करोड़ों के नकली हीरे बेचने वाला सर्राफा एसो. से निष्कासित

punjabkesari.in Tuesday, Sep 11, 2018 - 10:36 AM (IST)

अमृतसर(स.ह.): ‘पंजाब केसरी’ में 5 सितम्बर को प्रकाशित अंक में करोड़ों के नकली हीरे बेचने की खबर आखिरकार रंग लाई। अमृतसर ज्यूलर्स एसोसिएशन के एग्जीक्यूटिव मैंबर (सिविल लाइन) की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए उक्त हीरा व्यापारी को एसोसिएशन से निष्कासित कर दिया है। एसोसिएशन ने दो टूक शब्दों में कहा कि अमृतसर का ‘सोना बाजार’ उत्तर भारत का आभूषणों की खरीद-फरोख्त का वर्षों से मुख्य केंद्र रहा है। ऐसे में व्यापार में ‘ऐतबार’ खोने वालों के लिए एसोसिएशन में कोई जगह नहीं है। 

बता दें उक्त हीरे के व्यापारी ने पिछले कई सालों में पहले अपनी साख बनाई और उसके बाद ‘साख’ को कैश करते हुए अपने ही ‘खास’ जौहरियों को नकली हीरे करोड़ों के थमा दिए। चूंकि इस धंधे में विश्वास ही सबसे बड़ी पूंजी मानी जाती है, ऐसे में उक्त हीरे व्यापारी ने अपने बनाए विश्वास को ‘विश्वासघात’ में बदलने में सोची समझी साजिश का इस्तेमाल किया। मामला धीरे-धीरे सुलगता रहा और नकली हीरे खरीदने वाले अंदर ही अंदर घुटते रहे। ऐसे में जब ‘पंजाब केसरी’ ने नकली हीरों का समाचार प्रकाशित किया तो मार्कीट में भूचाल आ गया। 

सिविल लाइन एसोसिएशन ने बैठक में जब नकली हीरे बेचने के व्यापारी पर उंगलियां उठाई तो हीरे व्यापारी के जिंदगी में जैसे ‘सुनामी’ आ गई हो, यहां तक कि बिना नाम के प्रकाशित खबर के बावजूद उक्त व्यापारी सभी के सामने ‘खुदकुशी’ करने की बातें करने लगा जिसे नजरदांज कर दिया गया। ‘पंजाब केसरी’ के साथ बातचीत में एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि ऐसे लोगों को एसोसिएशन कतई अपने साथ लेकर नहीं चलेगी जो नकली हीरे के व्यापारी हैं, चाहे वह कोई भी हो। मामला उठने के बाद सर्वसम्मति से हीरे के उस व्यापारी को एसोसिएशन ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है, 
जिसकी दोबारा कभी भी एसोसिएशन में वापसी नामुमकिन है।

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