पाकिस्तान से आयात-निर्यात बंद को पूरे हुए 5 वर्ष, ICP अटारी पर अरबों का कारोबार हुआ खत्म

punjabkesari.in Monday, Mar 25, 2024 - 12:30 PM (IST)

अमृतसर : पुलवामा हमले के बाद केन्द्र सरकार की तरफ से पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते खत्म किए जाने का पांच वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है। हमले के बाद पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर केन्द्र सरकार ने 22 फरवरी 2019 के दिन 200 प्रतिशत ड्यूटी लगाकर अप्रत्यक्ष रुप से आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाला अरबों रुपयों का कारोबार खत्म कर दिया, जो अभी तक बंद है। इसके चलते आई.सी.पी. अटारी सिर्फ अफगानी आयात तक सीमित रह गई है, जबकि 150 करोड़ रुपए की लागत से आई.सी.पी. को पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात करने के लिए तैयार किया गया था। 

इतना ही नहीं करोड़ों रुपयों की लागत से तैयार किया गया वातानुकूलित अंतर्राष्ट्रीय अटारी रेलवे स्टेशन भी खंडहर बनता जा रहा है, क्योंकि अब न तो समझौता एक्स्प्रेस आती है और न ही पाकिस्तान से मालगाड़ी का आवागमन होता है। अंतर्राष्ट्रीय रेल कारगो का भी यही हाल है और वहां पर ताले लगे हुए मिलते हैं, लेकिन इसी आई.सी.पी. अटारी बार्डर की बगल में बनी जे.सी.पी. (ज्वाइंट चैक पोस्ट) अटारी बार्डर पर बी.एस.एफ. व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली परेड आज भी जारी है। हालांकि इस परेड में बी.एस.एफ. की तरफ से झंडा उतारने की रस्म को पूरा किया जाता है और यह परंपरा भी है।

आयात-निर्यात बंद होने से उजड़ चुके हैं 20 हजार परिवार

पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात बंद होने से अटारी व अमृतसर क्षेत्र के लगभग 20 हजार परिवार पिछले पांच वर्ष से बेरोजगार हो चुके हैं और उजड़ चुके हैं। इन परिवारों में आयातक, निर्यातक, पांच हजार के करीब कुल्ली, हैल्पर, ट्रांसपोर्टर, ट्रांसपोर्ट लेबर, सीएचऐ व अन्य कर्मचारी शामिल हैं, जिनकी रोजी रोटी आई.सी.पी. अटारी पर होने वाले आयात-निर्यात से चलती थी। सीमावर्ती जिला होने के कारण इन हजारों परिवारों के पास आय का कोई अन्य साधन भी नहीं रहा है और न ही किसी केन्द्र व राज्य सरकार के अधिकारी ने इन परिवारों की सुध ली है। सीमावर्ती इलाका होने के कारण यहां पर कोई अन्य कारोबार भी नहीं है। इंडस्ट्री पहले ही हिमाचल व अन्य राज्यों की तरफ शिफ्ट हो चुकी है।

जैश-ऐ-मोहम्मद व अल कायदा के निशाने पर है रिट्रीट सेरामनी परेड

बी.एस.एफ. व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली परेड जैश ऐ मुहम्मद व अल कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों के निशाने पर भी है। कई बार रिट्रीट सेरामनी स्थल पर हमला करने की धमकियां सुरक्षा एजैंसियों को मिल चुकी हैं और पाकिस्तानी इलाके में तो पाकिस्तान के रिट्रीट सैरामनी एंट्री प्वाइंट पर फिदायीन हमला हो भी चुका है जिसमें पाकिस्तान के 62 लोग मारे गए थे। गनीमत यह रही थी जिस समय फिदायीन हमला हुआ उस समय भारतीय टूरिस्ट गैलरी में परेड देखने आए लोग जा चुके थे।

आयात-निर्यात बंद होने से बढ़ी हैरोइन की तस्करी

आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर आयात-निर्यात बंद होने के बाद अमृतसर बार्डर में हैरोइन की तस्करी भी काफी बढ़ चुकी है आलम यह है कि अब तक की सबसे बड़ी हैरोइन की खेप 532 किलो व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स भी आई.सी.पी. पर पकड़ी जा चुकी है। माहिरों की मानें तो जो लोग तस्करी का काम छोड़कर मेहनत मजदूरी करके आई.सी.पी. पर होने वाले आयात-निर्यात से अपना पेट पाल रहे थे, वह फिर से हैरोइन तस्करी के खेल में शामिल हो चुके हैं।

बेकाबू हो चुका है ड्रोन

एकतरफ सीमावर्ती इलाकों में बेरोजगारी तो दूसरी तरफ ड्रोन की तकनीक का प्रयोग होने के कारण हैरोइन की तस्करी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुकी है, जिस प्रकार से सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन्स उड़ते नजर आते हैं और खेतों में गिरे मिलते हैं उसको देखकर यही लगता है कि ड्रोन की आमद अब आउट ऑफ कंट्रोल हो चुकी है। बी.एस.एफ. की तरफ से एक वर्ष के दौरान 100 से ज्यादा ड्रोन जब्त किए जा चुके हैं, जबकि इससे कहीं ज्यादा बार ड्रोन की मूवमैंट हुई है और ड्रोन हैरोइन की खेप छोड़कर वापस लौट चुका है। हालांकि इस समय केन्द्र व राज्य सरकार की तरफ से ड्रोन की सूचना देने वालों पर इनाम भी रखा गया है और विलेज डिफैंस कमेटियों का गठन भी किया गया है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kalash

Recommended News

Related News