पाक से आयातित वस्तुओं पर व्यापारियों को 40 लाख का नुक्सान

punjabkesari.in Thursday, Aug 02, 2018 - 11:10 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): कभी जम्मू-कश्मीर का बार्टर ट्रेड तो कभी अव्यवस्था का आलम आई.सी.पी. अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान के साथ आयात-निर्यात करने वाले भारतीय व्यापारियों को आए दिन नुक्सान उठाना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं पर सी.डब्ल्यू.सी. ने डैमरेज चार्जिस लगा दिए हैं जिससे व्यापारियों को करीब 40 लाख का नुक्सान हुआ है। ट्रक ऑप्रेटरों की तरफ से की गई देशव्यापी हड़ताल के चलते आई.सी.पी. अटारी बॉर्डर पर भी पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं की ढुलाई का काम रुक गया था और न ही किसी प्रकार का एक्सपोर्ट किया गया था।

यहां तक कि लोकल अटारी ट्रक यूनियन ने भी हड़ताल की थी, जिससे पाकिस्तान से आयात किएगए ड्राईफ्रूट, छुआरा व अन्य वस्तुओं को सी.डब्ल्यू.सी. के गोदामों से उठाया नहीं जा सका था। समूह व्यापारियों की तरफ से सी.डब्ल्यू.सी. व अन्य एजैंसियों को लिखित रूप से अपील भी की गई थी कि ट्रक ऑप्रेटरों की हड़ताल के कारण वह सी.डब्ल्यू.सी. के गोदामों में पड़ा माल उठाने में असमर्थ हैं। इसलिए उन वस्तुओं पर डैमेज चाॢजस न लगाए जाएं। इसके बावजूद सी.डब्ल्यू.सी. ने व्यापारियों को कोई खास राहत नहीं दी और 7 दिन की हड़ताल के एवज में सिर्फ 2 दिन का डैमेज चाॢजस माफ किया गया। इससे व्यापारियों को डैमेज के रूप में लाखों रुपए का नुक्सान हो गया है। 

हालांकि इस मामले में व्यापारियों का कोई कसूर नहीं था, क्योंकि ट्रकों के बिना सी.डब्ल्यू.सी. के गोदामों में रखा माल उठाया नहीं जा सकता है। इन हालात में आई.सी.पी. अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान के साथ कारोबार करने वाले व्यापारियों में भारी रोष पाया जा रहा है, क्योंकि उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है। व्यापारी पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि यदि उनको किसी प्रकार की राहत नहीं दी गई तो वह आई.सी.पी. पर आयात-निर्यात बंद कर देंगे। फिलहाल एक बार फिर से आई.सी.पी. पर काम करने वाले व्यापारी कुप्रबंधन व सी.डब्ल्यू.सी. की बदसलूकी से परेशान नजर आ रहे हैं।

कई महीनों से नहीं हुई लाहौर व अमृतसर कमिश्नरेट की बैठक
पिछले कई महीनों से लाहौर कमिश्नरेट के कस्टम अधिकारियों व अमृतसर कमिश्नरेट के कस्टम अधिकारियों की बैठक नहीं हुई है, जबकि पाकिस्तान के कस्टम अधिकारी अमृतसर आकर बैठक करते थे और अमृतसर कमिश्नरेट के कस्टम अधिकारी लाहौर में जाकर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक करते थे जिसमें आयात-निर्यात में आने वाली समस्याओं के अलावा तस्करी जैसे मुद्दों पर भी विचार चर्चा की जाती थी। इसका काफी सकारात्मक असर भी देखने को मिलता था, लेकिन पाकिस्तान व भारत के बीच लगातार बढ़ती जा रही तल्खी के चलते यह बैठक अब नहीं हो रही है।
एक्सपोर्ट पर भी हो चुका है करोड़ों का नुक्सान

