सरेआम महिला से अभद्रता, जमकर पीटा, नहीं आया कोई बचाने

punjabkesari.in Thursday, Sep 20, 2018 - 10:35 AM (IST)

अमृतसर (स.ह.) : मंगलवार शाम करीब 7 बजे थाना मकबूलपुरा से 100 कदम दूर सिगरेट का खोखा लगाने वाली बबीता पत्नी राजीव गोस्वामी अपनी ढाई साल की रोशनी को लेकर अंधेरा होने से पहले दुकान बंद करने की तैयारी ही कर रही थी।

इस दौरान एक मंच के नेता जीतेन्द्र ने 2 हजार रुपए में उसका सौदा करने की बात कही। यह सुन कर बबीता बोली ‘तेरे घर मां-बहन नहीं है जो मेरा सौदा कर रहा है’। यह सुन वह भड़क गया, उसने फोन पर किसी से बात की और थोड़ी देर में ठेकेदार चंदन व रूपेश ने आते ही गालियां देना शुरू कर दी। बबीता ने चप्पल उतार हाथ में लेकर सीधे जाकर उसका कॉलर पकड़ लिया, इतने में तीनों बबीता पर टूट पड़े और जमकर पीटा, धमकियां दी कि उठा लेंगे, एक्सीडैंट करवा देंगे। इसी बीच तमाशबीन मामला शांत कराने की बजाए वीडियो बनाते रहे और यह वीडियो रात साढ़े 8 बजे वायरल हो गया।

उधर, लहूलुहान बबीता थाने तक न पहुंचे, थाने के बाहर 40-50 लोगों को पहरा लगा दिया जाता है। 3 आरोपी के समर्थक थाने के बाहर व भीतर जमा हो गए। रात 11 बजे जब देखा लोग चले गए हैं तब महिला थाने पहुंची। ए.एस.आई. जोगिंदर सिंह बयान दर्ज करने ही लगता है कि उसे किसी का फोन आता है, फोन सुनने के बाद वो कहते हैं कि बयान एस.एच.ओ. दर्ज करेगा। फोन इतना ताकतवर था कि पुलिस के आला-अधिकारियों यहां तक की ए.आई.जी. क्राइम पंजाब एल.के. यादव तक महिला की वायरल वीडियो भेजने के बाद भी पुलिस हरकत में नहीं आई। पुलिस घटना के 24 घंटे बाद तब बयान दर्ज कर रही थी जब ‘पंजाब केसरी’ ने इस मामले को पुलिस अधिकारियों से लेकर सांसद, विधायक, पंजाब भाजपा प्रधान से लेकर अमृतसर के आला अधिकारियों तक महिला की आवाज पहुंचाया। 

फोन कर बबीता ‘पंजाब केसरी’ से बोली मुझे ‘इंसाफ’ दिलाओ
बबीता ने ‘पंजाब केसरी’ से सुबह करीब साढ़े 10 बजे इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई। मामला पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव के साथ-साथ ए.डी.सी.पी. लखबीर सिंह से लेकर ए.डी.सी.पी. जगजीत सिंह वालिया तक पहुंच चुका था। 181 ने दोपहर डेढ़ बजे कहा कि अभी तक अमृतसर पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया है। करीब साढ़े 3 बजे ‘पंजाब केसरी’ ने ए.डी.सी.पी वन जगजीत सिंह से बात की। उन्होंने तुरंत एफ.आई.आर. दर्ज करने से पहले ‘तफ्तीश’ की बात कही। मामला और तूल पकड़ता मकबूलपुरा की पुलिस बबीता के बयान दर्ज करने बैठ गई, खबर लिखे जाने तक बयान दर्ज हो रहे थे। 

आरोपी ने पहचान सही बताई, लेकिन सवाल सुनते बोला! यह रांग नंबर है 
‘पंजाब केसरी’ संवाददाता ने तीनों आरोपियों से बात करने की कोशिश कर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही। जिनमें चंदन व जीतेन्द्र का फोन बंद मिला, तीसरे आरोपी रूपेश ने पहले कहा कि वो रूपेश ही बोल रहा है लेकिन बबीता पर हमले का सवाल सुनते ही बोला कि रांग नंबर है और फोन काट दिया। 

बड़ा सवाल! ए.एस.आई. को किसका फोन आया था?
सुप्रीम कोर्ट कहता है कि एफ.आई.आर. तुरंत दर्ज हो और अगर मामला महिला उत्पीडऩ या महिला प्रताडऩा से जुड़ा है तो तुरंत पुलिस को एफ.आई.आर. दर्ज करनी चाहिए। यह हर भारतीय का अधिकार है, लेकिन ‘धिक्कार’ है ऐसे फोन करने वालों को जो महिला का ‘मैडिकल’ करवाने से रोक रहे थे। लानत है ऐसे लोगों पर जो ‘मीडिया’ पर दबाव बनाते दिखे और मकबूलपुरा के एस.एच.ओ. गगनदीप सिंह को इस बार 26 जनवरी को महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए ‘सम्मान’ मिलना चाहिए जो मौजूदा पुलिस कमिश्नर एस.एस. श्रीवास्तव के पूर्व पी.ए. रहे हैं। सैल्यूट है ए.एस.आई. जोङ्क्षगदर सिंह को जो मीडिया के सामने दोपहर 4 बजे तक कहते रहे कि ‘मैं एफ.आई.आर. नहीं लिखूंगा चाहे मुझे सस्पैंड करवा दो’।

swetha