आतंकियों की घुसपैठ की चेतावनी के बावजूद सार्वजनिक स्थलों में सुरक्षा प्रबंध ‘जीरो’

punjabkesari.in Saturday, Nov 17, 2018 - 11:39 AM (IST)

अमृतसर (नीरज): एक तरफ जहां पंजाब में आतंकी घुसपैठ हो चुकी है और सभी सुरक्षा एजैंसियों द्वारा पूरे पंजाब में रैड अलर्ट जारी किया जा चुका है, वहीं महानगर में सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों में सुरक्षा प्रबंध ‘जीरो’ नजर आ रहे हैं जिससे आतंकी हमला होने की एवज में हजारों लोग सॉफ्ट टार्गेट बन सकते हैं। 

‘पंजाब केसरी’ टीम की तरफ से जब रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व गुरु नानक देव अस्पताल का दौरा किया गया तो सामने आया कि रेलवे स्टेशन के आसपास तो चोर रास्ते बने हुए हैं जिनमें से आसानी के साथ घुसपैठ हो सकती है। इन रास्तों से बिना बिल सामान के अलावा बिना टिकट यात्री आसानी से आ-जा सकते हैं। बस स्टैंड व महानगर के सबसे बड़े गुरु नानक देव अस्पताल के एंट्री प्वाइंट्स पर किसी प्रकार के सुरक्षा प्रबंध नजर नहीं आए जिससे एक साथ सैंकड़ों लोग आतंकियों का शिकार बन सकते हैं।

रिट्रीट सैरेमनी स्थल, आई.सी.पी. व समझौता एक्सप्रैस को जैश दे चुका है उड़ाने की धमकी
पंजाब के सीमावर्ती जिले अमृतसर की बात करें तो यहां पर भीड़भाड़ वाले स्थल रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व अस्पताल ही नहीं हैं बल्कि अटारी बॉर्डर पर बी.एस.एफ. एवं पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली परेड में भी एक साथ 25 से 30 हजार लोग हर रोज आते हैं। इस रिट्रीट सैरेमनी स्थल को भी पाकिस्तान समॢथत आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है। इतना ही नहीं पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन नहीं चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच किसी प्रकार का कारोबार व दोस्ताना संबंध हो।

पाकिस्तान के साथ सड़क मार्ग के जरिए आयात-निर्यात का एकमात्र जरिया आई.सी.पी. अटारी व समझौता एक्सप्रैस को भी उड़ाने की धमकी कई बार मिल चुकी है। यही कारण है कि आज भी पाकिस्तान जाने वाले यात्रियों को अटारी बॉर्डर क्रॉस करने के बाद पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर में उतार दिया जाता है और वहां से यात्री प्राइवेट बसों के जरिए अपना सफर करते हैं।

मुंबई हमले में भी रेलवे स्टेशन व अस्पतालों को बनाया गया था निशाना
जम्मू-कश्मीर व अन्य सीमावर्ती इलाकों से घुसपैठ करके भारत में हमला करने वाले आतंकवादियों का मकसद यही होता है कि वे सुरक्षा एजैंसियों व आम जनता का ज्यादा से ज्यादा नुक्सान करें। मुंबई हमला इस बात का बड़ा सबूत है कि आतंकवादी अपने हमले के दौरान ज्यादा से ज्यादा जानी नुक्सान करने के लिए रेलवे स्टेशन, अस्पतालों व बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थलों को ही निशाना बनातेहैं क्योंकि इन सार्वजनिक स्थलों पर एक साथ हजारों नागरिकों को गोली का निशाना बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं इन स्थलों पर इतनी भीड़ रहती है कि यदि जरा-सी भगदड़ मच जाए तो दर्जनों लोग एक-दूसरे के पांवों के नीचे आकर मारे जा सकते हैं। लेकिन फिर भी प्रशासन की तरफ से महानगर के सार्वजनिक स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध नहीं किए गए हैं।

पाकिस्तानी रिट्रीट सैरेमनी स्थल पर हो चुका है आत्मघाती हमला
भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली रिट्रीट सैरेमनी स्थल की बात करें तो पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन पाकिस्तान के रिट्रीट सैरेमनी स्थल पर आत्मघाती हमला कर चुके हैं। हालांकि इस हमले में वे पाकिस्तान के रिट्रीट सैरेमनी स्थल के एंट्री प्वाइंट तक ही पहुंच पाए थे लेकिन इसमें भी 62 पाकिस्तानी नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले से भारतीय टूरिस्ट गैलरी में भी बड़ा नुक्सान हो सकता था लेकिन गनीमत रही कि उस समय भारतीय टूरिस्ट गैलरी में ज्यादातर लोग परेड देखने के बाद वापस जा चुके थे अन्यथा आत्मघाती हमले में किए गए विस्फोट से भारतीय टूरिस्ट गैलरी में भी भगदड़ मच सकती थी।

गुरदासपुर हमलों के बाद बनाई गई थी सैकेंड लाइन ऑफ डिफैंस
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बी.एस.एफ. फस्र्ट लाइन ऑफ डिफैंस है लेकिन जब आतंकवादियों की तरफ पठानकोट व गुरदासपुर में लगातार 2 बार हमला किया गया तो पंजाब पुलिस की तरफ से भी बॉर्डर से कुछ किलोमीटर के क्षेत्र में सैकेंड लाइन ऑफ डिफैंस बनाई गई ताकि घुसपैठ करके आने वाले आतंकवादी यदि शहरी इलाके में प्रवेश करने का प्रयास करें तो उनको रास्ते में ही रोक दिया जाए। हालांकि अभी तक सुरक्षा एजैंसियों को यह पता नहीं चल सका है कि पठानकोट व गुरदासपुर में हमला करने वाले आतंकवादी पंजाब बॉर्डर क्रॉस करके आए थे या फिर जम्मू-कश्मीर क्रॉस करके पठानकोट पहुंचे थे।


अटारी रिट्रीट सैरेमनी स्थल पर बी.एस.एफ. के सुरक्षा प्रबंध कड़े
बी.एस.एफ. व पाकिस्तान रेंजर्स के बीच होने वाली परेड देखने आने वाले हजारों की संख्या में टूरिस्टों की चैकिंग करना आसान नहीं है लेकिन बी.एस.एफ. की तरफ से अटारी बॉर्डर रिट्रीट सैरेमनी स्थल पर सुरक्षा प्रबंध कड़े रखे गए हैं। इसमें मैटेल डिटैक्टर मशीनों के अलावा मैनुअली भी चैकिंग की जा रही है और डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है। बी.एस.एफ. की महिला कांस्टेबल परेड देखने आने वाली महिला टूरिस्टों की अलग से चैकिंग कर रही हैं।


         

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