आई.सी.पी. अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान से होने वाले आयात के साथ-साथ पाकिस्तान को होने वाले एक्सपोर्ट में व्यापारियों को करोड़ों रुपए का नुक्सान हो चुका है। इस समय भी एक्सपोर्ट में भारी गिरावट है और मौजूदा हालात में पाकिस्तान को एक्सपोर्ट लगभग शून्य हो चुका है, जबकि इससे पहले भारी मात्रा में रॉ कॉटन, सोयाबीन, कॉटन यार्न, प्लास्टिक दाना, टमाटर, अदरक, लहसुन, कज्जा मीट आदि का पाकिस्तान को निर्यात किया जाता था, जो इस समय पूरी तरह से खत्म हो चुका है। इस मामले में पाकिस्तान की सरकार जानबूझ कर साजिश कर रही है। पाकिस्तान का फुमीगेशन विभाग बीमारी का हवाला देते हुए भारतीय वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा रहा है।

भारतीय व्यापारियों की तरफ से पाकिस्तान को एक्सपोर्ट किए गए सोयाबीन के 86 ट्रक कई महीने तक पाकिस्तान में खड़े रहे और सारा माल सड़ गया, लेकिन पाकिस्तान ने न तो इस माल को वापस किया और न ही इसका हर्जाना भरने को तैयार है। इससे भारतीय व्यापारियों को करोड़ों का नुक्सान हो चुका है। इस संबंध में पाकिस्तानी व्यापारी की तरफ से अपने हाईकोर्ट में कानूनी लड़ाई भी लड़ी जा रही है। यह सारी सोयाबीन मध्य प्रदेश से आई.सी.पी. आ रही थी और पाकिस्तान को भेजी जा रही थी, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने बिना कारण इस पर बैन लगा दिया, जिससे आज मध्य प्रदेश के सोयाबीन की खेती करने वाले किसान सड़कों पर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं।

इतना ही नहीं पाकिस्तान को टमाटर भी मध्य प्रदेश का ही जाना था। इससे इस राज्य के किसानों को भारी नुक्सान हुआ है।व्यापारियों के अनुसार फरवरी से लेकर अब तक के महीनों में सोयाबीन व टमाटर का रोजाना 200 ट्रक पाकिस्तान को एक्सपोर्ट होता था, लेकिन पाकिस्तान की सरकार जानबूझकर भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते खराब कर रही है और चाइना के बहकावे में आकर काम कर रही है।इतना ही नहीं पाकिस्तान की सरकार अपने ही व्यापारियों को भी भारतीय फ्रैश वैजीटेबल्स का निर्यात करने की मंजूरी नहीं दे रही है, इससे हालात काफी खराब हो चुके हैं। ईद जैसे त्यौहार के मौके पर पाकिस्तान में टमाटर की भारी मांग रहती है, लेकिन इस बार पाकिस्तानी व्यापारियों ने भारतीय टमाटर का आयात नहीं किया है। व्यापारियों के अनुसार यदि इसी प्रकार के हालात रहे तो वह दिन दूर नहीं जब आई.सी.पी. पर काम ही बंद हो जाएगा।

बारिश के पानी से खराब जिप्सम पर भी नहीं दिया मुआवजा
सी.डब्ल्यू.सी. ने गोदामों में रखे माल पर न सिर्फ डैमेज चार्जिस लगाएं हैं। बल्कि बारिश के पानी में कज्जे व खुले आसमान में बिना शैड वाले मैदान में खराब हुए जिप्सम पर भी कोई मुआवजा नहीं दिया है, जबकि पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सी.डब्ल्यू.सी. की बनती है। आयातित वस्तुओं को गोदामों में रखने के लिए सी.डब्ल्यू.सी. की तरफ से बाकायदा व्यापारियों से सरकारी फीस वसूल की जाती है, लेकिन आज भी पाकिस्तान से आयातित जिप्सम खुले मैदान में रखा जा रहा है जहां बारिश के पानी से जिप्सम खराब हो जाता है।

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