जिन लोगों ने डी.सी. दफ्तर में आवेदन दे रखा है और पिछले कई महीनों से आवेदन ही चल रहा है वह अपना दफ्तर नहीं खोल सकते हैं। अमृतसर डी.सी. दफ्तर की बात करें तो 100 के करीब लाइसैंस के आवेदन लंबित पड़े हुए हैं जिनकी आने वाले दिनों में जांच होने वाली है।

बाहरी राज्यों में रजिस्टर्ड ट्रैवल एजैंट्स को अमृतसर में लाइसैंस लेना जरूरी
पंजाब प्रिवैंशन ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि आमतौर पर देखने में आया है कि कुछ ट्रैवल एजैंट्स व कंसल्टैंट्स जोकि बाहरी राज्यों में रजिस्टर्ड हैं वह अमृतसर जिले में रजिस्टर्ड हुए बिना ही काम कर रहे हैं जबकि ऐसा कानूनन गलत है। अमृतसर में दफ्तर खोलते समय अमृतसर डी.सी. दफ्तर में भी रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं अपनी फर्म का विज्ञापन देते समय भी डी.सी. दफ्तर से जारी किए गए लाइसैंस का नंबर विज्ञापन पर लिखना जरूरी है।

5 कैटेगिरी में डी.सी. दफ्तर से लाइसैंस ले सकते हैं
*पंजाब प्रिवैंशन ऑफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट में संशोधन किए जाने के बाद 5 कैटेगिरी में लाइसैंस लिया जा सकता है जिसमें पहली कैटेगिरी है ट्रैवल एजैंसी इसकी फीस 25 हजार रुपए है।
*दूसरी कैटेगिरी में कोचिंग इंस्टीच्यूट्स  ऑफ आईलैट्स इसकी फीस भी अलग से 25 हजार है।
*तीसरी कैटेगिरी में कंसल्टैंसी इसकी फीस भी 25 हजार है।
*चौथी कैटेगिरी में टिकटिंग एजैंट्स इसकी फीस भी 25 हजार है।
*5वीं कैटेगिरी में जनरल सेल्स एजैंट्स हैं इसकी फीस भी 25 हजार रुपए है। लाइसैंस लेने वाला चाहे तो सभी कैटेगिरी की फीस भरकर सभी कैटेगिरी का लाइसैंस हासिल कर सकता है।
*लाइसैंस फीस के अलावा आवेदन देते समय अपने दफ्तर जिसमें काम करना है उसकी कम से कम 3 वर्ष की रैंट डीड भी संलग्र करना अनिवार्य किया गया है। आमतौर पर देखने में आता है कि वर्क परमिट के नाम पर जाली ट्रैवल एजैंट नौजवानों से भारी भरकम फीस लेकर 1-2 वर्ष बाद अपना दफ्तर बदल देते हैं।

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