सिख रैफरैंस पुस्तकालय से उठाए गए पावन स्वरूप व अनमोल पुस्तकें अभी तक पूरी वापस नहीं मिलीं :एस.जी.पी.सी.

punjabkesari.in Friday, Jun 14, 2019 - 03:51 PM (IST)

अमृतसर(दीपक): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से सिख रैफरैंस पुस्तकालय का साहित्यिक सरमाया केन्द्र सरकार और फौज की तरफ से अभी तक वापस न करने का दावा किया गया है। जून 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर समय की केन्द्रीय कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए फौजी हमले दौरान सिख रैफरैंस पुस्तकालय का सरमाया उठा लिया गया था, जिसकी वापसी को लेकर शिरोमणि कमेटी कई वर्षों से सरकार से मांग करती आ रही है।

परन्तु हाल ही में मीडिया की तरफ से खबरें प्रकाशित की गई कि केन्द्र सरकार द्वारा पुस्तकालय का समूह सरमाया वापस कर दिया गया था। इस मामले की गंभीरता के मद्देनजर शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल के निर्देशों अनुसार मुख्य सचिव डा. रूप सिंह ने पुस्तकालय से सम्बन्धित मौजूदा और पूर्व पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई थी। आज हुई इस मीटिंग दौरान सम्बन्धित अधिकारियों के साथ किए विचार-विमर्श के बाद शिरोमणि कमेटी के मुख्य सचिव डा. रूप सिंह ने बताया कि सिख रैफरैंस पुस्तकालय का चुराया गया अनमोल सरमाया पूर्ण रूप में शिरोमणि कमेटी को वापस नहीं किया गया। 
उन्होंने बताया कि शिरोमणि कमेटी को पुस्तकालय के पूर्व डायरैक्टर डा. अनुराग सिंह की तरफ से मुहैया करवाई गई लिस्टों अनुसार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 205 हस्तलिखित स्वरूप, 807 पुस्तकें, 1 हुक्मनामा और अखबारें शिरोमणि कमेटी को वापस की गई थीं। 

डा. रूप सिंह ने बताया कि रजिस्टरों के रिकार्ड मुताबिक जून 1984 से पहले पुस्तकालय में 512 श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के हाथ लिखित स्वरूप और 12613 दुर्लभ पुस्तकों के अतिरिक्त बड़ी संख्या में अखबारें मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि यदि मीडिया में आई सूची और डा. अनुराग सिंह की तरफ से दी गई जानकारी मुताबिक पुस्तकालय का सामान वापस आया भी है तो फिर भी 512 हस्तलिखित पवित्र स्वरूप और 12 हजार दुर्लभ पुस्तकें शिरोमणि कमेटी के पास नहीं पहुंचीं। उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह स्वीकृत नहीं किया जा सकता कि सारा सामान शिरोमणि कमेटी को वापस कर दिया गया है।
डा. सिंह ने प्रकाशित खबरों में बड़ी कीमत पर बेचे गए हस्तलिखित स्वरूप के बारे में कहा कि इस बारे भी शिरोमणि कमेटी की तरफ से पड़ताल करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी प्रधान भाई लौंगोवाल द्वारा इस सम्बन्ध में एक हाई पावर कमेटी बनाई जाएगी, जो मामले की हर पक्ष से मुकम्मल पड़ताल करेगी। इसमें शिरोमणि कमेटी के ट्रस्टी मैंबर, हस्तलिखितों के माहिर, कानूनी माहिर और शिरोमणि कमेटी के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय रिकार्ड के मुताबिक पुस्तकालय में 24999 पुस्तकें, 560 हस्तलिखित पवित्र स्वरूप और 1398 हस्तलिखित पोथियां मौजूद हैं। डा. सिंह के अनुसार हुई मीटिंग में 21 मौजूदा और पूर्व पदाधिकारी व अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिन्द्र सिंह वेदांती, सचिव मनजीत सिंह, महेन्दर सिंह अहली, बलविन्दर सिंह जौड़ासिंघा, निजी सचिव इंजी. सुखमिन्द्र सिंह, पूर्व सचिव दलमेघ सिंह, कुलवंत सिंह, जोगिन्द्र सिंह अदलीवाल, सतबीर सिंह, दिलबाग सिंह, लाइबे्ररी के पूर्व डायरैक्टर डा. अनुराग सिंह, हरदीप सिंह, किरपाल सिंह, बलबीर सिंह, राज सिंह, हरजिन्दर सिंह कैरोवाल, बलविन्दर सिंह, बगीचा सिंह, बीबी सुखविन्दर कौर, इंचार्ज डा. अमरजीत कौर, आजाद दीप सिंह, गुरनाम सिंह, मलकीत सिंह व अन्य मौजूद थे।

swetha