‘मकर संक्रांति’ पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में लगाई ‘आस्था’ की डुबकी

punjabkesari.in Monday, Jan 14, 2019 - 11:20 AM (IST)

अमृतसर(सफर):माघ महीने के पहल दिन मकर संक्रांति में रूप में मनाया जाता है। सिख इतिहास में यह दिन बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। इस पवित्र दिन में सिख धर्म के दो उल्लेखनीय प्रसंग जुड़े हैं। इनमें श्री हरिमंदिर साहिब का स्थापना दिवस एवं दूसरा पवित्र नगर श्री मुक्तसर साहिब में 40 मुक्तों की याद में माघी मेला लगाया जाता है।  जहां देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे।

इस खास त्यौहार के दिन गुरु का अटूट लंगर बाकी दिनों से कई गुना अधिक बनता है, ईलाही कीर्तन वाणी सुनने व पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए आस्था का ऐसा समुंदर श्री हरिमंदिर साहिब में उमड़ता है जिसकी कोई जाति नहीं होती, हर धर्म का सत्कार श्री हरिमंदिर साहिब करता है। दुनिया भर से लोग मकर संक्रांति के दिन श्री अखंड पाठ का आयोजन करवाने के लिए देश-दुनिया से ऑनलाइन बुकिंग करवाते हैं। 

बता दें 2022 जून तक श्री हरिमंदिर साहिब में श्री अखंड पाठ रखवाने की वेटिंग चल रही है। ‘पंजाब केसरी’ ने श्री हरिमंदिर साहिब में शुकराना व अरदास करने आए ऐसे परिवारों से बात की जो इन खास दिनों में मन्नत पूरी होने के बाद शुकराना करने या अरदास करने पहुंचे थे, पेश है यह खास रिपोर्ट। 

‘दादा-दादी’ पोते की मन्नत पूरी होने पर करने पहुंचे अरदास
यह विक्रम शर्मा है और शमां शर्मा हैं। गोद में 1 साल का दानिश (पौत्र) है। श्री हरिमंदिर साहिब में दानिश की मन्नत मांगी थी। दानिश के पिता करण शर्मा व मां गीता शर्मा दोनों औलाद मिलने के बाद शुकराना कर चुके हैं। इस्लामाबाद निवासी शर्मा परिवार कहता है कि श्री हरिमंदिर साहिब में हर जाति हर धर्म के लिए हर दरवाजे खुले हैं, यही महानता इस पवित्र स्थल के लिए दुनिया  भर से श्रद्धालुओं को आस्था के बंधन के साथ खींच लाती है। मन्नत पूरी होने के बाद मकर संक्रांति के अवसर पर श्री हरमिंदिर साहिब के पवित्र सरोवर में स्नान करने से हर आस पूरी होती है, हर अरदास पूरी होती है।

मैंने वाहेगुरु से अरदास की है ‘ पापा जल्दी घर लौटे, देश खुशहाल हो’
एकमप्रीत कौर हरकिशन पब्लिक स्कूल की छात्रा है। पिता स्वर्ण सिंह आर्मी में हैं। बड़ा भाई हरमनप्रीत सिंह 9 साल का है। मां निर्मलजीत कौर के साथ दोनों बच्चे पिता की जल्दी घर लौटने एवं देश की खुशहाली के लिए अरदास करने आए थे। ‘पंजाब केसरी’ से बातचीत करते हुए निर्मल कहती है कि पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने से मन निर्मल हो जाता है। शादी के बाद पति-पत्नी ने श्री हरिमंदिर साहिब में अरदास करते हुए मन्नत मांगी थी। पहली संतान हरमनप्रीत सिंह मिला। वाहेगुरुजी ने उसे स्पेशल बना दिया। बेटी एकमप्रीत कौर भाई के साथ सुबह से ही श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेक कर अरदास करने के लिए कह रही थी, मैं बच्चों को लेकर आई हूं। दोनों बच्चों को मन्नत में श्री हरिमंदिर साहिब से मांगा था, मुराद पूरी हुई। मेरी यही आस व अरदास है कि ‘देश उन्नति करे, विश्व में शांति रहे’। 

swetha