आर.टी.आई. में ‘पंजाब’ की ‘सुरक्षा’ के लिए ‘सी.सी.टी.एन.एस.’ प्रोजैक्ट में ‘करोड़ों का घालमेल!

punjabkesari.in Wednesday, Sep 26, 2018 - 01:24 PM (IST)

अमृतसर(स.ह.): पंजाब में सुरक्षा को बेहतर बनाने और थानों को ऑनलाइन जोडऩे के लिए केन्द्र सरकार के सी.सी.टी.एन.एस. (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नैटवर्क एंड सिस्टम) प्रोजैक्ट में ‘केन्द्र सरकार’ व ‘पंजाब सरकार’ ने आर.टी.आई. में मांगी सूचना में जहां ‘करोड़ों’ की रकम का अंतर है। वहीं इस प्रोजैक्ट में ‘घालमेल’ नजर आ रहा है। इसी के साथ आर.टी.आई. में मांगी जानकारी अधूरी देने पर स्टेट इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ए.एस. चौधरियां ने पंजाब के डी.जी.पी. (पी.आई.ओ.) को 1 अक्टूबर को चंडीगढ़ तलब किया है।

अमृतसर के रामानंद बाग के गली नंबर 2 निवासी विक्र म वैद्य ने सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट को लेकर 9 सवालों के जवाब डी.जी.पी. (पी.आई.ओ.) पंजाब व मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (भारत सरकार) से मांगे 26 मार्च 2018 को मांगे  थे। डी.जी.पी. (पी.आई.ओ.) पंजाब ने 26 अप्रैल 2018 और मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के डायरेक्टर अनिल सुब्रहम ने 9 जुलाई 2018 को जो जवाब भेजा है उनमें करोड़ों की रकम का ‘हेरफेर’ दिख रहा है। ‘पंजाब सरकार’ ने जहां सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट के लिए 2264.17 लाख फंड मिलना बताया है वहीं ‘मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स’ ने बताया कि 48.2 करोड़ रुपए का फंड दिया गया है।   

आर.टी.आई. एक्टिविस्ट विक्रम वैद्य कहते हैं कि 1 अक्तूबर को अगर डी.जी.पी (पी.आई.ओ, पंजाब) को स्टेट इन्फॉर्मेशन कमिश्रर के समक्ष पेश होकर उन्हें आर.टी.आई. की पूरी जानकारी नहीं देंगे तो वो पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, क्योंकि मामला जनता के हित से और पंजाब की सुरक्षा से जुड़ा है। 

आर.टी.आई. में डी.जी.पी. कार्यालय (पी.आई.ओ.) से मांगे गए 26 मार्च को इन 9 सवालों के जवाब 
*सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट में कितना पैसा केन्द्र सरकार से मिला? 
*किन-किन चीजों पर पैसा खर्च किया? 
*इन पैसों की ऑडिट कौन से अधिकारी कर रहे थे? 
*राज्य में कितने थानों को 100 प्रतिशत ‘पेपर लैस ’व ‘डिजीटल वर्क’ बनाया गया? 
*कितने सालों का रिकार्ड डिजिटल हुआ? 
*डिजीटल होने के बाद कौन-कौन सा रिकार्ड नष्ट किया गया? 
*कितने पुलिस थानों को डिजीटल से जोड़ा गया?
*इस प्रोजैक्ट में किस ठेकेदार को और किन-किन लोगों को किन-किन मुहिम से जोड़ा गया? 
*राज्य में अब तक रिकार्ड कौन-कौन से डिजीटल हुए? 

डी.जी.पी. (पी.आई.ओ., पंजाब) ने दिए 26 अप्रैल को ये जवाब 

*मिनिस्ट्री ऑफ अफेयर से 2264.17 लाख मिले, 2235.78 लाख खर्च हुए। 
*राज्य के 574 लोकेशनों पर सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट पर काम हुआ। 31,375 पुलिस वालों को ट्रेङ्क्षनग दी गई, 400 पुलिस स्टेशनों को सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट जोड़ा गया। 6 लाख 66 हजार 919 एफ.आई.आर व रजिस्टर नंबर (13.एवं 3.1) डिजीटल किया गया। 
*मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर (गर्वमैंट ऑफ इंडिया) के पास खातों की ऑडिट है। 
*400 थानों में एफ.आई.आर. (जी.डी.) (जनरल डायरी रजिस्टर) को प्रोजैक्ट से जोड़ा गया। 
*2005 से रिकार्ड डिजीटल हैं। 
*गर्वमैंट ऑफ इंडिया के पास रिकार्ड नष्ट करने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। 
*400 पुलिस स्टेशनों को 12 फरवरी 2018 से डिजीटल रूप से जोड़ दिया गया है। 
*टी.सी.एस. लिमिटेड कंपनी को ठेका दिया गया था, सुमित मित्तल प्रोजैक्ट मैनेजर हैं।
*सांझ केन्द्र से पुलिस स्टेशनों की शिकायतें ले सकते हैं।  कोई भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। शिकायत की कापी ले सकते हैं। एफ.आई.आर की कापी ले सकते हैं। किसी भी क्रिमिनल व गिर तार आरोपी की जानकारी ले सकते हैं। ‘किडनैप’ व ‘गुमशुदा’ लोगों की जानकारी ले सकते हैं। लावारिश लाशों की जानकारी ले सकते हैं। स्कूटर, बाइक, हथियार व चोरी की दर्ज चीजों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। नौकरों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। पासपोर्ट व सीनियर सिटीजन के बारे में जानकारी के  साथ-साथ पोर्टल से फार्म  डाउनलोड कर सकते हैं। 

मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स’ (भारत सरकार) ने दिए 9 सवालों की आर.टी.आई. का जवाब 

*सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट के लिए फंड स्टेट को फंड जारी कर दिया गया है। 
*इन फंडों से थानों से लेकर पुलिस अधिकारियों के ऑफिस में डिजीटल काम करने, एक-दूसरे थानों को आपस में ऑनलाइन जोड़ेने ‘डाटा डिजीटल’ करने बिल्डिंग के निर्माण व ‘पेपर लैस’ वर्क करने पर खर्च किया जाना है। 
*सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट का खाता स्टेट ही ऑडिट करेगा। 
*48.2 करोड़ रुपए पंजाब सरकार को रिलीज कर दिया गया है। 
*सारा रिकार्ड डिजीटल हो चुका है। 
*डाटा डिजीटल के बाद रिकार्ड को नष्ट करने की जि मेदारी पंजाब सरकार के अधीन है। 
*इसका रिकार्ड डिजीटल तौर पर वैबसाइट पर दिया पंजाब सरकार ने दिया है। 
*यह जिम्मेदारी पंजाब सरकार के अधीन है। 
*नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) के अधीन यह सारे रिकार्ड डिजीटल किए जाने हैं, जो पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है। 

सिर्फ प्रोजैक्ट मैनेजमैंट कंसल्टैंसी पर 356.14 लाख खर्च
मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स द्वारा दिए गए सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट में ‘प्रोजैक्ट मैनेजमैंट कंसल्टैंसी पर 356.14 लाख खर्च किए गए, जबकि नैटवर्किंग पर 518.98 लाख, हार्डवेयर पर (34 नए पुलिस स्टेशनों पर) 81.16 लाख, बिल्डिंग व अन्य चीजों पर 225.91 लाख खर्च किए हैं। कुल रकम 2264.17 लाख मिली, जिसमें 2235.78 लाख खर्च किए गए। 

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