सिद्धू को कोसते हुए बोले लोग -इन फ्लैटों से अच्छी हमारी झुग्गी-झोंपडियां थी...

punjabkesari.in Tuesday, Dec 18, 2018 - 10:50 AM (IST)

अमृतसर(स.ह.): ऐसे फ्लैटों से तो हमारी झुग्गी-झोंपडियां ही ज्यादा सही थीं, वहां न तो छत गिरने का खतरा था और न ही बिजली-पानी की कमी। यह कहना था स्थानीय नगर सुधार ट्रस्ट के बाहर धरना लगाए बैठे झुग्गी-झोंपड़ी निवासियों का, जिन्हें बी.एस.यू.पी. योजना के तहत बिना बिजली-पानी के फ्लैट अलाट किए गए। मूलभूत सुविधाओं से वंचित इन झुग्गी-झोंपड़ी निवासियों ने बसपा नेता कामरेड तरसेम सिंह भोला एवं पूर्व कांग्रेसी प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना के नेतृत्व में धरना दिया और सरकार तथा कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को जमकर कोसा।

धरने पर बैठे झुग्गी-झोंपड़ी निवासियों ने बताया कि लगभग एक साल से सरकार द्वारा उन्हें किस्तों पर फ्लैट अलाट किए जा रहे हैं। उनके द्वारा पिछले कुछ माह से ही बयाना राशि देकर इन फ्लैटों का कब्जा लिया गया और किस्तें भी शुरू कर दी गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि फ्लैटों की हालत अलाटमैंट के समय भी खस्ता थी और उनके द्वारा पैसे लगवाकर पहले इसे ठीक किया गया। इसके उपरांत नगर सुधार ट्रस्ट के अधिकारियों को वे वहां पर बिजली-पानी चालू करने के लिए मिन्नतें करते रहे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। फ्लैट लेने से पहले उन्हें अपने घर का सपना पूरा होने की आशा बंधी थी लेकिन अब यहां के हालात देखकर वे अपनी सुविधाओं से लैस झुग्गी-झोंपडियों को ही याद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे आसपास से किसी तरह पानी लाकर गुजारा करते हैं और रात को मोमबत्ती की रोशनी से काम चलाते हैं।

उधर इनका नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने सुविधाओं से वंचित इन फ्लैटों के बारे में कहा कि केंद्र सरकार की बी.एस.यू.पी. योजना के तहत सरकार द्वारा झुग्गी-झोंपड़ी निवासी हेतु 464 फ्लैटों का निर्माण करवाया गया। इसके निर्माण में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार ने दी जबकि 20 प्रतिशत रज्४य सरकार और 20 प्रतिशत नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा इन फ्लैटों के निर्माण में घटिया मैटीरियल का प्रयोग करके बड़े स्तर पर हेराफेरी की गई। उन्होंने इसके लिए मुख्य रूप से कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को जिम्मेदार ठहराया व कहा कि वह एक ओर देश के नेतृत्व की बात करते हैं लेकिन दूसरी तरफ अपने हलके के गरीबों की पुकार सुनने के लिए न तो उनके पास समय है और न उनकी पूर्व विधायक पत्नी डा. नवजोत कौर के पास।

उन्होंने कहा कि उनके इन खस्ताहाल फ्लैटों में रह रहे लगभग 130 के करीब परिवार मौत के साए में जी रहे हैं। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वह पहले इन लोगों की सुध लें फिर और दावे करें। कामरेड तरसेम सिंह भोला ने चेतावनी दी कि अगर नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा इन लोगों की सुनवाई न की गई तो वे संघर्ष तेज करने को मजबूर होंगे। इस संबंध में उन्होंने एक ज्ञापन भी नगर सुधार ट्रस्ट की चेयरमैन को कैबिनेट मंत्री व मुख्यमंत्री के नाम सौंपा।

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