अस्पताल के बाहर इलाज के लिए तड़पती रही गर्भवती

punjabkesari.in Sunday, May 20, 2018 - 01:57 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल के डाक्टरों का दिल कठोर हो गया है। गर्भवती महिला अस्पताल के बाहर इलाज के लिए तड़पती रही लेकिन किसी भी डाक्टर ने तरस खाकर गर्भवती को दाखिल नहीं किया। मीडिया की दखल के बाद गर्भवती को दाखिल तो कर लिया गया पर लेबर रूम में महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। 

 

छेदा लाल निवासी प्रोफेसर कालोनी ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बारांबकी जिले के पैगम्बरपुरा का रहने वाला है। उसकी 45 वर्षीय पत्नी राज कुमारी गर्भवती थी। वह उसका इलाज रणजीत एवेन्यू स्थित सैटेलाइट अस्पताल से करवा रहे थे। 16 मई को सैटेलाइट अस्पताल के डाक्टरों ने जांच के दौरान कहा कि राज कुमारी के गर्भ में बच्चे की मूवमैंट कम है, इसलिए इसे गुरु नानक देव अस्पताल ले जाएं। उसी दिन वह राज कुमारी को लेकर गुरु नानक देव अस्पताल पहुंच गए जहां गायनी डाक्टर ने जांच के बाद 6 हजार रुपए मांगे। डाक्टर का तर्क था कि यह राशि उसके इलाज में प्रयुक्त होने वाली दवाइयों व सॢजकल सामान में खर्च होगी। 

 

छेदा लाल ने कहा कि वह दिहाड़ीदार है और उसके जेब में एक पैसा भी न था। पैसे न देने की वजह से डाक्टरों ने उपचार से इंकार कर दिया। शनिवार को राज कुमारी की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे पेट में दर्द होने लगा। इस पर वह उसे फिर से गुरु नानक देव अस्पताल ले आया, यहां डाक्टर ने पहले अल्ट्रासाऊंड करवाने को कहा। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखकर डाक्टर ने कहा कि बच्चा कोख में ही खत्म हो चुका है। कुछ वर्ष पहले भी राज कुमारी के साथ ऐसा ही हादसा हुआ था। कोख से बच्चे का जन्म हुआ और 10 मिनट बाद ही वह चल बसा था।

 

खैर, डाक्टर ने कहा कि वह 5 हजार रुपए जमा करवा दे, मृत बच्चे को कोख से निकाल लिया जाएगा। उसने पैसे न होने का हवाला दिया तो डाक्टर ने कहा कि इसका इलाज हम नहीं करेंगे, तुम इसे कहीं और ले जाओ। जब मीडिया कर्मियों को इस बात की भनक लगी तो वह मौके पर पहुंचे तथा समाज सेवी राजिन्द्र शर्मा राजू की मदद से गर्भवती को लेबर रूम तक पहुंचाया। जहां राज कुमारी ने मृत बच्चे को जन्म दिया। उधर मैडीकल कालेज की प्रि. डा. सुजाता शर्मा से फोन पर कई बार सम्पर्क किया लेकिन उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।    

swetha