छात्रा यौन शोषण करने के मामले में चाचा-भतीजा को कैद

punjabkesari.in Tuesday, Nov 06, 2018 - 10:23 AM (IST)

अमृतसर(महेन्द्र):10वीं कक्षा की छात्रा से झूठ बोलकर उसे अपने साथ भगाने तथा उसका यौन शोषण करने के मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज एस.एस. धालीवाल की अदालत ने आरोपी चाचा-भतीजा को कड़ी सजा सुनाई है। मुख्य आरोपी भतीजे को जहां उम्रकैद व 3 अलग-अलग जुर्म में कुल 30 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है, वहीं उसके चाचा को 10 वर्ष की कैद और 20 हजार जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि न अदा करने पर उन्हें 6 माह से एक वर्ष तक की अतिरिक्त कैद भी होगी। इस मामले में अदालत ने मुख्य आरोपी के पिता बलदेव राज को निर्दोष मानते हुए उसे बरी कर दिया। 

यह था मामला
गांव सगोआणा तहसील अजनाला निवासी 10वीं कक्षा में पढऩे वाली छात्रा को स्कूल से भगाने तथा उसका यौन शोषण किए जाने के आरोप में स्थानीय थाना रमदास की पुलिस ने गांव भूरे गिल निवासी प्रदीप कुमार उर्फ बलराम, उसके पिता बलदेव राज तथा अजनाला निवासी सगे चाचा राजिन्द्र प्रसाद के खिलाफ भा.दं.सं. की धारा 363, 366, 376, तथा प्रोटैक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सैक्सुअल ओफैंस की धारा 17 के तहत मुकद्दमा नंबर 78/2017 दर्ज किया था। जांच करते हुए पुलिस ने 26-9-2017 को मुख्य आरोपी प्रदीप उर्फ बलराम के सगे चाचा राजिन्द्र प्रसाद को गिरफ्तार कर उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के आधार पर मुख्य आरोपी प्रदीप उर्फ बलराम को भी गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पीड़ित नाबालिगा को बरामद करने का दावा किया था। 

पिता की तबीयत खराब बता कर स्कूल से भगा ले गया था आरोपी
मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने बताया कि 11-9-2017 को वह स्कूल में थी। उसे स्कूल के चौकीदार ने बताया कि एक युवक उसके पिता के बारे में कोई संदेश देने आया है। बाहर आकर देखा तो पता चला कि गांव भूरे गिल निवासी प्रदीप उर्फ बलराम एक अन्य युवक के साथ वहां आया हुआ था। उसने बताया कि उसके पिता की तबीयत खराब हो गई है और उसे अस्पताल बुलाया है। उसके पिता की तबीयत खराब होने की बात कह कर प्रदीप उसे अपने चाचा राजिन्द्र प्रसाद के घर ले गया। जहां उसे एक कमरे में बंद कर डराया-धमकाया गया और वहां 5 दिन तक उसका यौन शोषण किया। 

फैसले के बाद आरोपी के पिता-चाचा भिड़े
इस मामले में अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले में मुख्य आरोपी प्रदीप का पिता बदलेव राज अपने बेटे तथा छोटे भाई को हथकड़ी में देख भावुक हो गया। वह छोटे भाई को यह कहने का प्रयास कर रहा था कि अगर उसके बेटे को वह इस मामले में इतना प्रोत्साहित न करता तो उनके परिवार को यह दिन न देखने पड़ते। अदालत के बाहर इसी बात को लेकर दोनों भाई भिड़ गए। वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों तथा अन्य लोगों ने दोनों भाइयों को शांत करवाया। लेकिन बलदेव राज इस फैसले के पश्चात अपनी किस्मत को कोसते हुए बहुत ही मायूस व परेशान हो रहा था। 

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